14 दवाओं पर से प्रतिबंध हटाने को मंजूरी & लॉकडाउन अटकलें न लगाएं फर्जी न्यू्ज वायरल हो रही है & Top News

7 April 20# Top High Light# Reliable & Authantic News: Only Himalayauk ; Media ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) ने अक्षय पात्र नामक एनजीओ को दान दिया के खिलाफ SC पहुंचा जमीयत #लॉकडाउन बढ़ाने पर सही वक्त पर फैसला होगा: स्वास्थ्य मंत्रालय #सुनील गावस्कर ने 59 लाख रुपये दिए#मलेरिया रोधी दवा ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ के निर्यात को अस्थायी तौर पर मंजूरी दे दी.#हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) ड्रग क्या Covid-19 के इलाज में भी कारगर है? #सोनिया गांधी ने सरकार के खर्च में कटौती के सुझाव दिए# जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने मंगलवार को इमरजेंसी का ऐलान कर दिया #सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल# ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) ने अक्षय पात्र नामक एनजीओ को दान दिया # तो उन सभी पैसों का क्या हुआ जो हमने अपनी गरीब जनता को छुपाने और उनके स्वागत के लिए खर्च किये थे  बॉलीवुड एक्टर विपिन शर्मा # सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना को हराने के लिए 5T प्लान तैयार किया

#फर्जी न्‍यूज और वायरल हो रही है   ग्रुप एडमिनो में मचा हडकम्‍प- डर के मारे बुुुुरा हाल :

गूगल ने अपने सर्च इंजन में रखा वरियता क्रम में- BY: www.himalayauk.org (Uttrakhand Leading Newsportal & Daily Newspaper) Publish at Dehradun & Hariwar Mail us; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030## Bureau & Media Reports –

Tues Update;  कोरोना वायरस से देशवासियों को राहत की खबर आयी है। पिछले एक सप्ताह में पहली बार कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या कम हुई है। हालांकि इसके बावजूद कोरोना संक्रमितों की संख्या 4917 हो गई है। जबकि 137 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 4394 लोगों को अस्पतालों में उपचार चल रहा है। 386 लोग इलाज के बाद ठीक होकर घर जा चुके हैं। भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा पिछले 8 दिनों में पहली बार कम हुआ है। 29 मार्च को कोरोना संक्रमितों के 115 नए मामले सामने आए थे। इसके बाद लगातार बढ़ते हुए 6 अप्रैल को 606 संक्रमित आए। इसके बाद संक्रमितों की कुल संख्या 4290 हो गई। लेकिन 7 अप्रैल को 120 मामले कम आए हैं। पिछले 24 घंटे में 489 कोरोना वायरस संक्रमित आने के बाद कुल संख्या 4778 हो गई। मंगलवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक मरीजों की संख्या 4421 हो गई है, जबकि अभी तक 114 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 326 लोगों का उपचार हो चुका है

Media के खिलाफ SC पहुंचा जमीयत

तब्लीगी जमात मामले की मीडिया रिपोर्टिंग के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. देवबंदी मुस्लिम उलेमाओं के संगठन ने कहा है कि मीडिया गैर-जिम्मेदारी से काम कर रहा है. कोरोना वायरस की आड़ में मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है. कोर्ट इस पर लगाम लगाए.

लॉकडाउन बढ़ाने पर सही वक्त पर फैसला होगा: स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- लॉकडाउन बढ़ाने पर अभी तक कोई फैसला नहीं, कृपया अटकलें न लगाएं– नई दिल्ली: लॉकडाउन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि अभी तक इसे बढ़ाए जाने को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है. इसलिए कृपया अटकलें ना लगाएं. कोविड-19 को लेकर रोजाना होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मंत्रालय के अधिकारी ने ये बात कही.  स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि आईसीएमआर की एक स्टडी बताती है कि अगर एक कोविड-19 के मरीज ने लॉकडाउन का पालन नहीं किया और सोशल डिस्टेंसिंग के प्रैक्टिस को फॉलो नहीं किया तो वह तीस दिनों में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है. ज लॉकडाउन को लेकर न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर दी कि कई राज्यों और एक्सपर्ट्स ने केंद्र सरकार को लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने की सलाह दी है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने इस दिशा में सोचना शुरू कर दिया है. लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अभी तक सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है. मंगलवार शाम करीब चार बजे आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 354 मामले सामने आए हैं. देश में कुल मामले 4421 हो गए हैं. उन्होंने बताया कि इलाज के बाद 326 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है. वहीं आईसीएमआर के अध्यक्ष आर गंगाखेडकर ने बताया कि देश में अब तक 1,07,006 टेस्ट किए जा चुके हैं. अभी 136 सरकारी और 59 प्राइवेट लैब को टेस्ट करने की इजाजत दी गई है. इसके अलावा गृह मंत्रालय की अधिकारी पीएस श्रीवास्तव ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की स्थिति संतोषजनक है. गृह मंत्री ने आवश्यक वस्तुओं और लॉकडाउन उपायों की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की, उन्होंने उचित उपाय करने और जमाखोरी और कालाबाजारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

सुनील गावस्कर ने 59 लाख रुपये दिए

MUMBAI, INDIA – MAY 2, 2006: Indian cricketer Sunil Gavaskar. (Photo by Manoj Patil/Hindustan Times via Getty Images)

कोरोना वायरस की वजह से देश संकट के दौर से गुजर रहा है. ऐसे मुश्किल वक्त में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर मदद के लिए आगे आए हैं. सुनील गावस्कर ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में 59 लाख रुपये दिए हैं. गावस्कर के अलावा पुजारा ने भी पीएम केयर फंड में दान दिया है. अपने जमाने के मशहूर सलामी बल्लेबाज और अब जाने माने कमेंटेटर गावस्कर ने स्वयं अपने योगदान का खुलासा नहीं किया. लेकिन मुंबई के पूर्व कप्तान अमोल मजूमदार के ट्वीट के बाद उनके करीबी सूत्रों ने इसकी पुष्टि की. मजूमदार ने कहा, ”अभी सुना कि सुनील मनोहर गावस्कर ने कोविड राहत कोष के लिये 59 लाख रुपये का दान दिया है. इनमें से 35 लाख प्रधानमंत्री केयर्स फंड और 24 लाख महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कोष में दिये गये हैं. सराहनीय कार्य सर.”

पुजारा ने कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले चिकित्सकों, अन्य चिकित्साकर्मियों और पुलिस का आभार व्यक्त किया जो संकट के इस दौर में निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ”मेरे परिवार और मैंने केयर्स फंड और गुजरात के मुख्यमंत्री के राहत कोष में अपनी तरफ से थोड़ा योगदान दिया है और आशा है कि आप भी ऐसा करेंगे. प्रत्येक योगदान मायने रखता है तो चलिए हम सभी अपनी तरफ से थोड़ा योगदान करते हैं और मिलकर हम निश्चित तौर पर इससे पार पा लेंगे.”

इसके साथ ही पुजारा वर्तमान क्रिकेटरों में विराट कोहली, रोहित शर्मा, अंजिक्य रहाणे और केदार जाधव की सूची में शामिल हो गये हैं जिन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. पुजारा ने हालांकि यह खुलासा नहीं किया कि उन्होंने कितनी धनराशि का योगदान दिया है.
टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी और दुनिया के सबसे ज्यादा इंटरनेशनल रन बनाने वाले बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर पहले ही मदद के लिए 50 लाख रुपये दान दे चुके हैं. सचिन ने पिछले हफ्ते मदद का एलान किया था. सौरव गांगुली भी 50 लाख रुपये के चावल बांटने के काम में लगे हुए हैं.

ऋतिक रोशन ने अक्षय पात्र नामक एनजीओ को दान दिया

बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) बुजुर्गों की मदद के लिए सामने आए हैं. बीएमसी कार्यकर्ताओं और कार्यवाहकों की सुरक्षा के लिए N95 और FFP3 मास्क की व्यवस्था करने के बाद, ऋतिक रोशन अब उन लोगों के लिए पौष्टिक पके हुए भोजन के 1.2 लाख पैकेट की सुविधा करने में मदद कर रहे हैं जो इस समय खुद के लिए भोजन का जुटाने में असमर्थ हैं. एक्टर ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) ने अक्षय पात्र नामक एनजीओ को दान दिया है, जो वृद्धाश्रम, दिहाड़ी मजदूर और भारत भर के निम्न आय वर्ग के लोगों को इन कठिन समय में पौष्टिक पका हुआ भोजन सुनिश्चित करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. इस बात की जानकारी एक्टर ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए दी है. एनजीओ अक्षय पात्र ने अपने ट्विटर पर ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan Twitter) की तत्काल मदद प्राप्त करने के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा, “हमें साझा करने में खुशी हो रही है, हमारे फाउंडेशन को अब सुपरस्टार ऋतिक रोशन द्वारा सशक्त बनाया गया है. मिलकर अब हम वृद्धाश्रम, दिहाड़ी मजदूर और भारत भर में निम्न आय वर्ग के लोगों को 1.2 लाख पौष्टिक पके हुए भोजन के पैकेट की सुविधा प्रदान करेंगे.” भिनेता ने अपने ट्विटर हैंडल पर भावनात्मक और दिल से जवाब देते हुए लिखा,”मैं आपको यह सुनिश्चित करने की शक्ति देता हूं कि हमारे देश में कोई भी भूखा न सोए.आप सभी असली सुपरहीरो हैं.” एक्टर के इस ट्वीट पर लोग खूब रिएक्ट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

मलेरिया रोधी दवा ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ के निर्यात को अस्थायी तौर पर मंजूरी दे दी.

वाशिंग्टन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मलेरिया रोधी ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ दवा ना देने पर भारत को कड़े परिणाम भुगतने की चेतावनी देने के कुछ घंटों बाद ही मंगलवार को भारत ने कुछ देशों को उचित मात्रा में पैरासिटामोल और मलेरिया रोधी दवा ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ के निर्यात को अस्थायी तौर पर मंजूरी दे दी.

‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ मलेरिया की एक पुरानी और सस्ती दवाई है. ट्रंप इसे कोविड-19 के इलाज के लिए एक व्यावहारिक उपचार बता रहे हैं. बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण से अमेरिका में 10,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और करीब साढ़े तीन लाख लोग इससे संक्रमित हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अनुराम श्रीवास्तव ने कहा, ‘महामारी के मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए भारत ने उन सभी पड़ोसी देशों को उचित मात्रा में पैरासिटामोल और मलेरिया रोधी दवा ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ के निर्यात को मंजूरी दे दी है, जो हमारे ऊपर निर्भर हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम इन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति उन कुछ देशों को भी करेंगे जो खासतौर पर महामारी से बुरी तरह प्रभावित हैं. इसलिए इस संबंध में हम किसी भी आशंका या राजनीतिकरण के किसी भी प्रयास को बढ़ावा नहीं देंगे. कोविड-19 महामारी को देखते हुए भारत हमेशा इस बात का पक्षधर रहा है कि मजबूत एकजुटता और सहयोग दिखाना चाहिए.’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसी भी जिम्मेदार सरकार की तरह भारत की पहली प्राथमिकता यह है कि उसके अपने लोगों के लिए आवश्यक दवाएं की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे.

मंत्रालय ने कहा कि इसको सुनिश्चित करने के लिए कई दवाओं के निर्यात को प्रतिबंधित करने का अस्थायी कदम उठाया गया था. इस बीच विभिन्न परिस्थितियों में आवश्यक दवाओं का आकलन किया गया. सभी आकस्मिक परिस्थितियों में दवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के बाद अधिकांश प्रतिबंंधों को हटा लिया गया. विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) ने भी सोमवार को 14 दवाओं पर से प्रतिबंध हटाने को मंजूरी दे दी.

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) ड्रग क्या Covid-19 के इलाज में भी कारगर है?

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) ड्रग का नाम इन दिनों बहुत सुर्खियों में है. मलेरिया के इलाज के लिए काम आने वाली ये ड्रग क्या Covid-19 के इलाज में भी कारगर है? इसका कोई ठोस सबूत तो सामने नहीं आया है, लेकिन अमेरिका ने इस ड्रग को भारत से आयात करने में गहरी दिलचस्पी जताई है. रत ने कोरोना वायरस संकट को देखते हुए इस ड्रग के निर्यात पर कुछ समय पहले रोक लगा दी थी. लेकिन अब भारत ने इस ड्रग को लाइसेंस्ड कैटेगरी में डाल दिया है. इसका मतलब है कि भारत में अपनी जरूरत पूरी होने के बाद ड्रग का स्टॉक सरप्लस है तो उसे निर्यात किया जा सकेगा यानी अमेरिका भी भेजा जा सकेगा. अब एक हफ्ते में ही 20 करोड़ यूनिट्स HCQ के उत्पादन की क्षमता जुटा ली गई है. सूत्रों ने ड्रग के निर्यात की संभावना पर ये बात कही. सरकार के अनुमान के मुताबिक बाजार में करीब 1-2 करोड़ यूनिट्स का बफर स्टॉक मौजूद है. सारा आंकलन इस बात को लेकर किया गया कि अगले 8 हफ्तों में ड्रग की कितनी जरूरत होगी. देश के करीब 400 रजिस्टर्ड ड्रग निर्माता इसका उत्पादन शुरू कर दें तो अपेक्षित क्षमता तक पहुंचा जा सकता है. HCQ अब पेटेंट ड्रग नहीं रही है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि ड्रग को बनाने के लिए जरूरी एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट (API) के अगले 4 महीने तक चीन से आयात की जरूरत नहीं है.

भारतीय ड्रग निर्माताओं के एसोसिएशन का कहना है कि अब तक देश में HCQ का सालाना 20 करोड़ यूनिट्स होता रहा है. भारत में सिर्फ 3 करोड़ यूनिट्स की ही हर साल खपत होती है. यहां जितना ड्रग का निर्माण होता है, उसका करीब 75-80% हर साल निर्यात होता है.  देश में IPCA कंपनी HCQ की सबसे बड़ी निर्माता है. अहमदाबाद स्थित कैडिला भी इस क्षेत्र में अहम निर्माता है. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और एजिथ्रो-माइसिन का कॉम्बीनेशन कॉमन एंटीबायोटिक के तौर पर होता है. वडोदरा स्थित कंपनी एलेम्बिक घरेलू मार्केट लीडर है. इसका ब्रांड एजिथ्राल, मार्केट में 30 फीसदी हिस्सेदारी रखता है. अनुमान के मुताबिक IPCA 600 टन क्लोरोक्वीन फास्फेट बनाती है जो एंटी मलेरिया ड्रग है. ग्लोबल मार्केट में इसकी हिस्सेदारी 80 फीसदी है. हालांकि, संबंधित मलेरिया वैरिएंट से जुड़े केस कम हो जाने की वजह से इसकी मांग घट गई है.

सोनिया गांधी ने सरकार के खर्च में कटौती के सुझाव दिए

वही दूसरी ओर Coronavirus: देश में बढ़ते कोरोनावायरस के संकट को देखते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी। उन्होंने इस चिट्ठी में सरकार के खर्च में कटौती के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि सरकार के खर्च में 30 फ़ीसदी की कटौती की जाए तो वहीं उन्होंने अन्य सुझाव भी दिए। कांग्रेस ने अपने टि्वटर हैंडल पर लिखा कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए कई उपाय सुझाए। इन उपायों में मुख्य रूप से खर्चों में कटौती कर कोरोना से निपटने में उपयोग किये जाने का सुझाव दिया। सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार को 30 फ़ीसदी कटौती करनी चाहिए साथी सेंट्रल विस्टा परियोजना को स्थगित कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सांसदों और नौकरशाहों के विदेशी दौरे को भी सरकार को तत्काल रुप से स्थगित कर देना चाहिए और इसके अलावा सरकारी विज्ञापनों पर खर्च होने वाले पैसे पर भी कटौती करनी चाहिए। वहीं उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स कोष की राशि को प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष में ट्रांसफर कर देना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि बीते सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कई राजनीतिक पार्टियों के राजनेताओं से कोरोनावायरस को लेकर चर्चा की थी। वहीं देश में खड़े हुए संकट को लेकर प्रधानमंत्री लगातार सांसदों से लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं से लगातार चर्चा कर रहे हैं।

जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने मंगलवार को इमरजेंसी का ऐलान कर दिया

कोरोना वायरस महामारी का संकट दुनिया के अलग-अलग देशों में बढ़ता जा रहा है. इसी महासंकट के बीच जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने मंगलवार को इमरजेंसी का ऐलान कर दिया. ये इमरजेंसी पूरे देश में नहीं बल्कि कुछ प्रांतों में लागू होगी, जहां पर कोरोना वायरस के सर्वोधिक केस आए हैं. जापानी पीएम के ऐलान के मुताबिक ये व्यवस्था एक महीने तक लागू रहेगी. समाचार एंजेसी रॉयटर्स के मुताबिक, जापान में राजधानी टोक्यो समेत अन्य 5 प्रांत में ये इमरजेंसी रहेगी, जिसके तहत जापान की 44 फीसदी आबादी इसके अंतर्गत आएगी. इसके अलावा सरकार की ओर से 990 बिलियन डॉलर के राहत पैकेज का ऐलान किया गया है. जिसके तहत सरकार की ओर से जरूरतमंदों को आर्थिक मदद दी जाएगी, इसके अलावा जिनका काम प्रभावित हो रहा है उन्हें भी मदद दी जाएगी. ये इमरजेंसी 6 मई तक लागू रहेगी और उसके बाद हालात को देखते हुए फैसला लिया जाएगा.

इमरजेंसी के दौरान राजधानी टोक्यो के अलावा कंगावा, चीबा, साइतामा, फुकोउका, ह्योगो और ओसाका के लोगों को घर में रहने की सलाह दी गई है. बता दें कि जापानी पीएम के द्वारा किए गए इस इमरजेंसी का ऐलान पूर्णत: लॉकडाउन से नहीं है.  इस इमरजेंसी के दौरान प्रांतों के गवर्नर को यह ताकत मिलेगी कि लोगों को घरों में रहने का आदेश जारी किया जाए और सभी बाजारों को बंद करने की सलाह दी जाए. हालांकि, इस दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट, खाने-दवाई की दुकानें खुलती रहेंगी. लेकिन लोगों से अधिक से अधिक घर में रहने को कहा जाएगा.  जापान में कोरोना वायरस के केस में पिछले एक हफ्ते में तेजी आई है, पूरे देश में ये मामले 4000 के पार चले गए हैं, जबकि 90 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. इसमें सभी ज्यादा केस टोक्यो से हैं. सरकार की तरफ से लोगों से अपील की गई है कि जबरदस्ती बाजार ना जाएं और जितनी जरूरत हो उतना ही सामान खरीदें.

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया

अब देश की तमाम अदालतें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई कर सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इसकी अनुमति दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट अपने राज्य में सुनवाई को लेकर नियम बनाएं। निचली अदालतें उसके मुताबिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई शुरू कर दें। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट खुद इन दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई कर रहा है। कुछ हाई कोर्ट भी जरूरी मामलों की सुनवाई के लिए ऐसा ही कर रहे हैं। लेकिन निचली अदालतों में कोरोना के खतरे के बीच कामकाज लगभग बंद पड़ा है। ऐसे में, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश के जरिए निचली अदालतों में कामकाज का रास्ता खोल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चल रही सुनवाई को बेहतर बनाने, भविष्य में भी इसे जारी रखने को लेकर वरिष्ठ वकील विकास सिंह की चिट्ठी का संज्ञान लेते हुए आज सुनवाई की। सुनवाई में मौजूद रहे अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, कानून मंत्रालय के सचिव, NIC की डायरेक्टर जनरल और विकास सिंह ने अपने अपने सुझाव दिए। इसी सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े, डी वाई चंद्रचूड़ और नागेश्वर राव की बेंच ने देशभर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई शुरू किए जाने का आदेश दिया।

– तो उन सभी पैसों का क्या हुआ जो हमने अपनी गरीब जनता को छुपाने और उनके स्वागत के लिए खर्च किये थे  बॉलीवुड एक्टर विपिन शर्मा

नई दिल्ली:  कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच अमेरिका के राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के निर्यात पर लगी रोक को हटाने के लिए भारत को चेतावनी दी है, जिसे लेकर हाल ही में बॉलीवुड एक्टर विपिन शर्मा (Vipin Sharma) ने ट्वीट किया है. विपिन शर्मा का अमेरिका को लेकर आया यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है, साथ ही लोग इसपर जमकर कमेंट भी कर रहे हैं. अपने ट्वीट के जरिए विपिन शर्मा ने भारत की सरकार पर भी तंज कसने की कोशिश की है. बता दें कि विपिन शर्मा के अलावा इस मुद्दे को लेकर एक्ट्रेस पूजा भट्ट ने भी ट्वीट किया था. 

विपिन शर्मा (Vipin Sharma) ने अमेरिका द्वारा भारत को दी गई चेतावनी पर ट्वीट किया, “तो उन सभी पैसों का क्या हुआ जो हमने अपनी गरीब जनता को छुपाने और उनके स्वागत के लिए खर्च किये थे.” बता दें कि पहले भी अमेरिका कोरोना मरीजों के इलाज के लिए भारत से इस दवा की मांग कर चुका है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को बताया है कि उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है और उनसे हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) दवाई देने की गुजारिश की है ताकि कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज किया जा सके. 

वहीं, बात करें एक्टर विपिन शर्मा (Vipin Sharma) की तो वह अपनी एक्टिंग के साथ-साथ अपने विचारों के लिए भी खूब जाने जाते हैं. एक्टर अकसर समसामयिक मुद्दों पर बखूबी अपनी राय पेश करते हैं. उनका ट्वीट कई बार सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां भी बटोरता है. वहीं, कोरोना वायरस की बात करें तो भारत में इससे प्रभावित लोगों की संख्या 4,421 हो गई, जबकि मृतकों की संख्या 114 पर पहुंच गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी मंगलवार सुबह तक के आंकड़ों के मुताबिक देश के विभिन्न अस्पतालों में 3,981 संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है.

 दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना को हराने के लिए 5T प्लान तैयार किया

देश में कोरोनावायरस के बढ़ते कदमों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना को हराने के लिए 5T प्लान तैयार किया है। जिसके मुताबिक, दिल्ली के लोगों का रैपिड टेस्ट किया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम 5T प्लान के तहत काम करेंगे। जिसमें पहला टी प्लान लोगों की टेस्टिंग करना होगा। उन्होंने कहा कि हमने बड़े लेवल पर टेस्टिंग करने का फैसला किया है। दिल्ली में रहने वाले लोगों की टेस्टिंग की जाएगी। शुक्रवार से रिपीट टेस्टिंग का काम शुरू होगा। सीएम केजरीवाल ने कहा कि साउथ कोरिया की तर्ज पर लोगों की टेस्टिंग की जाएगी। सबसे पहले कोरोना के हॉटस्पॉट इलाकों में यह रैपिड टेस्ट किया जाएगा। इसके लिए एक लाख कीट का ऑर्डर दिया जा चुका है और शुक्रवार से यह टेस्ट किट आने लगेंगी। सीएम केजरीवाल ने कहा कि दूसरा काम ट्रेसिंग करना होगा। जो कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए लोगों को ट्रेस किया जा रहा है और इसके लिए हमारी सरकार ने पुलिस की मदद ली है। अब तक पुलिस को 27000 से ज्यादा लोगों के फोन नंबर दे जा चुके हैं, जिन को ट्रेस किया जा रहा है और वो होम क्वॉरेंटाइन हैं। इसमें तबलीगी जमात के लोग भी शामिल हैं। सीएम केजरीवाल ने कहा कि वह दिल्ली पुलिस को तबलीगी जमात में शामिल हुए लोगों के फोन नंबर देगी दिन से उन लोग का पता चल पाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा कि 5 प्लान में ट्रीटमेंट भी होगा। यानी कि जो लोग कोरोना पॉजिटिव है। उनका ट्रीटमेंट किया जाएगा। अभी तक दिल्ली में 500 से ज्यादा केस सामने आए हैं और हमने अब 3000 बेड वाली क्षमता तैयार कर ली है। दिल्ली के अलग-अलग हॉस्पिटल में यह काम किया जा रहा है। इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल में भी ट्रीटमेंट किया जाएगा  

फर्जी न्‍यूज और वायरल हो रही है  – ग्रुप एडमिनो में मचा हडकम्‍प- डर के मारे बुुुुरा हाल

  नई दिल्ली. पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में एक मैसेज वायरल किया जा रहा है। इसमें लिखा है- ‘आज रात 12 बजे से देशभर में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू हो चुका है। इसके बाद सरकारी विभागों को छोड़कर अन्य कोई भी नागरिक कोरोनावायरस से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी शेयर नहीं कर सकेगा। ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई होगी। वायरल मैसेज में वॉट्सऐप ग्रुप एडमिंस को भी सलाह दी गई है कि वे यह मैसेज अपने ग्रुप में फॉरवर्ड कर दें।’ इस मैसेज के साथ ही न्यूज वेबसाइट लॉइव लॉ की लिंक भी वायरल की गई है। लाइव लॉ ने खुद अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस वायरल दावे का खंडन किया है। वेबसाइट की तरफ से किए गए ट्वीट में लिखा है कि लाइव लॉ की रिपोर्ट के साथ एक फेक मैसेज वॉट्सऐप ग्रुप में वायरल किया जा रहा है। कृपया इसे साझा न करें।

इसके अलावा एक फर्जी न्‍यूज और वायरल हो रही है  नईदिल्ली. 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। देशभर में लॉकडाउन चलते हुए 14 दिन पूरे हो चुके हैं। 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि पूरी होगी। इसी बीच सोशल मीडिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नाम से एक मैसेज वायरल हो रहा है। इस मैसेज में डब्‍ल्‍यूएचओ का हवाला देते हुए लॉकडाउन का प्रोटोकॉल और शेड्यूल बताया गया है। वायरल मैसेज में लॉकडाउन के चार स्टेप बताए गए हैं। पहले स्टेप में 1 दिन, दूसरे में 21 दिन, तीसरे में 28 दिन और चौथे में 15 दिन की अवधि होने की बात लिखी है। वायरल दावे के हिसाब से 20 अप्रैल से 18 मई के बीच लॉकडाउन का तीसरा चरण होगा। डब्‍ल्‍यूएचओ ने इस मैसेज को फर्जी बताया है।

दरअसल यह पूरा मामला तब शुरू हुआ, जब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 से जुड़ी किसी भी खबर को प्रकाशित, प्रचारित या टेलीकास्ट करने के पहले पुष्टि की अनिवार्यता की जाए। सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए मैकेनिज्म में दावों की पड़ताल के बाद ही कोविड-19 से जुड़ी कोई भी जानकारी प्रचारित-प्रसारित हो।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च को इस संबंध में कहा, ‘महामारी के बारे में स्वतंत्र चर्चा में हस्तक्षेप करने का हमारा इरादा नहीं है, लेकिन मीडिया को घटनाक्रम की जानकारी आधिकारिक पुष्टि के बाद प्रकाशित-प्रचारित किए जाने के निर्देश हैं।’ सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने पाया, ‘लॉकडाउन के दौरान शहरों में काम करने वाले मजदूरों की बड़ी संख्या में फेक न्यूज के चलते घबराहट पैदा हुई कि लॉकडाउन तीन महीने से ज्यादा समय तक जारी रहेगा। जिन्होंने इस तरह की खबरों पर यकीन किया, उन लोगों के लिए माइग्रेशन (प्रवासन) अनकही पीड़ा बन गया। इस प्रक्रिया में कुछ ने अपना जीवन खो दिया। इसलिए हमारे लिए यह संभव नहीं है कि इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट या सोशल मीडिया द्वारा फर्जी खबरों को नजरअंदाज किया जाए।’ हालांकि कोर्ट ने ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है जो कोविड-19 से जुड़ी जानकारी साझा करने पर रोक लगाता हो। कोर्ट ने फर्जी खबरों पर चितां जरूर जताई है साथ ही मीडिया को रिपोर्टिंग में ज्यादा सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। 

कोरोना से संबंधित मैसेज शेयर न करने से संबंधित जानकारी की पुष्टि के लिए हमने भोपाल रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उपेंद्र जैन से बात की। उन्होंने बताया कि सिर्फ कोरोना नहीं, बल्कि किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी वायरल कर यदि भय का माहौल बनाया जाता है या आपसी सौहार्द बिगाड़ा जाता है तो पुलिस ऐसे व्यक्ति के खिलाफ एक्शन ले सकती है। उन्होंने कहा कि बिना पुष्टि के किसी भी जानकारी को वॉट्सऐप या किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर शेयर नहीं किया जाना चाहिए।

भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने भी वायरल दावे का खंडन करते हुए ट्वीट किया कि, सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर किसी भी तरह की जानकारी शेयर करने पर रोक लगाने का दावा करने वाला मैसेज फर्जी है। 

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