स्वास्थ्य मंत्री को जवाब देना चाहिए- यह कितना नैतिक?- रामदेव के उत्‍पाद पर नाराज- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) & Top National News 22 Feb. 21

22 Feb. 2021: Himalayauk Bureau # स्वास्थ्य मंत्री को देश को इसका जवाब देना चाहिए- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA # रेलवे को लेकर पश्चिम बंगाल में संभावनाओं के नए द्वार – बीजेपी सोनार बांग्ला के निर्माण के लिए काम करेगी — पीएम मोदी # महाराष्ट्र सरकार में खाद्य मंत्री छगन भुजबल भी कोरोना पॉजिटिव # मुंबई के एक होटल में सांसद ने आत्महत्या कर ली. # पुडुचेरी में कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार गिर गई – कांग्रेस इस संकट को एक भावनात्मक मुद्दे में बदल सकती है #श्रमिक सरकार से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जान पाएंगे   # # ####

स्वास्थ्य मंत्री को देश को इसका जवाब देना चाहिए- कितना नैतिक- रामदेव के उत्‍पाद पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA)

नई दिल्ली:योग गुरू रामदेव (Ramdev) की पंतजलि आयुर्वेद ने कहा कि COVID-19 के इलाज में सहायक दवा के रूप में उसके कोरोनिल टैबलेट (Coronil) को आयुष मंत्रालय से प्रमाण पत्र मिला है. कंपनी के इस टैबलेट को प्रमाण पत्र विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की प्रमाणन योजना के तहत मिला है. पतंजलि ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) की मौजूदगी में कोरोनिल के लिए आयुष मंत्रालय से प्रमाण पत्र मिलने की घोषणा की थी. जिसके बाद एक नया विवाद शुरू हो गया. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इसकी निंदा की है. IMA ने सवाल उठाया कि स्वास्थ्य मंत्री गलत तरीके से गढ़े हुए, अवैज्ञानिक उत्पाद को देश के सामने कैसे बढ़ावा दे सकते हैं.

बाबा रामदेव द्वारा कोरोनिल लॉन्च के बाद WHO ने एक ट्वीट में स्पष्ट किया कि संगठन ने COVID-19 के उपचार या रोकथाम के लिए किसी भी पारंपरिक दवा की समीक्षा या उसे प्रमाणित नहीं किया है. IMA ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री जो खुद एक डॉक्टर हैं, की मौजूदगी में लॉन्च की गई एक दवा के लिए WHO प्रमाणन को लेकर बोला गया झूठ चौंकाने वाला है. IMA ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को देश को इसका जवाब देना चाहिए.

IMA ने पूछा कि भारत का स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते पूरे देश के सामने ऐसे झूठे अनुमानों को जारी करना कितना उचित और तर्कसंगत है. स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते पूरे देश के लोगों के लिए इस तरह के झूठे गढ़े हुए अवैज्ञानिक उत्पाद को जारी करना कितना उचित है. स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते पूरे देश में अनैतिक, गलत और गलत तरीकों से उत्पाद को बढ़ावा देना कितना नैतिक है. स्वास्थ्य मंत्री और एक डॉक्टर होने के नाते देश के नागरिकों के समक्ष अवैज्ञानिक उत्पाद को बढ़ावा देना कितना नैतिक है.

IMA ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा पूरे देश में एक अवैज्ञानिक दवा का गलत और मनगढ़ंत प्रक्षेपण और जिसे WHO द्वारा खारिज किया जाना, देश के लोगों के लिए अपमानजनक है और यह लोगों को धोखा देना है. IMA ने पूछा कि अगर कोरोनिल वाकई कोरोना से बचाव में कारगर है तो सरकार टीकाकरण पर 35 हजार करोड़ रुपये क्यों खर्च कर रही है.

पतंजलि ने एक बयान में कहा था, ‘‘कोरोनिल को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के आयुष खंड से डब्ल्यूएचओ की प्रमाणन योजना के तहत फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट (सीओपीपी) का प्रमाण पत्र मिला है.” बयान में दावा किया गया है कि सीओपीपी के तहत कोरोनिल को अब 158 देशों में निर्यात किया जा सकता है.

रेलवे को लेकर पश्चिम बंगाल में संभावनाओं के नए द्वार – बीजेपी सोनार बांग्ला के निर्माण के लिए काम करेगी — पीएम मोदी

पश्चिम बंगाल के हुगली में एक रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल अब परिवर्तन का मन बना चुका है। आज पश्चिम बंगाल अपने तेज विकास के संकल्प को सिद्ध करने के लिए एक बड़ा कदम उठा रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि आपका ये उत्साह और उमंग बंगाल से लेकर दिल्ली तक बहुत बड़ा संदेश दे रहा है. अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने बंगाली भाषा में की. उन्होंने कहा कि अब पश्चिम बंगाल परिवर्तन का मन बना चुका है. अब हमें रुकना नहीं है बल्कि आगे बढ़ना है. बंगाल तेजी से विकास के लिए प्रतिबद्ध है.

पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी और पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बंगाल में मां दूर्गा की पूजा करने से लोगों को रोका जाता है. उनके विसर्जन से रोकती है. उन्होंने कहा कि देशभक्ति के बजाय वोट बैंक, सबका विकास के बजाय तुष्टिकरण को बल दिया गया.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मां, माटी और मानुष की बात करने वाले विकास के सामने दीवार बन गए. केंद्र से भेजा गया पैसा बंगाल के गरीबों तक नहीं पहुंचता है. हम बंगाल को टोलबाजी से मुक्त करेंगे. बंगाल में पीने के पानी के शुद्ध पानी के लिए योजना को पूरा करना है.

प्रधानमंत्री ने कहा, “बंगाल के लोग, वोटबैंक की राजनीति के लिए अपनी संस्कृति का अपमान करने वाले ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, “आज मैं बंगाल के लोगों को ये विश्वास दिलाता हूं, जब बंगाल में बीजेपी की सरकार बनेगी तो हर बंगालवासी अपनी संस्कृति का गौरवगाण कर सकेगा. कोई उसे डरा नहीं पाएगा, दबा नहीं पाएगा. बीजेपी उस सोनार बांग्ला के निर्माण के लिए काम करेगी, जिसमें यहां का इतिहास, यहां की संस्कृति दिनों दिन और मजबूत होगी.”

पीएम मोदी ने कहा कि हुगली जिला तो भारत में उद्योगों का एक प्रकार से हब था. हुगली के दोनों किनारों पर जूट इंडस्ट्री थी, आयरन और स्टील, मशीनों के बड़े-बड़े कारखाने थे. बड़े पैमाने पर यहां से निर्यात होता था. लेकिन अब आज हुगली की क्या स्थिति है, ये आप भली-भांति जानते हैं.

बंगाल दौरे के दौरान पीएम मोदी ने आगे कहा कि अब रेलवे को लेकर पश्चिम बंगाल में संभावनाओं के नए द्वार खुल रहे हैं। पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का बड़ा लाभ पश्चिम बंगाल को होने वाला है। इसका एक हिस्सा चालू भी हो चुका है, बहुत जल्द पूरा कॉरिडोर खुल जाएगा। जिससे बंगाल में भी उद्योगों के लिए अवसर बनेंगे। इससे पहले पीएम मोदी ने असम का दौरा किया।

महाराष्ट्र सरकार में खाद्य मंत्री छगन भुजबल भी कोरोना पॉजिटिव

महाराष्ट्र सरकार में खाद्य मंत्री छगन भुजबल भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। भुजबल ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा है कि वे अभी ठीक है, लेकिन चिंता वाली बात यह है कि भुजबल ने बीती रात एक शाही समारोह में हिस्सा लिया था और वहां उनके साथ एनसीपी मुखिया शरद पवार भी थे। भुजबल ने कहा है कि जो लोग भी बीते 2 दिनों में उनके सम्पर्क में आए हैं, वे अपनी जांच करवा लें।

ऐम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि महाराष्ट्र में पाए गए कोरोनो वायरस के नए लक्षण अत्यधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकते हैं। कोरोनो वायरस के लिए हर्ड इम्युनिटी एक “मिथक” है क्योंकि पूरी आबादी की रक्षा के लिए कम से कम कम से कम 80 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडीज होना जरूरी है। उन्होंने चेताया कि कोरोना का नया स्ट्रेन उन लोगों में भी पुन: संक्रमण का कारण बन सकता है जिन्होंने वायरस के लिए एंटी-बॉडी विकसित की है। इसलिए सभी को पूरी तरह से अलर्ट रहने और तमाम नियमों का पालन करना जरूरी है।

महाराष्ट्र में सोमवार से भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों पर रोक लगाने के साथ ही कई जिलों में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद करने का आदेश दिया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगले आठ दिन तय करेंगे कि क्या राज्य में लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। अमरावती जिले में सोमवार से एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगा भी दिया गया है। वहीं, संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्यों को आरटी-पीसीआर टेस्ट में तेजी लाने को कहा है।

उद्धव ठाकरे ने राज्य के लोगों के नाम जारी वीडियो संदेश में कहा, “क्या आप लॉकडाउन चाहते हैं। अगले आठ दिनों में तय होगा। राज्य में आज करीब सात हजार नए केस मिले हैं। अगर कोरोना के हालात गंभीर होते हैं तो हमें राज्य में लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। जो लोग लॉकडाउन चाहते हैं वो बिना मास्क के आराम से बाहर घूम सकते हैं और जो लोग नहीं चाहते हैं वो मास्क पहनें और नियमों का पालन करें।” उन्होंने कहा कि राज्य में राजनीतिक धरना प्रदर्शनों, रैलियों, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों पर कुछ दिनों के लिए रोक रहेगी, क्योंकि इनमें भीड़ ज्यादा होती है।

मुंबई के एक होटल में सांसद ने आत्महत्या कर ली.

मुंबई: दादर और नागर हवेली के सांसद मोहन डेलकर ने सुसाइड कर लिया है. मुंबई के होटल सी ग्रीन मरीन में उनकी लाश मिली है. एक सुसाइट नोट भी बरामद हुआ है जो गुजराती भाषा में लिखी हुई है. वे इस लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद थे. सांसद की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

सुसाइड नोट गुजराती भाषा में लिखा  – दादर और नागर हवेली के सांसद मोहन डेलकर ने आत्महत्या कर ली है। न्यूज एजेंसी एएनआई से मिली जानकारी के मुताबिक मुंबई के होटल सी ग्रीन मरीन में उन्होंने आत्महत्या कर ली है। शव के पास से पुलिस को जांच के दौरान एक सुसाइड नोट भी मिला हुआ है। पुलिस ने बताया कि सुसाइड नोट गुजराती भाषा में लिखा हुआ है। शुरुआती जांच में पुलिस इसे आत्महत्या ही मान रही है। गौरतलब है कि मोहन डेलकर अपने लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद के रूप में चुने गए थे।

मोहन डेलकर की उम्र 58 साल थी. साल 1989 में वे दादर और नागर लोकसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे. अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने ट्रेड यूनियन नेता के तौर पर थी. वे कांग्रेस और बीजेपी के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ चुके थे. बाद में उन्होंने भारतीय नवशक्ति पार्टी (बीएनपी) का गठन किया था.

पूर्व सांसद और मोहन डेलकर के दोस्त भरत सिंह सोलंकी ने इस घटना पर दुख जताया. उन्होंने कहा, “जब इस खबर का पता चला तो हमें शॉक लगा. हमने कई सालों तक उनके साथ काम किया था. वे बहुत ही मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे और लोगों दादर नागर हवेली का विकास उनके दिल में रहता था.”

पुडुचेरी में कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार गिर गई – कांग्रेस इस संकट को एक भावनात्मक मुद्दे में बदल सकती है

पुडुचेरी में कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार गिर गई है। क्योंकि वी नारायणसामी (V Narayanasamy) फ्लोर टेस्ट (Floor Test) साबित करने में असफल रहे। पुडुचेरी विधानसभा (Puducherry Assembly) में फ्लोर टेस्ट के दौरान कांग्रेस (Congress) और डीएमके के विधायकों ने वॉक आउट किया। इसके बाद स्पीकर (Speaker) ने ऐलान किया कि सरकार सदन में बहुमत साबित कर पाने में विफल रही। विधानसभा मे नारायणसामी बहुमत साबित करने में फेल रहे जिसके बाद वे उपराज्यपाल से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

3 नामित सदस्यों को विश्वास प्रस्ताव में कहीं भी मतदान का अधिकार नहीं है, मेरी स्पीच खत्म होने के बाद सरकार के व्हिप ने इस मुद्दे को उठाया लेकिन अध्यक्ष इससे सहमत नहीं हुए। ये लोकतंत्र की हत्या है, ऐसा देश में कहीं नहीं होता। पुडुचेरी के लोग इन्हें सबक सिखाएंगे।

इससे पहले, विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री नारायणसामी ने पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों ने मिलकर सरकार को गिराने की कोशिश की। ज्ञात हो कि पिछले कई दिनों में कांग्रेस की गठबंधन सरकार के छह विधायक अपने पद से इस्तीफा दे चुके थे। वहीं, पिछले साल कांग्रेस के एक विधायक को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इस तरह सरकार से सात विधायक दूर हो चुके थे, जिसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई थी।

ऐसा लग रहा है कि पुडुचेरी में खड़ा हुआ राजनीतिक संकट दो राष्ट्रीय पार्टियों के बीच लड़ाई का नतीजा है। मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने 18 फरवरी को आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। वहीं, इस मसले पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस इस संकट को एक भावनात्मक मुद्दे में बदल सकती है। राजनीतिक टिप्पणीकार रवींद्रन दुरीसामी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि नारायणसामी विश्वास मत जीतने में सक्षम नहीं होंगे, इसलिए वे अपनी उपलब्धियों और आगामी चुनाव की बातों को उजागर करने के लिए फ्लोर टेस्ट का उपयोग कर सकते हैं।

श्रमिक सरकार से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जान पाएंगे  

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने आज श्रमिक सुधारों (Labour Reform) को लेकर कई बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में क़रीब 10 लाख निर्माण श्रमिक हैं और अभी 2 लाख 12 हज़ार श्रमिक रजिस्टर्ड नेटवर्क (Labour Registration Network) में हैं। अब सरकार बहुत बड़े पैमाने पर रजिस्ट्रेशन अभियान (Registration Campaign) चला रही है। दिल्ली में 262 लेबर चौक पर रोज जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इससे वहां आने वाले श्रमिक रजिस्ट्रेशन के जरिए सरकार से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जान पाएंगे।

आज से अगले एक ​महीने में लिए दिल्ली में 45 जगहों पर रजिस्ट्रेशन कैंप लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन मजदूर को दिल्ली सरकार से कई फायदे मिलते है। दिल्ली में 45 साइट्स पर रेजिस्ट्रेशन कैंपेन सुबह 9 से लेकर 5 बजे तक 1 महीने तक चलाया जाएगा। कंस्ट्रक्शन से जुड़ा कोई भी वर्कर अपना रेजिस्ट्रेशन करवा सकता है। महिला वर्कर को मां बनने पर 30 हजार अगर वर्कर 60 साल का हो जाता है तो हर महीने 3 हजार पेंशन और किसी वर्कर की वर्किंग साइट्स पर मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को 2 लाख की सहायता दी जाती है। मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार निर्माण श्रमिकों के लिए बड़े पैमाने पर पंजीकरण अभियान शुरू कर रही है ताकि दिल्ली के श्रमिक शिक्षा, पेंशन, मातृत्व, विवाह आदि से संबंधित दिल्ली सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकें। इसी माह सरकार ने करीब 488 श्रमिकों को अलग अलग मदों में 3.18 करोड़ का भुगतान किया है।

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