कथित तौर पर अर्णब गोस्वामी का वाट्सऐप चैट लीक-अब बुरे फँस गए

अर्णब गोस्वामी अब बुरे फँस गए। पहले टीआरपी स्कैम में नाम आ रहा था। फिर कोर्ट में उनका नाम लिया गया और टीआरपी बढ़ाने के लिए घूस देने का आरोप लगाया गया। फिर सप्लीमेंट्री चार्जशीट यानी पूरक आरोप पत्र में इसकी और ज़्यादा पुष्टि हुई। अब कथित तौर पर अर्णब गोस्वामी का वाट्सऐप चैट लीक हुई है। वह वाट्सऐप चैट टीआरपी तैयार करने वाली एजेंसी के तत्कालीन प्रमुख पार्थो दासगुप्ता और रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपादक अर्णब गोस्वामी के बीच बतायी जा रही है। वह चैट तब लीक हुई है जब तीन दिन पहले ही मुंबई पुलिस ने इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है।

पूरक आरोप-पत्र में कहा गया है कि विकास एस खानचंदानी, एआरजी आउटलेयर मीडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोमिल वी रामगढ़िया और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी पार्थो दासगुप्ता ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर टीआरपी में हेरफेर करने के लिए व्यूअरशिप डेटा में हेरफेर करने की साज़िश रची।

आरोप पत्र में कहा गया है कि खानचंदानी ने एआरजी के मुख्य परिचालन अधिकारी प्रिया मुखर्जी के साथ मिलकर काम किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अधिक दर्शक उनके चैनल – रिपब्लिक टीवी और रिपब्लिक भारत को देखा जा रहा है। इस पूरक चार्जशीट में ईमेल जैसे सबूत का हवाला दिया गया है और यही उनके वाट्सऐप ग्रुप चैट के ज़रिए पता चला है। 

कथित तौर पर वही वाट्सऐप ग्रुप चैट अब लीक हुई है। यह सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई है। जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने लिखा है, ‘ये BARC CEO (BARC के पूर्व CEO) और अर्णब गोस्वामी के बीच लीक हुई वाट्सऐप चैट के कुछ स्नैपशॉट हैं। वे इस सरकार में कई षड्यंत्रों और सत्ता तक अभूतपूर्व पहुँच दिखाते हैं। मीडिया और सत्ता के दलाल के रूप में उनके पद का घोर दुरुपयोग। क़ानून के शासन वाले किसी भी देश में वह लंबे समय तक जेल में रहेंगे।’

अभीजित दिपके नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है, ‘अर्णब की वाट्सऐप चैट लीक हो गयी। इसका डेटा 80 एमबी से अधिक है। ये अर्णब के कुछ स्क्रीनशॉट हैं जो पीएमओ से मदद माँगते हुए दिखाते हैं।’

लीक चैट में से 25 मार्च 2019 की कुछ चैट में पार्थो दासगुप्ता ने बार्क का एक गोपनीय पत्र अर्णब को भेजा। इस लेटर के साथ भेजे गए संदेश में कहा गया है कि उन्होंने एनबीए को जाम कर दिया है। उन्होंने चैट में लिखा है, ‘रजत मेरे पीछे पड़ जाएँगे।’ फिर वह पीएमओ की सहायता करवाने की माँग करते हैं। इस पर चैट में अर्णब आश्वस्त करते हैं कि ‘हो जाएगा’। फिर लिखते हैं, ‘रजत की कोई पहुँच नहीं है।’ इस कथित चैट में वह यह भी लिखते हैं कि वह ‘प्रधानमंत्री से गुरुवार को मिल सकते हैं’।

इस चैट में पार्थो लिखते हैं, ‘कृपया किसी से कहें कि वह रजत, एनबीए और ट्राई को हमारे मामले में अंगुली न करने के लिए कहे। ट्राई ग़लत सूचना फैला रही है कि हम रेटिंग को नहीं दिखा रहे हैं। मैंने बीजेपी को उस विज्ञापन वाले मामले में भी मदद की थी और कई मुद्दों पर एमआईबी (मिनिस्ट्री ऑफ़ इंफ़ोर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग) की भी।’

इससे पहले की तारीख़ 30 अगस्त की एक वाट्सऐप चैट में जब अर्णब गोस्वामी कहते हैं कि वह प्रकाश जावड़ेकर से मिल रहे हैं तो पार्थो जावड़ेकर को ‘किसी काम का नहीं’ बताया। इस पर अर्णब ने कहा कि वह बैठक पीएमओ के लिए नहीं था और पीएमओ से अलग तरीक़े से निपटा जा रहा है। 

4 अप्रैल 2019 की कथित चैट में बार्क सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने अर्णब गोस्वामी से पूछा कि क्या वह ‘ट्राई’ पर दबाव बनाने के लिए ‘AS’ को कहकर मदद करा सकते हैं। इस पर चैट में ही कथित तौर पर अर्णब लिखते हैं- ‘क्या आप मुझे 3 बिंदु दे सकते हैं कि कैसे ट्राई का काम ‘AS’ के हित के ख़िलाफ़ है। राजनीतिक रूप से।’

इस चैट में 18 जुलाई 2019 को एक चैट टीवी की रेटिंग को लेकर है। इसमें अर्णब शिकायत करते हैं कि कैसे वह हफ़्ते दर हफ़्ते बुरी तरह पीट रहे हैं। इस पर पार्थो कुछ सुझाव देते हुए लिखते हैं कि जबतक सरकार की सहायता नहीं होगी तब तक उनके हाथ बंधे हैं। 

कहा जा रहा है कि वह चैट 512 पन्नों की है। इसको विनोद कापड़ी ने भी ट्वीट किया है। 

इस वाट्सऐप चैट के लीक होने से पहले और पूरक आरोप पत्र दायर करने से पहले मुंबई पुलिस ने टीआरपी स्कैम में कथित तौर पर सीधे अर्णब गोस्वामी का हाथ होने का पहली बार सबूत होने का दावा किया था। तब पुलिस ने अदालत में रिमांड रिपोर्ट पेश की थी। इसमें इसने कहा था कि रिपब्लिक टीवी के प्रमुख संपादक अर्णब गोस्वामी ने रिपब्लिक न्यूज़ के दो चैनलों की रेटिंग बढ़ाने के लिए ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल यानी बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को लाखों रुपये का भुगतान किया था।

हालाँकि 29 दिसंबर को पेश रिमांड रिपोर्ट में भी आरोपियों के रूप में ‘रिपब्लिक के मालिक’ का नाम है, लेकिन विशेष रूप से अर्णब गोस्वामी के नाम का ज़िक्र नहीं है। 

रिमांड रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि अर्णब गोस्वामी ने दासगुप्ता और बार्क के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी – पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया को भुगतान किया। रामगढ़िया पर रिपब्लिक टीवी के अंग्रेजी और हिंदी चैनलों की टीआरपी में हेरफेर करने के लिए ‘कुछ चैनलों को गुप्त और गोपनीय जानकारी देने’ का आरोप है। 

साभार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *