BHU की कोरोना दवा को हरी झंडी &नेपाल पीएम की कुर्सी जाना तय &पीओके में चीन & Top News 29 June 20

29 JUNE 20# Himalayauk Newsportal & Print Media #

High Light# Top National News # पीओके में चीनी वायुसेना की हरकतों सेे भारतीय एजेंसियां चौकन्ना # केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने चीन की धोखेबाजी पर बड़ा खुलासा किया # :वैज्ञानिकों को रिसर्च में पांच ऐसी पौष्टिक चीजें मिलीं जो आपकी ‘डेली न्यूट्रिशनल डाइट’ के लिए बहुत जरूरी हैं. # पेट्रोल-डीजल पर 12 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर मोदी सरकार ने 18 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त वसूले #नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की पार्टी के भीतर ही उनके इस्तीफे की मांग # MP MP 30 जून शिवराज सिंह चौहान सरकार का बहुप्रतीक्षित विस्तार # अंदरुनी विरोध तेज़ होने के आसार # मध्य प्रदेश कांग्रेस संभावित विरोध का लाभ उठाकर सत्ता में वापसी करेेगी # अमेरिका के रिएक्शन पर चीन ने भी अमेरिका (America) से आने वाले लोगों के वीजा पर रोक लगाने का फैसला :शरद पवार के काफिले का वाहन पलटा : क्या शराब पीने से शरीर के भीतर भी वायरस मर जाते हैं? #आयुष मंत्रालय ने BHU की कोरोना दवा को हरी झंडी दी  # देश में  कोरोना मरीजों (coronavirus) का आंकड़ा साढ़े पांच लाख के करीब # महाराष्ट्र में 1 जुलाई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला लिया

Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; Mail; himalayauk@gmail.com

पीओके में चीनी वायुसेना की हरकतों सेे भारतीय एजेंसियां चौकन्ना

नई दिल्ली, 29 जून 2020 Himalayauk Newsportal   लद्दाख के गलवान घाटी में पिछले दिनों भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव को कम के लिए बातचीत का दौर जारी है. सूत्र बताते हैं कि कोर कमांडर स्तर पर तीसरे दौर की बैठक जल्द हो सकती है. यह बैठक कल या परसों होने की संभावना है. इस बीच गलवान घाटी को लेकर दोनों देशों में तनाव जारी है. 15 जून के बाद से दोनों तरफ से झड़प की खबर नहीं है, लेकिन दोनों ओर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. दोनों ओर से तनाव को खत्म करने के लिए सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है.

चीन की मंशा खतरनाक — लद्दाख के पैंगोग और गालवन को लेकर भारत और चीन के बीच संबध बेहद तनावपूर्ण हैं. सरकार जहां मिल्ट्री लेवल से लेकर डिप्लौमेटिक स्तर पर चीन से सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिशों में लगी हुई है वहीं चीन लगातार लाइन आफ एक्चुयल कंट्रोल (LAC) पर अपने सैनिकों की संख्या में इजाफा कर रहा है. जाहिर है चीन की मंशा खतरनाक है और यही वजह है कि चीन के मामले पर नजर रखने वालों का मानना है कि चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता.

पीओके में स्कार्दू एयरबेस (Skardu Airbase) पर चीनी वायुसेना की हरकतों ने भारतीय एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है. केवल जून के महीने में ही 40 से ज्यादा चीनी फाइटर जेट जे 10 स्कार्दू गए हैं. आशंका है कि स्कार्दू का इस्तेमाल चीनी वायुसेना भारत में हमले के लिए करने की तैयारी कर रही है. स्कार्दू की लेह से दूरी लगभग 100 किमी है और ये किसी भी चीनी एयरबेस की तुलना में बहुत ज्यादा पास है. इसलिए इस बात की आशंका बढ़ गई है कि चीन स्कार्दू एयरबेस की क्षमताओं को परख रहा है ताकि इसका इस्तेमाल किया जा सके. यानी अब भारत को दोहरे मोर्चे पर लड़ने के लिए खींचने की तैयारी हो रही है.  लद्दाख के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए चीन के पास तीन एयरबेस हैं जहां से उसके फाइटर एयरक्राफ्ट कार्रवाई कर सकते हैं. ये हैं काशगर, होतान और नग्री गुरगुंसा लेकिन इनकी भारत के खिलाफ कार्रवाई करने की क्षमताएं सीमित हैं. काशगर की लेह से दूरी 625 किमी, लेह से खोतान की दूरी 390 किमी और लेह से गुरगुंसा की दूरी 330 किमी है. ये सभी तिब्बत में 11000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित हैं. इतनी ऊंचाई से टेकऑफ करने पर ईंधन और साथ ले जाने वाले हथियार दोनों का ही वजन कम रखना होता है. इससे फाइटर जेट्स की मारक क्षमता और रेंज दोनों ही कम हो जाते हैं. साथ ही इतनी लंबी दूरी की उड़ान को रडार से पकड़े जाने की संभावना भी बढ़ जाती है. स्कार्दू से लद्दाख और कश्मीर दोनों में भारतीय ठिकानों पर हमले करना आसान होगा. स्कार्दू की लेह से दूरी 100 किमी के आसपास और कारगिल से 75 किमी के आसपास है. यहां के एयरबेस में दो रन वे हैं जिनमें से एक ढाई किमी लंबा और दूसरी 3.5 किमी लंबा है. यहां से चीनी फाइटर जेट्स आसानी से कार्रवाई कर वापस लौट सकते हैं. वहीं अगर भारत स्कार्दू पर जवाबी कार्रवाई करता है तो पाकिस्तान को युद्ध शूरू करने का आसान बहाना मिल जाएगा. चीनी वायुसेना के जे 10 और मिड एयर रिफ्यूलर आईएल 78 का स्कार्दू आना ये बताने के लिए काफी है कि उस इलाके में चीनी वायुसेना ने कोई बड़ी एक्सरसाइज की है.

लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच 15 जून को हिंसक झड़प हुई थी. इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन के कई सैनिक हताहत हुए थे. हालांकि चीन ने मारे गए अपने सैनिकों की संख्या के बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी साझा नहीं की है.

पिछले एक महीने के अंदर दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर पर यह तीसरी बैठक होने जा रही है. सूत्रों के अनुसार, इस बार यह बैठक भारतीय पक्ष में चुशूल में आयोजित की जा रही है. जबकि पिछली 2 बैठकें चीनी पक्ष में मोल्डो में हुई थी. बातचीत का एजेंडा डिसएंजेगमेंट के लिए दोनों पक्षों द्वारा किए गए प्रस्तावों को आगे ले जाने पर होगा. स्थिति को स्थिर करने के लिए वर्तमान गतिरोध के दौरान सभी विवादास्पद क्षेत्रों पर भी चर्चा की जाएगी. इससे पहले कोर कमांडर स्तर पर अंतिम 2 बैठकें 6 जून और 22 जून को की गई थी. 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं.

इससे पहले लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव कम करने को लेकर 22 जून को मैराथन बैठक हुई थी. चीनी सेना के आग्रह पर यह बैठक बुलाई गई थी जो करीब 11 घंटे चली. कोर कमांडर स्तर की बैठक चीन की तरफ मोल्डो इलाके में हुई. ये बैठक गलवान में चीन के साथ हुई झड़प के बाद बने तनाव को कम करने को लेकर हुई.  सूत्रों के मुताबिक चीन और भारत के बीच LAC पर कोर कमांडर स्तर की बैठक चली. बातचीत के दौरान भारत ने चीन से एलएसी से सैनिकों की वापसी के लिए समय सीमा मांगा था. इसके अलावा फिंगर 4 सहित 2 मई से पहले की स्थिति और तैनाती को बनाए रखने के लिए कहा गया है. भारत की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने बैठक का नेतृत्व किया जबकि चीन की ओर से मेजर जनरल लियु लिन शामिल हुए. गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच यह बड़ी बातचीत हुई. इसका मकसद एलएसी पर पहले वाली स्थिति को बनाए रखना है.

Himalayauk Newsportal Bureau राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने साल 2013 में ही ये अगाह किया था कि चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ जासूसी कर रहा है और नार्थ ईस्ट के उग्रवादी संगठनों को हथियारों की सप्लाई में लगा हुआ है. यही नहीं Chinese Intelligence : From a Party Outfit to Cyber Warriors नाम से लिखे लेख में पूर्व आईबी चीफ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बताया था कि कैसे चीन के भारत समेत दुनिया भर के देशों में जासूस फैले हुए हैं जो सुनियोजित तरीके से चीन के लिए जासूसी कर रहे हैं. जिस समय अजीत डोभाल ने ये लेख लिखा था उस दौरान वो दिल्ली के थिंक टैंक विवेकानंद इंटरनेशल फाउंडेशन से जुड़े हुए था और करीब एक साल बाद एनडीए सरकार में उन्हें एनएसए की जिम्मेदारी दी . अजीत डोभाल के मुताबिक चीन के खिलाफ जासूसी दलाईलामा के भारत आने के बाद से तेज कर दी थी और अक्साई चिन के इलाके में ल्हासा और जिनजियांग को जोड़ने वाली नेशनल हाईवे 219 पर सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया था. डोभाल के मुताबिक भारतीय खुफिया एजेंसियों ने उस दौरान चीन की गतिविधियों की जानकारी सरकार को मुहैया करानी शुरू कर दी थी लेकिन सरकार ने एजेंसियों की रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया. 21 नवंबर 1959 को करम सिंह जो कि इंटेलिजेंस ब्यूरो में डिप्टी सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी के पद पर तैनात थे उनकी चीनी सैनिकों से झड़प भी हुई थी जिसमें उनकी मौत हो गई थी.

अजीत डोभाल के मुताबिक जब साल 1959 में दलाईलामा अपने 80 हज़ार सैनिकों के साथ भारत में शरण ली तो उसके बाद से चीनी खुफिया एजेंसियां भारत में काफी सक्रिय हो गई. 2013 में हिमांचल प्रदेश के धर्मशाला से चीनी सेना के एक जासूस Pema Tsering को गिरफ्तार किया गया जो फेक आईडी कार्ड के जरिये अपनी पहचान छुपा कर दलाईलामा की जासूसी कर रहा था. डोभाल ने ये भी बताया है कि चीन के जासूस भारत में पोलिटिकल इंटिलिजेंस,डिफेंस इंटेलिजेंस और नार्थ ईस्ट के उग्रवादी संगठनों से सांठगांठ कर भारत के खिलाफ साजिश में शामिल पाये गये हैं. 18 जनवरी 2011  को Wang Qing नाम की एक महिला चीनी जासूस को नागालैंड से गिरफ्तार किया गया था जिसने नागालैंड के उग्रवादी गुट T Muivah से सीक्रेट मीटिंग की थी. भारत ने इस मामले में चीन से अधिकारिक तौर पर विरोध भी दर्ज कराया था.

केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने चीन की धोखेबाजी पर बड़ा खुलासा किया

नई दिल्ली, 29 जून 2020 Himalayauk Newsportal  केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने चीन की धोखेबाजी पर बड़ा खुलासा किया है. वीके सिंह ने बताया कि कैसे गलवान घाटी में कैसे झड़प हुई. गलवान में 15 जून की रात क्या हुआ था. इसके साथ वीके सिंह ने कहा कि यह 1962 का भारत नहीं है. मौजूदा राजनीतिक नेतृ्त्व हर विकल्प के लिए तैयार है.

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि चीन की हमेशा से खासियत रही है कि वो अपने क्लेम लाइन को आगे बढ़ा-चढ़ाकर बताता है. उनके प्रधानमंत्री ने 1959 में हमारे प्रधानमंत्री को जो नक्शा दिया था, उस नक्शे पर उन्होंने क्लेम लाइन मार्क कर रखी थी. नक्शे को जमीन पर उतारेंगे तो कहीं न कहीं गड़बड़ है, जिसका वो फायदा उठाते हैं. पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने कहा कि दोनों देश की सेनाएं अपने क्लेम लाइन तक जाने की कोशिश करती हैं, इसलिए गर्मियों के मौसम में पेट्रोल आमने-सामने आते हैं. झड़प नहीं होता था, लेकिन आमने-सामने आ जाते थे. पिछले 5-6 साल से धक्का-मुक्की शुरू हो गई है. वह चाहते हैं कि हमें अपने क्लेम लाइन तक जाना है. केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि चीनी सेना क्लेम लाइन तक आकर फोटो खींचती है और दिखाती है कि यह हमारा इलाका है. यह चीनी सेना के काम करने का तरीका है. चीन ने तीन साल पहले अपने कमांड सेक्टर को रि-ऑर्गनाइज किया है. पहले उनकी सात कमांड होती थी, अब वेस्टर्न थियेटर कमांड बना दिया है. चीनी सेना के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि वेस्टर्न थियेटर कमांड के जनरल चीनी राष्ट्रपति शी जिपनिंग के इलाके से हैं और उनका सेना में बहुत बड़ा नाम है. लोगों का मानना था कि उनकी बड़ी पदोन्नति होगी. पदोन्नति के लिए जरनल ने कुछ ऐसा करके दिखाने की कोशिश की, जिससे चीन के लोगों को लगे कि यह बड़ा अच्छा जनरल है.

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि सीमा विवाद के पीछे एक आदमी की महत्वकाक्षाएं हैं. कोई भी देश युद्ध नहीं चाहता है. चाहे वह चीन हो या भारत. चीन ने देख लिया है कि 1962 वाली भारतीय सेना नहीं है, जो लोग छोड़कर भाग जाएंगे. आज नेतृत्व उस तरह का नहीं है. आज हमारे जवानों के पास सभी संसाधन है. वीके सिंह ने कहा कि 1962 में अगर हमने एअरफोर्स का इस्तेमाल किया होता तो आज नतीजा कुछ और होता, लेकिन उस समय का राजनीति नेतृत्व कुछ और सोचता था, लेकिन आज हमारे पास जो राजनीतिक नेतृत्व है, अगर जरूरत पड़ी तो सभी तरह से विकल्प के लिए तैयार है.

वैज्ञानिकों को रिसर्च में पांच ऐसी पौष्टिक चीजें मिलीं जो आपकी ‘डेली न्यूट्रिशनल डाइट’ के लिए बहुत जरूरी हैं.

Himalayauk Newsportal हर इंसान की तंदुरुस्ती का राज उसकी डाइट में छिपा होता है. हमारी डाइट में स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी सभी पोषक तत्वों का होना बेहद जरूरी है. वैज्ञानिकों ने हाल ही में खाने की 1,000 से ज्यादा चीजों पर रिसर्च की है. इस खोज में उन्हें पांच ऐसी पौष्टिक चीजें मिलीं जो आपकी ‘डेली न्यूट्रिशनल डाइट’ के लिए बहुत जरूरी हैं.

इतना ही नहीं, विटामिन बी-1, बी-2, बी-3 और बी-9 से लैस चिया सीड्स में कॉपर (0.924 मिलीग्राम), आयरन (7.7), पोटोशियम (407 मिलीग्राम) और जिंक (4.58 मिलीग्राम) भी पाया जाता है.

अगर आप नॉनवेजिटेरियन हैं तो अपनी डाइट में हाई प्रोटीन और लो सैचुरेटेड फैट वाली फ्लैट फिश को शामिल करना ना भूलें. 100 ग्राम फ्लैट फिश में 86 किलो कैलोरी के अलावा 15.2 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है. जबकि इसमें गुड फैट की मात्रा 2.37 ग्राम और कार्बोहाइड्रेट बिल्कुल नहीं होता.

फ्लैट फिश में विटामिन बी-3, बी-9, बी-12 और विटामिन डी का अच्छा स्रोत मानी जाती है. इसमें कैल्शियम (25 मिलीग्राम), मैग्नीशियम (22 मिलीग्राम), फास्फोरस (309 मिलीग्राम), पोटेशियम (197 मिलीग्राम) और सोडियम (363 मिलीग्राम) की भी पर्याप्त मात्रा होती है.

चेरिमोया (शरीफा) शरीर को 75 किलो कैलोरी मिलती हैं

चेरिमोया (शरीफा); 100 ग्राम चेरिमोया (शरीफा) से शरीर को 75 किलो कैलोरी मिलती हैं. साथ ही इस में 17.7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 1.57 ग्राम प्रोटीन और 12.87 ग्राम शुगर की मात्रा शामिल होती है.

चेरिमोया विटामिन-बी1, बी-2, बी-3, बी-6, बी-9 और विटामिन ई औ सी का अच्चा स्रोत है. इसमें 10 मिलीग्राम कैल्शियम, 17 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 26 मिलीग्राम फासफोरस, 287 मिलीग्राम पोटेशियम और 7 मिलीग्राम सोडियम की मात्रा भी होती है.

100 ग्राम बादाम खाने से हमारे शरीर को 21.15 ग्राम प्रोटीन मिलता है.

बादाम के चमत्कारी गुणों के बारे में भला कौन नहीं जानता है. 100 ग्राम बादाम खाने से हमारे शरीर को 21.15 ग्राम प्रोटीन मिलता है. इसमें 579 किलो कैलोरी के अलावा 21.55 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 21.15 ग्राम प्रोटीन, 12.87 ग्राम फैट, 31.55 ग्राम मोनो सैचुरेटेड फैट और 12.5 ग्राम फैट पाया जात है. बादाम विटामिन बी-1, बी-2, बी-3, बी-6, बी-9 और विटामिन ई का अच्छा स्रोत है

बादाम में कैल्शियम (269 मिलीग्राम), आयरन (3.71 मिलीग्राम), मैग्नीशियम (270 मिलीग्राम), फासफोरस (481 मिलीग्राम), पोटेशियम (733 मिलीग्राम) और जिंक (3.12 मिलीग्राम) पाया जाता है.

पेट्रोल-डीजल पर 12 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर मोदी सरकार ने 18 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त वसूले

NEW DELHI (Himalayauk Newsportal) पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर आज कांग्रेस पूरे देश में प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों पर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पेट्रोल-डीजल पर 12 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर मोदी सरकार ने 18 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त वसूले हैं.

सोनिया गांधी ने कहा कि एक तरफ कोरोना महामारी का कहर और दूसरी तरफ महंगे पेट्रोल-डीजल की मार ने देशवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है. आज देश की राजधानी दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 80 रुपये प्रति लीटर को भी पार कर गई हैं. लॉकडाउन के बाद मोदी सरकार ने 22 बार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाई हैं.

सोनिया गांधी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम उस वक्त बढ़ाए जा रहे हैं, जब कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम हो रही है. 2014 के बाद मोदी सरकार ने जनता को कच्चे तेल की गिरती कीमतों का फायदा देने की बजाए पेट्रोल-डीजल पर 12 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई, जिसे सरकार ने 18 लाख करोड़ की अतिरिक्त वसूली की.

सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी यह है कि मुश्किल समय में देश वासियों का सहारा बने, उनकी मुसीबत का फायदा उठाकर मुनाफाखोरी ना करें. पेट्रोल-डीजल की अन्यायपूर्ण बढ़ोतरी ने सरकार द्वारा देशवासियों से जबरन वसूली का एक नया उदाहरण पेश किया है. यह ना केवल अन्याय पूर्ण है बल्कि संवेदनहीन भी है.

सोनिया गांधी ने कहा कि बढ़ी कीमतों की सीधी चोट किसान-गरीब-नौकरी पेशा वाले मध्यमवर्ग और छोटे-छोटे उद्योगों पर पड़ रही है. मैं मोदी सरकार से यह मांग करती हूं कि कोरोना महामारी के संकट में पेट्रोल-डीजल की बढ़ाई गई कीमतें फौरन वापस ली जानी चाहिए. एक्साइज ड्यूटी को भी वापस लिया जाए.

नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की कुर्सी जाना तय 

Himalayauk Newsportal राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ओली एक बार फिर से अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए राष्ट्रवाद का कार्ड खेल रहे हैं. सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर लोकराज बरल ने कहा, “अपनी ही पार्टी के विरोधियों के बीच फंसे पीएम ओली ने अब अपनी सरकार गिराने में विदेशी ताकतों की तरफ इशारा करना शुरू कर दिया है. मझधार में फंसे शासक की यही रणनीति होती है.”

 नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली अपनी कुर्सी पर मंडराते खतरे को देखकर भारत विरोधी राष्ट्रवाद के अपने पुराने फॉर्मूले को आजमा रहे हैं. नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर और बाहर अपनी नीतियों और कामकाज को लेकर उठ रहे सवालों के बीच नेपाल के पीएम ओली ने रविवार को बयान दिया कि नई दिल्ली और काठमांडू में उन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए साजिशें रची जा रही हैं

नेपाल के नेता मदन भंडारी की 69वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि भले ही उन्हें पद से हटाने का खेल शुरू हो गया हो लेकिन ये कोशिश सफल नहीं होगी. प्रधानमंत्री ओली ने दावा किया कि काठमांडू के एक होटल में उन्हें हटाने के लिए बैठकें की जा रही हैं और इसमें एक दूतावास भी सक्रिय है.

ओली ने अपने संबोधन में कहा कि नेपाल के कई नेताओं ने मुझसे कहा कि अपनी जमीन को समेटते हुए जो नक्शा छापा है, वह बहुत बड़ी भूल है, ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे मैंने कोई बड़ा अपराध कर दिया हो. देश का नया नक्शा जारी करने और संसद में इसे पारित कराने की वजह से मुझे सत्ता से बेदखल करने के लिए साजिशें रची जा रही हैं. ओली ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पहले जब उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में चीन के साथ ट्रेड‌ एंड ट्रांजिट समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, तो उनकी सरकार गिरा दी गई थी, लेकिन अब उनके पास बहुमत है.

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली पिछले कुछ वक्त से अपने देश के भीतर भारत के खिलाफ आक्रामक बयान देकर जनभावनाएं भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. भारत की आपत्ति के बावजूद पहले उन्होंने नया नक्शा जारी किया, उसके बाद नया नागरिकता कानून लाने का ऐलान कर दिया जिसके तहत नेपाली पुरुषों से शादी करने वाली महिलाओं को सात साल बाद नेपाल की नागरिकता मिलेगी. इसे नेपाल-भारत के बीच कायम रोटी-बेटी के रिश्ते को कमजोर करने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है. यही नहीं, ओली ने अपने देश में कोरोना वायरस फैलने के लिए भी भारत को ही जिम्मेदार ठहराया. हालांकि, ओली का ये भारत विरोध बेवजह नहीं है.

ओली सरकार अपनी घरेलू राजनीति में चौतरफा आलोचना का शिकार हो रहे हैं. कोरोना वायरस की महामारी को ठीक तरह से हैंडल ना कर पाने को लेकर ओली के खिलाफ नेपाल की सड़कों पर लोग विरोध-प्रदर्शन करने भी उतरे. खुद को घिरता देखकर ओली ने नेपाल का नया नक्शा जारी कर दिया. इस नए नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया गया था. ओली के इस कदम से ज्यादातर नेपाली खुश हुए. इसके जरिए ओली कुछ समय के लिए जनता का ध्यान भटकाने में भी कामयाब रहे.

हालांकि, नक्शा पास होने के कुछ वक्त बाद ही ओली के आलोचकों ने फिर से बहस शुरू कर दी. पिछले कुछ दिनों में ओली की पार्टी के भीतर ही उनके इस्तीफे की मांग तेज हो गई है. ओली को भी ये बात अच्छी तरह से पता है कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उनके खिलाफ एकजुट हो गए हैं और इसीलिए वह समिति की बैठक में भी जाने से बच रहे हैं.

सेंट्रल कमिटी मेंबर महेश्वर दहल ने काठमांडू पोस्ट से बातचीत में कहा, “पार्टी की चल रही बैठक में मुद्दों को सामने रखने के बजाय ओली बाहर जाकर अपनी राय रख रहे हैं जिससे फायदे से ज्यादा नुकसान ही होगा. ये हैरान करने वाला है कि प्रधानमंत्री पार्टी की बैठक से गायब रहते हैं और दूसरे मंच पर जाकर पार्टी के नेताओं के खिलाफ बोलते हैं. निश्चित तौर पर, इससे पार्टी के भीतर संघर्ष बढ़ेगा.”

ओली को सबसे बड़ी चुनौती अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता पुष्प कमल दहल से मिल रही है. पुष्प कमल दहल पार्टी प्रमुख हैं और नेपाल के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं. वह कई बार अप्रत्यक्ष तौर पर ओली पर निशाना साध चुके हैं. यहां तक कि बुधवार को स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में दहल ने ओली का नाम लिए बिना कहा कि कुर्बानियां तो देनी होंगी. पार्टी के सूत्रों और विश्लेषकों का मानना है कि दहल और उनके सहयोगी यह मांग करने जा रहे हैं कि ओली या तो पार्टी अध्यक्ष रहें या फिर प्रधानमंत्री पद पर. दहल के साथ माधव कुमार नेपाल, झाला नाथ खनाल, बामदेव दौतम, नारायम काजी श्रेष्ठ जैसे वरिष्ठ नेता हैं. दहल के नेतृत्व वाला धड़ा ओली पर पार्टी पर कब्जा करने और एकतरफा फैसले लेने का आरोप लगाता है.

ओली ने रविवार को नई दिल्ली और काठमांडू में साजिशों की बात कही, उसमें इशारा दहल की तरफ ही था. स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य और दहल के करीबी मत्रिका यादव ने कहा, “किसी ने उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाने की बात नहीं की है लेकिन जब से दहल ने कुर्बानी वाली बात कही है ओली काफी परेशान नजर आ रहे हैं. अगर वह अपने कामकाज की शैली नहीं बदलते हैं तो पार्टी उनके खिलाफ फैसला ले सकती है.”

लोग ओली की रणनीति में फंसकर भारत पर लगाए गए आरोपों को सच मान रहे हैं. समर्थकों का मानना है कि नए नक्शे पर भारत की नाराजगी को लेकर जो नेता सरकार का विरोध कर रहे हैं, उनको आईना दिखाकर ओली बिल्कुल ठीक कर रहे हैं. स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य और ओली के करीबी सत्य नारायण मंडल ने काठमांडू पोस्ट से कहा, “सबको पता है कि भारत ओली को सत्ता के बाहर करना चाहता है, वो भी एक मिनट में नहीं बल्कि कुछ सेकेंडों में. और हमारे कुछ लालची नेता इसे भुनाने की कोशिश कर रहे हैं और सरकार के उठाए गए कदमों का विरोध कर रहे हैं.”

ओली का राष्ट्रवादी राग नया नहीं है खासकर जब कोई भी संकट की घड़ी हो. 2015 में भारतीय सीमा पर हुई अघोषित आर्थिक नाकेबंदी का विरोध कर और चीन के साथ ट्रेड ऐंड ट्रांजिट पर हस्ताक्षर करने के बाद भी ओली ने इसी तरह भारत के खिलाफ अपना राष्ट्रवादी राग छेड़ा था. रविवार को दिए भाषण में ओली ने एक बार फिर चीन से हुए समझौते का जिक्र किया और यह जताने की कोशिश कि कैसे बहुमत में ना होने की वजह से उनकी सरकार को गिरा दिया गया था. दरअसल, अगस्त 2016 में दहल माओस्ट पार्टी की अगुवाई कर रहे थे और उन्होंने ओली की सरकार गिराने के लिए नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया था.

 साल 2017 के अंत में, ओली और दहल ने चुनावी गठबंधन कर लिया और फरवरी 2018 में ओली ने बहुमत के साथ सरकार बना ली. मई 2018 में, ओली की सीपीएन-यूएमएल और दहल की सीपीएन (माओवादी) ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी बनाने के लिए मर्जर का ऐलान कर दिया. हालांकि, दोनों पार्टियों के एकीकरण की प्रक्रिया अभी भी पूरी नहीं हुई है और ओली-दहल के बीच मतभेद लगातार बढ़ते जा रहे हैं.

ओली और दहल के गुट आमने-सामने हैं. दहल के गुट का आरोप है कि ओली पार्टी और सरकार को एकतरफा फैसलों से चलाने की कोशिश कर रहे हैं. वर्तमान में चल रही स्टैंडिंग कमिटी की बैठक भी ओली के विरोधियों ने ही बुलाई है जिसमें ओली नदारद ही रहे. पार्टी के सूत्रों का कहना है कि अगर दहल का गुट ओली से अपनी शर्तें मनवाने में असफल रहता है तो वे फिर संसदीय दल से उन्हें कुर्सी से हटाने की कोशिश करेंगे. ओली के खिलाफ अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो ओली को करीब 8 सीटों की कमी पड़ सकती है.

विरोधियों के लगातार बढ़ रहे दबाव के बीच ओली ने रविवार को दहल पर निशाना साधा. ओली ने कहा, “अगर किसी को लगता है कि वे मुझे सत्ता से बाहर कर सकते हैं तो मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि हमारी राष्ट्रीय एकता इतनी कमजोर नहीं है. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी और उसकी पार्लियामेंट्री पार्टी किसी के बहकावे में नहीं आएगी. बेहतर होगा कि हर कोई ये बात समझ ले कि नया नक्शा यूं ही नहीं प्रकाशित कर दिया गया था.”

MP 30 जून शिवराज सिंह चौहान सरकार का बहुप्रतीक्षित विस्तार ;; अंदरुनी विरोध तेज़ होने के आसार ;; मध्य प्रदेश कांग्रेस संभावित विरोध का लाभ उठाकर सत्ता में वापसी करेेगी

Himalayauk Newsportal मध्य प्रदेश कैबिनेट विस्‍तार की अनुमति मध्य प्रदेश की सवा दो महीने पुरानी शिवराज सिंह चौहान सरकार के क्या बुरे दिन शुरू होने वाले हैं? राजनीतिक गलियारों में यह सवाल गूँजने लगा है। दरअसल, शिवराज सिंह अपनी काबीना का बहुप्रतीक्षित विस्तार करने जा रहे हैं और माना जा रहा है कि मंत्री पद के लिए अंदरुनी विरोध तेज़ होने के आसार हैं। संभावना है कि एक-दो दिन में मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। विस्तार के बाद संभावित डैमेज को कंट्रोल करना बीजेपी और शिवराज के लिए आसान नहीं होगा।

मध्य प्रदेश कांग्रेस और उसके मुखिया कमलनाथ, बीजेपी में संभावित विरोध का लाभ उठाकर सत्ता में वापसी का सपना संजोये बैठे हुए हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज और पार्टी के रणनीतिकारों के सामने सबसे बड़ा संकट ‘किसे छोड़ें’, ‘किसे लें’ का है। शिवराज सिंह 2005 से 2013 तक तीन बार मुख्यमंत्री रहे। तेरह सालों के कार्यकाल में कई सहयोगी विधायकों को मंत्री बनाये जाने का झुनझुना वे पकड़ाते रहे। मंत्री नहीं बनाया। कैबिनेट के विस्तार के बाद विभागों के वितरण में अपनों (बीजेपी के विधायकों) और ग़ैर विधायकों (सिंधिया समर्थकों) को साधना भी शिवराज के लिए आसान नहीं होगा। जिन समझौतों के तहत बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई है, उसे देखते हुए शिवराज के सामने ‘इधर कुआँ और उधर खाई’ वाले हालात हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस और उसके मुखिया कमलनाथ, बीजेपी में संभावित विरोध का लाभ उठाकर सत्ता में वापसी का सपना संजोये बैठे हुए हैं।

मध्य प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए हाल ही में हुए चुनाव में बीजेपी की ओर से क्रॉस वोटिंग हुई थी। गुना विधायक गोपीलाल जाटव पर क्रॉस वोटिंग का आरोप रहा। पार्टी उनसे जवाब-तलब कर रही है। जाटव के अलावा बीजेपी के वरिष्ठ विधायक जुगल किशोर बागड़ी का वोट निरस्त हो गया था। इस ‘डबल झटके’ को बीजेपी भूली नहीं है। फूँक-फूँककर क़दम आगे बढ़ाने के बावजूद मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद विरोध तेज़ होने की संभावनाओं से पार्टी के रणनीतिकार भी इनकार नहीं कर रहे हैं।

शिवराज सिंह चौहान 23 मार्च को चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। कोरोना महामारी के बीच शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री चौहान ने 28 दिनों तक बिना किसी मंत्री के ही अकेले सरकार चलाई। दबाव बढ़ा और सवाल उठे तो 21 अप्रैल को  मिनी मंत्रिमंडल बनाया। मुख्यमंत्री पद की रेस में नंबर टू रहे नरोत्तम मिश्रा  को कैबिनेट में लिया। पार्टी में धुर विरोधी कमल पटेल को ना चाहते हुए भी काबीना में जगह दी। आदिवासी वर्ग की होने की वजह से मीना सिंह को मंत्री बनाया गया। इन तीनों के अलावा बीजेपी की सत्ता में वापसी कराने में अहम रोल निभाने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक ग़ैर विधायक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री बनाया गया।

शिवराज द्वारा 21 अप्रैल को गठित किये गये मिनी मंत्रिमंडल के बाद से मंत्री पद के दावेदार बीजेपी के अनेक वरिष्ठ विधायक ख़ासे खफा हैं। कोरोना संक्रमण के फैलाव और राज्यपाल लालजी टंडन के अस्वस्थ हो जाने की वजह से काबीना का विस्तार टलता रहा। विस्तार अब होने जा रहा है। संभावना है कि यह विस्तार कल यानी 30 जून को हो सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज और पार्टी की प्रदेश इकाई के रणनीतिकार रविवार से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर अमित शाह तक से शिवराज की चर्चा हो गई है।

दिल्ली से छनकर भोपाल आ रही ख़बरों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज की आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात होगी। मुलाक़ात को काबीना के विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है।मध्य प्रदेश विधानसभा में सीटों की कुल संख्या 230 है। इस मान से काबीना में अधिकतम 35 सदस्य लिये जा सकते हैं। शिवराज समेत कुल छह सदस्य अभी कैबिनेट में हैं। कांग्रेस से बीजेपी में आए दो ग़ैर विधायकों को मंत्री बनाया जा चुका है। बीजेपी के चार ही सदस्य (मुख्यमंत्री सहित) काबीना में हैं। उधर बीजेपी की सरकार बनवाने के पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया से हुए ‘समझौते’ के तहत एक दर्जन के लगभग ग़ैर विधायक (विधायक पद छोड़कर कांग्रेस से बीजेपी में आये नेता) मंत्री पद की उम्मीद बांधे बैठे हैं। शिवराज ने दो को मंत्री बना दिया है। नौ से दस कांग्रेस के पुराने चेहरों को ‘एडजस्ट’ करना बाक़ी है।

विधायक पद छोड़कर मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनवाने वाले प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, महेंद्र सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगाँव, एदल सिंह कंसाना, बिसाहू लाल सिंह और हरदीप सिंह डंग मानकर चल रहे हैं कि उन्हें मंत्री बनाया जायेगा।

अमेरिका (America) के रिएक्शन पर चीन ने भी अमेरिका (America) से आने वाले लोगों के वीजा पर रोक लगाने का फैसला

बीजिंग:हांगकांग मामले पर अमेरिका (America) के रिएक्शन पर चीन ने भी अमेरिका (America) से आने वाले लोगों के वीजा पर रोक लगाने का फैसला लिया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि चीन ने अमेरिका के कर्मचारियों पर वीजा पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया है.

चीन ने यह कदम अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के हांगकांग में मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के बुनियादी अधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए चीनी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने के बाद उठाया है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक बयान में कहा, ‘हांगकांग राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के पारित होने में बाधा डालने की अमेरिकी योजना कभी भी सफल नहीं होगी.’

ट्रंप सरकार के चीनी अधिकारियों के वीजा पर रोक लगाने के बाद चीन ने पिछले हफ्ते कहा था कि किसी के पास कोई कानूनी आधार नहीं है कि वह हांगकांग के मामलों पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी कर सके. कानून बनाने वाली समिति के रविवार को विधेयक पर चर्चा के बाद चीन हांगकांग सुरक्षा कानून पारित करने के लिए तैयार है.

हांगकांग पिछले साल विरोध प्रदर्शनों के कारण चर्चा में रहा था. प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय सरकार से भी अधिक स्वतंत्रता की मांग की है क्योंकि चीन नया सुरक्षा कानून लाने जा रहा है.  यूरोपीय संघ ने अमेरिका का समर्थन करते हुए कहा था कि यदि राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक पारित किया जाता है तो चीन को ‘बहुत नकारात्मक परिणाम’ का सामना करना पड़ेगा. इस बीच, हांगकांग पुलिस ने कोरोनो वायरस महामारी के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया है.

शरद पवार के काफिले का वाहन पलटा

पुणे की ग्रामीण क्षेत्र की पुलिस ने जानकारी दी कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के काफिले का एक वाहन मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर पलट गया था. पवार का वाहन सुरक्षित गुजर गया था. जो कार पलट गई थी उसके ड्राइवर को मामूली रूप से चोट लगी है.

मुंबई:  Himalayauk Newsportal Bureau राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) के काफिले में शामिल पुलिस की एक गाड़ी का मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर एक्सीडेंट हो गया. पिंपरी चिंचवड के इलाके में पुलिस की गाड़ी पलट गई जिसमें एक पुलिसकर्मी जख्मी हो गया. हालांकि उसे कोई गंभीर चोट नहीं आई है. शरद पवार जिस कार में बैठे थे वो सुरक्षित है.

ये हादसा सुबह करीब 11 बजे पुणे से मुंबई के बीच अमृताजन पुल के पास हुआ. इस दुर्घटना में कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं है. केवल एक पुलिसकर्मी को मामूली चोट लगी है.  सड़क हादसे के वक्त शरद पवार की कार सामने की तरफ थी इसीलिए उनकी कार हिट होने से बच गई. पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त वाहन को अलग करके शरद पवार के काफिले को मुंबई की ओर रवाना कर दिया है.

पुणे की ग्रामीण क्षेत्र की पुलिस ने जानकारी दी कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के काफिले का एक वाहन मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर पलट गया था. पवार का वाहन सुरक्षित गुजर गया था. जो कार पलट गई थी उसके ड्राइवर को मामूली रूप से चोट लगी है.

क्या शराब पीने से शरीर के भीतर भी वायरस मर जाते हैं?

Himalayauk Newsportal Bureau हमारे आसपास तीन प्रकार के अल्कोहल उपलब्ध हैं, आइसोप्रोपिल (isopropyl), इथाइल (ethyl) और मीथाइल (methyl). इन सभी अल्कोहल का  इस्तेमाल आप बाहरी किसी भी जर्म को मारने के लिए कर सकते हैं. इन जर्म्स और बैक्टीरिया में कोरोना वायरस भी एक है. ज्यादातर हैंड सैनिटाइजर में आइसोप्रोपिल और इथाइल (एथनॉल) अल्कोहल का इस्तेमाल होता है.

इथाइल अल्कोहल ही शराब कहलाती है. शरीर के अंदर जाते ही इस अल्कोहल को आपना डाइजेस्टिव प्रोसेस छोटे मोलेक्यूल में बदल देता है. इसी वजह से शरीर के अंदर अल्कोहल किसी भी जर्म या बैक्टीरिया को मारने के काबिल नहीं रह जाता. दरअसल हमारे शरीर में अरबों गुड बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो शरीर के भीतर आने वाले तरल और खाने की चीजों को पचा लेते हैं. यही कारण है कि शरीर के भीतर शराब वायरस नहीं मार पाते.

वैज्ञानिकों का कहना है कि आइसोप्रोपिल अल्कोहल और मीथाइल अल्कोहल को गलती से भी पीने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. ये दोनो अल्कोहल बेहद खतरनाक होते हैं और इन्हें पीने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. इसी तरह हैंड सैनिटाइजर को कभी भी गलती से पीना जानलेवा साबित हो सकता है. 

आयुष मंत्रालय ने BHU की कोरोना दवा को हरी झंडी दी 

नई दिल्ली:  Himalayauk Newsportal Bureau कोरोना वायरस (Coronavirus) की दवा पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं. इस बीच आयुष मंत्रालय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की कोरोना दवा को हरी झंडी दे दी है. जिसके बाद बीएचयू का आयुर्वेद विभाग कोरोना मरीजों पर दवा का ट्रायल शुरू करेगा. 

22 मार्च को बीएचयू के आयुर्वेद संकाय ने आयुष मंत्रालय को एक पत्र लिखकर संभावित औषधियों के ट्रायल की अनुमति मांगी थी. जिसमें 24 मार्च को कोविड चेयरमैन को प्रस्ताव भेजा गया और 10 अप्रैल को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखा गया था. कोरोना दवा के ट्रायल की अनुमति 23 जून को दी गई. प्रो. त्रिपाठी के मुताबिक प्रोजेक्ट में मरीजों पर शिरीषादि कसाय (काढ़ा) का असर देखने संग मैकेनिज्म का अवलोकन होगा. तीन माह के प्रोजेक्ट के लिए दस लाख स्वीकृत हैं. 

बीएचयू के आयुर्वेद विभाग के प्रोफेसर की मानें तो स्वीकृति राशि मंत्रालय की तरफ से आते ही काम शुरू हो जाएगा. काढ़े को लेकर प्रोफेसर ने बताया कि चरक सूत्र-25 में शिरीष विषनाशक है. शिरीषादि कसाय जहर को खत्म करेगा, जिससे रोग- प्रतिरोधक क्षमता बनी रहेगी. 

शिरीषादि कसाय में शिरीष संग वासा, मुलेठी, तेजपत्ता, कंडकारी आदि औषधीय पदार्थ शामिल हैं. मुलेठी कफ को बाहर निकलता है साथ ही यह बुद्धिवर्धक भी है. तेज पत्ता भूख बढ़ाता है और पेट साफ भी करता है. बता दें कि बीएचयू ने साल 1980 में सांस के रोग के लिए दवा खोजी थी.

हाल ही में योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी ने भी कोरोना दवा खोजने का दावा किया था. हालांकि बाबा रामदेव के दावे पर आयुष मंत्रालय ने ब्रेक लगाते हुए जांच होने तक दवा के प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी थी. 

देश में  कोरोना मरीजों (coronavirus) का आंकड़ा साढ़े पांच लाख के करीब

  Himalayauk Newsportal Bureau देश में कोरोना मरीजों (coronavirus) का आंकड़ा साढ़े पांच लाख के करीब पहुंच गया है. लगातार दूसरे दिन करीब 20 हजार नए केस सामने आए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) द्वारा सोमवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 19459 नए केस सामने आए. पिछले 24 घंटे में 380 लोगों की मौत इस महामारी से हुई है. देश में अब कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 5, 48, 318 हो गई है. अब तक कुल 16, 475 लोगों की मौत हुई है. फिलहाल देश में 2,10,120 एक्टिव केस हैं. यानी दो लाख से ज्यादा लोगों का इलाज चल रहा है और 3,21,723 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं. महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड 5,493 नए केस सामने आने के साथ ही कोरोना वायरस (coronavirus) संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,64,626 हो गई. इसके अलावा, कोविड-19 से और 156 लोगों की मौत होने के साथ ही राज्य में महामारी से जान गंवाने वालों का आंकड़ा बढ़कर 7,429 हो गया है. जान गंवाने वाले 156 लोगों में से 60 मौत बीते 48 घंटों के दौरान हुईं जबकि अन्य की मौत पहले हुई थी. राज्य में अब भी 70,607 मरीजों का इलाज जारी है. 

महाराष्ट्र में 1 जुलाई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला लिया

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की खतरनाक स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 31 जुलाई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला लिया है. समूचे महाराष्ट्र, खासकर मुंबई और पुणे में कोरोना वायरस के संक्रमण में तेजी देखी जा रही है. संक्रमण पर रोक लगाई जा सके, इसके लिए सरकार ने प्रदेश में लॉकडाउन की मियाद बढ़ाने का फैसला लिया है. महाराष्ट्र में आंकड़े बता रहे हैं कि राज्य में हालात अब भी गंभीर हैं. 24 घंटे में महाराष्ट्र में कोरोना के 5493 नए मामले सामने आए हैं और 156 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. महाराष्ट्र में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 7429 हो गया है. कुल मिलाकर राज्य में कोरोना के 1 लाख 64 हजार 626 केस हैं, जिनमें से 70 हजार 607 केस एक्टिव हैं. हालांकि अच्छी बात यह है कि महाराष्ट्र में 86 हजार 575 मरीज डिस्चार्ज किए जा चुके हैं. मुंबई की बात करें तो 24 घंटे में 1287 नए मामले सामने आए हैं. अब तक कुल 75 हजार 539 केस सामने आ चुके हैं. मुंबई में अब तक 4371 लोगों की मौत हो चुकी है. संक्रमितों की संख्या के मामले में दिल्ली ने मुंबई को पीछे छोड़ दिया है.

मुंबई कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित है. मुंबई में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 28006 है. मुंबई में पिछले 24 घंटों में कोरोना के कारण 87 नई मौतें दर्ज की गई हैं. इसके अलावा मुंबई में अब तक 43154 कोरोना मरीजों को इलाज के बाद डिस्चार्ज भी किया जा चुका है.

Yr. Contribution Deposit Here: HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND  Bank: SBI CA
30023706551 (IFS Code SBIN0003137) Br. Saharanpur Rd Ddun UK 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *