हर भारतीय को एक हेल्थ आईडी ; 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी

15 August 20: Himalayauk Newsportal Bureau # स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने फोन पर बातचीत की. ओली ने पीएम मोदी को 74वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी. इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में भारत के हालिया चुनाव के लिए बधाई भी दी.

8 मई को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के धारचुला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था. नेपाल ने इसका विरोध किया. उसने दावा किया कि यह सड़क उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है. कुछ समय बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को उसके क्षेत्र में दिखाया गया है. भारत इन इलाकों को अपना मानता है. इसके बाद जून में नेपाल की संसद ने देश के नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी दे दी, जिसपर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लाल किले की प्राचीर से 74वें स्वतंत्रता दिवस (74th Independence Day) के मौके पर देशवासियों को नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (National Digital Health Mission) की सौगात दी है. इस मिशन के तहत इलाज में आने वाली परेशानियों को कम किया जाएगा. योजना के तहत हर भारतीय को एक हेल्थ आईडी दी जाएगी. इस योजना में हर भारतीय के स्वास्थ्य की जानकारी डिजिटल तरीके से सेव रहेगी.

नई दिल्ली: 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने पर जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच 130 करोड़ देशवासियों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया. आत्मनिर्भर भारत देशवासियों के मन-मस्तिष्क में छाया है. ये आज सिर्फ शब्द नहीं रहा, बल्कि 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है. अब हमें आत्मनिर्भर बनना होगा लेकिन अब दूसरों पर निर्भरता खत्म करनी होगी. जब तक हम इंपोर्ट करते रहेंगे तब तक हम अपनी स्किल को नहीं बढ़ा पाएंगें.
प्रधानमंत्री ने कहा, आत्मनिर्भर भारत के सामने लाखों चुनौतियां हैं. लेकिन अगर देश के सामने लाखों चुनौतियां है तो देश के पास करोड़ों समाधान देने वाली शक्ति भी हैं, देशवासी भी हैं जो समाधान का सामर्थ्य देते हैं. कोरोना संकट काल में हमें बहुत चीजें दुनिया से लाने की जरूरत है, लेकिन दुनिया दे नहीं पा रही है. ऐसे में हमारे देश के उद्योग जगत के लोगों ने जिम्मेदारी उठाई. पहले एन-95 मास्क देश में नहीं बनता था अब बनने लगे. पीपीई, वेटिंलेटर नहीं बनते थे अब बनने लगे हैं. देश के आवश्यकताओं की पूर्ति हुई, साथ ही दुनिया में एक्सपोर्ट करने की हमारी ताकत बढ़ गई. आत्मनिर्भर भारत कैसे दुनिया की मदद कर सकता है, आज आप ये देख सकते हैं.

देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करने के दौरान कोरोना वायरस की वैक्सीन के बारे में बताया है. अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर तीन वैक्सीन पर काम चल रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया खत्म होते ही चुनाव कराने की देश की प्रतिबद्धता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि नई ऊर्जा के साथ यह केंद्र शासित प्रदेश विकास के मार्ग पर आगे बढ़ें इसके लिए प्रयास हो रहे हैं. लाल किले की प्राचीर से 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों का ब्योरा देते हुए कहा कि उसी प्रकार से लेह-लद्दाख, करगिल और जम्‍मू-कश्‍मीर क्षेत्र को अनुच्छेद 370 से आजादी मिल चुकी है और एक साल पूरा भी हो चुका है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जम्‍मू-कश्‍मीर में परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज के नेतृत्‍व में इस पर काम चल रहा है और जल्‍दी से इसके पूरा होते ही भविष्‍य में वहां चुनाव हों, जम्‍मू-कश्‍मीर का विधायक हो, जम्‍मू-कश्‍मीर के मंत्रिगण हों, जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री हों… नई ऊर्जा के साथ विकास के मार्ग पर आगे बढ़ें, इसके लिए देश प्रतिबद्ध भी है और प्रयासरत भी है.’’

पीएम मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र को एक साल पहले अनुच्छेद 370 से आजादी मिल चुकी है और ये एक साल जम्‍मू-कश्‍मीर की एक नई विकास यात्रा का बड़ा महत्‍वपूर्ण पड़ाव है. उन्होंने कहा, ‘‘ये एक साल वहां की महिलाओं को, दलितों को, मूलभूत अधिकारों को देने वाला कालखंड रहा है. ये हमारे शरणार्थियों को गरिमा पूर्ण जीवन जीने का भी एक साल रहा है.’’ जम्मू-कश्मीर का पिछले साल पुनर्गठन करते हुए उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था. इसके तहत जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का प्रावधान रखा गया जबकि लद्दाख में यह प्रावधान नहीं है. सरकार ने इससे पहले परिसीमन आयोग का गठन कर जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में विधानसभा और संसदीय सीटों के पुन: परिसीमन की प्रक्रिया शुरू की थी.

पीएम मोदी ने बताया कि इस योजना के तहत हर भारतवासी का अपना एक यूनिक आइडेंटिटी नंबर (Unique Identity Number) होगा. इसमें उनके स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी होगी. इस योजना से हर देशवासी को एक तरह की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. इस हेल्थ कार्ड में लोगों का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड होगा, दवाओं से लेकर जांच रिपोर्ट तक सारी जानकारियां इस कार्ड में होंगी. इस मिशन में जांच सेंटर, क्लीनिक, अस्पताल और डॉक्टर सभी को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा. इस योजना का लाभ उन लोगों को ज्यादा मिलेगा जो दूर दराज इलाकों में रहते हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं बेहद कम हैं. पीएम मोदी ने कहा कि ‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा. 


“देश आज 110 जिले काफी पीछे”
पीएम ने कहा कि देश के आज 110 जिले काफी पीछे हैं और हमारा लक्ष्य है कि वे सभी जिले आत्मनिर्भर भारत की विकास यात्रा में आगे बढ़ें. मुझे विश्वास है कि भारत आत्मनिर्भर जरूर बनेगा. मुझे अपने देश की श्रमशक्ति के साथ-साथ प्रतिभा और सामर्थ्य पर पूरा भरोसा है.

पीएम मोदी ने कहा, ”आज भारत में कोराना की एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन वैक्सीन्स इस समय टेस्टिंग के चरण में हैं. जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, देश में उन वैक्सीन्स की बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन की भी तैयारी है.”

पीएम ने कहा कि पूरी दुनिया भारत के परिवर्तन को देख रही है. इसी का कारण है कि एफडीआई ने अबतक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. अब एफडीआई में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अब हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉरवर्ड की तरफ बढ़ना है.

देश के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर विषेश बात की है. उन्होंने कहा, ”जब कोरोना शुरू हुआ था तब हमारे देश में कोरोना टेस्टिंग के लिए सिर्फ एक लैब थी. आज देश में 1,400 से ज्यादा लैब्स हैं. आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है.” पीएम मोदी ने कहा,  ”आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी एक हेल्थ आईडी में समाहित होगी. ये नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत शुरू किया गया है, जो भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा.”

इस हेल्थ आईडी में कई खूबियां होंगी. इस हेल्थ कार्ड में व्यक्ति के जीवनभर का पूरा हेल्थ रिकॉर्ड होगा. वो कब किस बीमारी से पीड़ित था, कब किस बीमारी का इलाज किया गया. डॉक्टर ने कौन सी दवा लिखी, कौन कौन से टेस्ट हुए और उनके नतीजे क्या रहे. जिससे अगली बार जब मरीज किसी डॉक्टर के पास या अस्पताल में जाएगा तो उसे अपने सारे रिपोर्ट, डॉक्टर की पर्चियां लेकर नहीं जाना होगा, सिर्फ ये हेल्थ कार्ड ही ले जाना काफी होगा. डॉक्टर हेल्थ कार्ड के यूनिक नंबर से ही मरीज की पूरी हेल्थ हिस्ट्री देख सकेगा.यानि जितनी बार भी व्यक्ति डॉक्टर के पास जाएगा, और जो भी दवाएं लेगा या इलाज कराएगा, उसकी जानकारी हेल्थ कार्ड में दर्ज होती चली जाएगी. 

परिसीमन विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों की सीमाओं का तय करने की प्रक्रिया है. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून के मुताबिक केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में विधानसभाओं की संख्या 107 से बढ़ कर 114 होगी. इनमें से 24 सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हैं. इस प्रकार प्रभावी तौर पर राज्य विधानसभा की सीटों की संख्या 83 से बढ़ कर 90 हो जाएगी. जम्मू- कश्मीर के पुनर्गठन से पहले राज्य विधानसभा में 46 सीटें कश्मीर, 37 जम्मू और चार लद्दाख में थीं. परिसीमन के बाद जम्मू में पांच सीटों की वृद्धि होंगी वहीं कश्मीर में दो. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि विकास का लाभ गांव और गरीब तक पहुंचाने के लिए ‘‘गांव की ओर लौटो’’ जैसे विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. आयुष्‍मान योजना को बेहतरीन तरीके से आज जम्‍मू-कश्‍मीर व लद्दाख के क्षेत्र में उपयोग किया जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती, लोकतंत्र की सच्‍ची ताकत हमारी चुनी हुई स्‍थानीय इकाइयों में हैं और यह गर्व की बात है कि जम्‍मू-कश्‍मीर में स्‍थानीय इकाइयों के जनप्रतिनिधि सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ विकास के नए युग को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनके सभी पंच- सरपंचों को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं… विकास यात्रा में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए.’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना कर वहां की बरसों पुरानी मांग और आंकाक्षा को पूरा करने का काम हुआ है. वहां केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे विकास कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि लद्दाख की कई विशेषताएं हैं जिन्हें संभालने और संवारने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘जैसे सिक्किम ने जैविक राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है, वैसे ही लद्दाख, लेह, कारगिल पूरा क्षेत्र हमारे देश के लिए कार्बन न्यूट्रल इकाई के रूप में अपनी पहचान बना सकता है.’’ उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही हैं.

देश 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया. प्रधानमंत्री जनता को संबोधित कर रहे हैं. पीएम ने कहा कि गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो अपने संबोधन में उन्होंने सर अरविन्द घोष का नाम लिया.

क्रांतिकारी महर्षि अरविन्द घोष का जन्म 15 अगस्त 1872 को कोलकाता में हुआ था. अरविंद के पिता का नाम केडी घोष और माता का नाम स्वमलता था. अरविन्द घोष ने दार्जिलिंग के लोरेटो कान्वेंट स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. दो साल के बाद 1879 में अरविन्द घोष उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड चले गए. लंदन के सेंट पॉल उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. उसके बाद उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में प्रवेश ले लिया. इस दौरान उन्होंने आईसीएस के लिए तैयारी की और  सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की. हालांकि उन्होंने घुड़सवारी की परीक्षा देने से इनकार कर दिया औक इसी काऱण वो सिविल सेवा में नहीं आ सके.

सिविल सर्विस की शिक्षा के बाद वो भारत आ गए और कई सिविल सर्विस से संबंधित काम किए. इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा. इस दौरान उन्होंने ब्रिटिश कानून के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और कई लेख लिखे. इस विरोध के लिए उन्हें जेल तक जाना पड़ा पर उन्होंने अपना काम जारी रखा. हालांकि बाद में वो रिहा कर दिए गए.

अरविन्द घोष एक प्रभावशाली वंश से ताल्लुक रखते थे. बचपन से ही दिल में देश को रखने वाले घोष ने युवा अवस्था में स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिकारी के रूप में भाग लिया. बंगाल के महान क्रांतिकारियों में से एक महर्षि अरविन्द देश की आध्यात्मिक क्रां‍ति की पहली चिंगारी थे. उन्हीं के आह्वान पर हजारों बंगाली युवकों ने देश की स्वतंत्रता के लिए हंसते-हंसते जान दे दी थी. सशस्त्र क्रांति के लिए उनकी प्रेरणा को आज भी याद किया जाता है.

1902 में अहमदाबाद के कांग्रेस सत्र में अरविन्द की मुलाकात बाल गंगाधऱ तिलक से हुई. उनके अद्भुत और क्रांतिकारी व्यक्तित्व से प्रभावित अरविन्द ने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष से जुड़ने की ठान ली. 1916 में उन्होंने दोबारा कांग्रेस का रुख किया और ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्ति के लिये लाला लाजपत राय और बिपिन चन्द्र पाल के साथ जुड़ गए.

अपने कारावास के समय उन्होंने पांडिचेरी में एक आश्रम स्थापित किया और वेद, उपनिषद ग्रन्थों आदि पर टीकाएं लिखीं. वो श्री अरविन्द आश्रम ऑरोविले के संस्थापक थे वो योगी और महर्षि भी कहलाए. उनके लिखे लेखों ने लोगों को स्वराज, विदेशी सामानों के बहिष्कार और स्वतंत्रता पाने के तरीके तक सुझाए. पुडुचेरी में 1950 में 5 दिसंबर को उनका निधन हो गया.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन कौन सी 10 बड़ी बातें कहीं.

1. वन नेशन-वन टैक्स, Insolvency एंड Bankruptcy Code, बैंकों का Merger आज देश की सच्चाई है. इन रिफॉर्म्स और उससे निकले परिणामों का असर दिख रहा है. पिछले साल भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं. हमें ‘मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ना है.

2. भारत को आधुनिकता की तरफ तेज गति से ले जाने के लिए देश के Overall Infrastructure Development को एक नई दिशा देने की जरूरत है. ये जरूरत National Infrastructure Pipeline Project से पूरी होगी. इस पर देश 100 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. अलग-अलग सेक्टर्स के लगभग 7 हजार प्रोजेक्ट्स को चिंहित भी किया जा चुका है. ये एक तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नई क्रांति की तरह होगा.

3. हमारे यहां कहा गया है कि ‘सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्’, किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आजादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है. हमारे देश का सामान्य नागरिक चाहे शहर में रह रहा हो या गांव में उसकी मेहनत, उसके परिश्रम का कोई मुकाबला नहीं है.

4. कौन सोच सकता था कि कभी देश में गरीबों के जनधन खातों में हजारों-लाखों करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर हो पाएंगे? कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए APMC एक्ट में इतने बड़े बदलाव हो जाएंगे? 7 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए, राशनकार्ड हो या न हो 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अन्न की व्यवस्था की गई, बैंक खातों में करीब-करीब 90 हजार करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए. कुछ वर्ष पहले तक ये सब कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि इतना सारा काम बिना किसी लीकेज के हो जाएगा, गरीब के हाथ में सीधे पैसा पहुंच जाएगा. गांव में ही रोजगार देने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी शुरू किया गया है.

5. वोकल फॉर लोकल, Re-Skill और Up-Skill का अभियान गरीबी की रेखा के नीचे रहने वालों के जीवनस्तर में आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का संचार करेगा. विकास के मामले में देश के कई क्षेत्र भी पीछे रह गए हैं. ऐसे 110 से ज्यादा आकांक्षी जिलों को चुनकर वहां पर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वहां के लोगों को बेहतर शिक्षा मिले, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें और रोजगार के बेहतर अवसर मिलें.

6. आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं है बल्कि हमारी क्षमता, हमारी Creativity और हमारी skills को बढ़ाना भी है. सिर्फ कुछ महीने पहले तक N-95 मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर ये सब हम विदेशों से मंगवाते थे. आज इन सभी में भारत न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है.

7. एक समय था जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी. तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे. आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं. मेरे प्यारे देशवासियों आत्मनिर्भर भारत की एक अहम प्राथमिकता आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान है. देश के किसानों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए कुछ दिन पहले ही एक लाख करोड़ रुपये का ‘एग्रीकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाया गया है.

8. मध्यम वर्ग से निकले प्रोफेशनल्स भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाते हैं. मध्यम वर्ग को अवसर चाहिए, मध्यम वर्ग को सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति चाहिए. ये भी पहली बार हुआ है जब अपने घर के लिए होम लोन की EMI पर भुगतान अवधि के दौरान 6 लाख रुपये तक की छूट मिल रही है. पिछले साल हजारों अधूरे घरों के निर्माण को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये के फंड की स्थापना हुई है.

9. कोरोना के समय में हमने देख लिया है कि डिजिटल भारत अभियान की क्या भूमिका रही है. अभी पिछले महीने ही करीब-करीब 3 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन अकेले BHIM UPI से हुआ. साल 2014 से पहले देश की सिर्फ 5 दर्जन पंचायतें ऑप्टिल फाइबर से जुड़ी थीं. बीते पांच साल में देश में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है. आने वाले एक हजार दिनों में देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा.

10. हमारा अनुभव कहता है कि भारत में महिला शक्ति को जब-जब भी अवसर मिले उन्होंने देश का नाम रोशन किया और देश को मजबूती दी है. आज भारत में महिलाएं अंडरग्राउंड कोयला खदानों में काम कर रही हैं तो लड़ाकू विमानों से आसमान की बुलंदियों को भी छू रही हैं. देश के जो 40 करोड़ जनधन खाते खुले हैं, उसमें से लगभग 22 करोड़ खाते महिलाओं के ही हैं. कोरोना के समय में अप्रैल-मई-जून, इन तीन महीनों में महिलाओं के खातों में करीब-करीब 30 हजार करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए हैं.

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