चमोली आपदा – नदी तटों के आसपास लापता व्यक्तियों की खोजबीन जारी

Chamoli Tragedy 21 Feb. 2021 : www.himalayauk.org (Leading Newsportal) Bureau Report:

चमोली के आपदाग्रस्त क्षेत्र में दबे लोगों की तलाश के लिए अभियान लगातार जारी है.  चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ के समय एनटीपीसी की निर्माणाधीन 520 मेगावाट तपोवन- विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को हुई भारी क्षति के अलावा, रैंणी में स्थित 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना भी बाढ़ से पूरी तरह तबाह हो गई थी.

चमोली 21 फरवरी,2021(सू0वि0)  ऋषि गंगा के जल प्रलय के बाद से ही प्रभावित क्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा राहत बचाव कार्य लगातार जारी है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यो की रेग्यूलर माॅनिटरिंग कर रहे है। आपदा में लापता हुए 206 व्यक्तियों में से अब तक 68 शव और 28 मानव अंग बरामद किए जा चुके है और 136 लोग अभी लापता चल रहे है। जिनकी तलाश जारी है।

तपोवन सुरंग से पानी और मलवा हटाने का काम भी जारी है। टनल से अब 14 डेडबाॅडी रिकवर हो चुकी है। विगत शनिवार को देर सांय एनडीआरएफ टीम ने बैराज साइट में मलवे से 5 डेडबाॅडी रिकवर की। जिनकी शिनाख्त हो चुकी है। इसमें अमृत कुमार पुत्र कैलाश निवासी झारखंड, ज्योतिष वासला पुत्र मनोज वासला निवासी झारखंड, मुन्ना कुमार सिंह पुत्र विन्देश्वरी सिंह निवासी बिहार, जलाल पुत्र इस्तियाक अली निवासी लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश तथा जीवन सिंह पुत्र जवाहर सिंह निवासी ग्राम पंजिया थाना व तहसील कालसी देहरादून शामिल है। वही आज रविवार को तपोवन टनल से भी 01 शव बरामद किया गया। जिसकी शिनाख्त सुनील बाखला पुत्र प्रकाश बाखला निवासी झारखंड के रूप में हुई है। अब तक 39 व्यक्तियों की शिनाख्त हो चुकी है। रविवार को चमोली घाट पर 02 मानव अंगों का अंतिम संस्कार भी किया गया। रैणी ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट, तपोवन में विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट एवं नदी तटों के आसपास लापता व्यक्तियों की खोजबीन जारी है।

जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुपालन में अब तक 29 मृतकों के परिजनों को 1 करोड 16 लाख अहैतुक सहायता राशि वितरण के अतिरिक्त 11 घायलों एवं एक परिवार को गृह अनुदान का वितरण किया जा चुका है। वही 03 मृतक पशुओं का मुआवजा भी बांटा गया है। जिला प्रशासन द्वारा अब तक 34 मृतक व्यक्तियों को मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है।

प्रभावित क्षेत्रों में संचालित स्वास्थ्य शिविरों में अब तक 2127 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और 180 पशुओं की चिकित्सा के साथ दवा एवं 84 फीड ब्लाक वितरित किए गए। प्रभावित परिवारों को 555 राशन किट व  46 सोलर लाइट वितरण के अतिरिक्त तोपोवन और रैणी में संचालित राहत शिविरों में अब तक 8554 लोगों को भोजन कराया गया। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी एवं खाद्यान्न की आपूर्ति सुचारू है।

आपदा में बारह गांव भी प्रभावित हुए हैं जिनमें 465 परिवार प्रभावित हुए हैं. सभी जगह आवागमन और बिजली, पानी की वैकल्पिक व्‍यवस्‍था बहाल कर ली गई है. आवागमन के लिए धोलीगंगा पर भंग्यूल, जुवाग्वाड़ गांव और रैणी में तीन जगह ट्रालियां लगाई गई हैं. तपोवन साइट पर टनल से अभी तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं. यहां अनुमानत: 25 से 35 लोग मलबे में दबे हैं. 180 मीटर की इस टनल को 145 मीटर तक साफ कर लिया गया. यहां लगातार मलबे के स्लग के रूप में होने और बैकफ्लो के कारण ऑपरेशन में दिक्कतें हो रही हैं. टनल से पानी को निकालने के लिए पंप लगाए गए हैं. पहले पानी की निकासी की जा रही है और फिर टनल में मलबा हटाने का काम किया जा रहा है. यहां एनडीआरएफ और टनल में खुदाई का काम कर रहे हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारियों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी ओर टनल से लगे डिसेल्टिंग चैंबर में भरे स्लग को भी पंप के जरिए निकालने का काम शुरू किया गया है. डिसेल्टिंग चेंबर में 100 से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है लेकिन यहां पंद्रह से बीस मीटर तक मलबा भरा पड़ा है. जब तक मलबा सूख नहीं जाता यहां जेसीबी मशीन भी नहीं डाली जा सकती. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी धौलीगंगा के किनारों पर सर्च ऑपरेशन भी चला रही हैं. यहां शवों के बहकर आने की संभावना है. दूसरी ओर धौलीगंगा के टॉप पर पेंग गांव से लगे क्षेत्र में बनी झील की भी राज्य सरकार लगातार मॉनीटरिंग कर रही है. शुक्रवार को एयर फोर्स के चौपर के जरिये यहां निदेशक जीएसआई, वाडिया इंस्टीयूट के दो जियोलॉजिस्ट, एक साइंटिस्ट और एसडीआरएफ के दो जवानों को मौके के लिए भेजा गया. ये टीम शनिवार को झील का निरीक्षण करने के साथ ही उसकी स्टडी भी करेगी.

Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; Mail; himalayauk@gmail.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *