सत्‍ता के गलियारो से- उत्‍तराखण्‍ड की खास खबरे- Top news 21 Feb. 21

21 Feb. 2021: www.himalayauk.org (Leading Newsportal) Bureau Report:

High Light# मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021 प्राप्तकर्ता देहरादून के अनुराग रमोला ने शिष्टाचार भेंट# मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बाजपुर निवासी संतोष देवी पत्नी स्व. अशोक कुमार रूहेला को पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान #इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का शुभारम्भ #क्षत्रिय जागरण स्मारिका 2020-21 का विमोचन #उत्तराखण्ड सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स वाइफ्स एसोशिएशन- संजीवनी फेस्ट का आयोजन# गुलदार इंसानी जिंदगी पर भारी

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021 प्राप्तकर्ता देहरादून के अनुराग रमोला ने शिष्टाचार भेंट

देहरादून 21 फरवरी, 2021 (सू.ब्यूरो)  मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में रविवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021 प्राप्तकर्ता देहरादून के अनुराग रमोला ने शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने अनुराग रमोला की उपलब्धियों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी।

ज्ञातव्य है कि नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस-2021 पर अनुराग रमोला को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 प्रदान किया गया था। मास्टर अनुराग रमोला एक उभरते हुए कलाकार हैं और उन्होंने चित्रकारी के क्षेत्र में काफी पुरस्कार और सम्मान जीते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भी अनुराग रमोला की सराहना की गई है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बाजपुर निवासी संतोष देवी पत्नी स्व. अशोक कुमार रूहेला को पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बाजपुर निवासी संतोष देवी पत्नी स्व. अशोक कुमार रूहेला को पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है। ज्ञातव्य है कि प्रार्थिनी के पुत्र की विगत दिसम्बर माह में आपसी लड़ाई झगड़े में मृत्यु हो गई थी। पीड़ित परिवार द्वारा उस वक्त काफी विवाद किया गया था तथा आर्थिक मदद की मांग की गई थी। मुख्यमंत्री ने प्रार्थिनी के घर की कमजोर आर्थिक स्थिति व आय का कोई स्त्रोत न होने के दृष्टिगत यह धनराशि प्रदान की है।

इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का शुभारम्भ

देहरादून 21 फरवरी, 2021 (सू.ब्यूरो)  मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दिलाराम चौक स्थित जल संस्थान कार्यालय से स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत यह एक अच्छी शुरूआत हुई है। इलेक्ट्रिक बस से प्रदूषण भी कम होगा और लोगों की यात्रा भी सुलभ होगी। 05 इलेक्ट्रिक बसों को मुख्यमंत्री ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

      स्मार्ट सिटी में चलने वाली इन बसों में 25 सीटें सामान्य लोगों के लिए एवं दिव्यांग व्यक्तियों के लिए व्हील चेयर खड़ी करने के लिए स्थान की सुविधा उपलब्ध है। इलेक्ट्रिक बस में फ्रंट और रियर एयर सस्पेंशन की सुविधा उपलब्ध है। यह बस वातानुकूलित है, इसमें जी.पी.एस. सिस्टम, 03 सीसीटीवी कैमरा, ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन, आई.टी.एस. डिस्प्ले, हर सीट में यूएसबी पोर्ट, आपातकालीन बटन, इमरजेंसी हैमर, अग्निशमन यंत्र एवं रिजनरेशन सिस्टम की सुविधा है।

      इस अवसर पर सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री हरबंस कपूर, श्री विनोद चमोली, श्री गणेश जोशी एवं सीईओ स्माअर् सिटी/ जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।

क्षत्रिय जागरण स्मारिका 2020-21 का विमोचन

देहरादून 21 फरवरी, 2021 (सू.ब्यूरो)         मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में क्षत्रिय जागरण स्मारिका 2020-21 का विमोचन किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस स्मारिका में पौराणिक एवं समसामयिक घटनाओं का सही समावेश किया गया है। देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पराक्रमियों का भी स्मारिका के माध्यम से स्मरण किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड क्षत्रिय कल्याण समिति समाज हित में निरन्तर कार्य कर रही है। सामाजिक कुप्रथाओं व रूढ़ीवादी विचारों के उन्मूलन, उत्तराखण्ड की सभ्यता एवं सांस्कृतिक विरासत के संवर्द्धन के लिए उत्तराखण्ड क्षत्रिय कल्याण समिति द्वारा सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं।

       मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जल के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। वर्षा जल के संचय के साथ ही राज्य में अनेक झीलों का निर्माण किया जा रहा है। लोगों को ग्रेविटी आधारित जल मिले इसके लिए सौंग एवं जमरानी बांध परियोजना पर कार्यवाही गतिमान है। सूर्यधार झील बनकर तैयार है और मलढ़ूंग बांध पर भी कार्यवाही चल रही है। जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए उत्तराखण्ड क्षत्रिय कल्याण समिति से भी सहयोग लिया जा सकता है। इस क्षेत्र में कार्य करने वाले समिति में अनुभवी लोग भी हैं।

       क्षत्रिय जागरण स्मारिका में उत्तराखण्ड की पौराणिक एवं सांस्कृतिक जानकारी के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए हुए जन आन्दोलनों एवं राज्य के लिए विशिष्ट योगदान देने वाले लोगों के कार्यों के बारे में जानकारी दी गई है। समाज हित में क्षत्रिय कल्याण समिति द्वारा किये गये प्रमुख कार्यों को भी स्मारिका में प्रकाशित किया गया है।

      इस अवसर पर विधायक श्री सहदेव सिंह पुण्डीर, उत्तराखण्ड क्षत्रिय कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री भरत सिंह बिष्ट, महासचिव श्री बृज भूषण रावत, स्मारिका के सम्पादक श्री अतुल नेगी एवं क्षत्रिय कल्याण समिति के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखण्ड सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स वाइफ्स एसोशिएशन- संजीवनी फेस्ट का आयोजन

देहरादून 21 फरवरी, 2021 (सू.ब्यूरो)        मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सर्वे चौक देहरादून में संजीवनी फेस्ट कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टॉलों का अवलोकन किया। उन्हांने कहा कि इस तरह के आयोजन से हमारे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और उत्तराखण्ड के विभिन्न थीम पर आधारित उत्पादों को सही प्लेटफार्म मिलने से राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर हमारे स्थानीय उत्पादों को अलग पहचान मिलेगी।

      उत्तराखण्ड सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स वाइफ्स एसोशिएशन एक स्वयं सेवी संस्था है। यह संस्था महिलाओं तथा बालिकाओं के उत्थान एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में 20 सालों से प्रयासरत है। संजीवनी की वर्तमान अध्यक्षा श्रीमती दीपा प्रकाश के प्रयासों से दो दिवसीय संजीवनी फेस्ट का आयोजन किया गया। महिला एवं बालिका विकास को समर्पित संजीवनी कोरोना काल से प्रभावित ग्रामीण दस्तकारी, हस्तशिल्प, आयुर्वेदिक उत्पाद एवं अन्य ग्रामोत्पादों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

      संजीवनी फेस्ट का शुभारम्भ राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को किया था। इस संजीवनी फेस्ट को सफल बनाने में श्रीमती दीपा प्रकाश की अध्यक्षता में फेस्ट की सदस्य श्रीमती अलकनन्दा अशोक, श्रीमती रश्मि वर्द्धन, श्रीमती अंजलि सिन्हा, श्रीमती अनुराधा सुधांसु, श्रीमती आकांक्षा सिन्हा, श्रीमती शर्मिला भरतरी, श्रीमती अंशु पाण्डे, श्रीमती मुदिता संत, श्रीमती गुंजन यादव, श्रीमती रूपाली ज्योति, श्रीमती लता रावत, श्रीमती सालिनी शाह, श्रीमती दीपाली सिंह एवं श्रीमती शिखा पाण्डेय ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

गुलदार इंसानी जिंदगी पर भारी

पिथौरागढ़.  गुलदार  पहाड़ों में बरसात के सीजन में हमलावर होता था. लेकिन इस बार साल भर गुलदारों के हमले इंसानों पर हो रहे हैं. जनपद पिथौरागढ़ में तो इस बार गुलदार इंसानी जिंदगी पर इस कदर भारी पड़ गया है कि उसे रोक पाना वन विभाग के हाथ में नहीं है. आलम ये है कि शिकारी एक आदमखोर गुलदार को मौत के घाट उतार रहे हैं तो उसकी जगह दूसरा गुलदार लोगों पर हमलावर हो रहा है.

हालात ये हो गए हैं कि लोग गुलदार के खौफ से घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं. पिथौरागढ़ के 180 से अधिक गांवों में गुलदार का खौफ देखने को मिल रहा है. यही नहीं मुख्यालय से सटे इलाकों में भी कई आदमखोर गुलदार घूम रहे हैं. बीते साल की बरसात से अब तक जिले में गुलदारों ने 12 लोगों को मौत की घाट उतार दिया है. जबकि 2 दर्जन से अधिक लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया है. बीते दिनों बजेत गांव में गुलदार ने एक महिला पर इतना खतरनाक हमला किया कि महिला का सिर और घड़ अलग हो गए. वन विभाग ने बीते 6 महीनों में शिकारियों की मदद से 6 गुलदारों को मार गिराया है. बावजूद इसके हमले रुकने का नाम नहीं ले रहा है.

बीते कुछ सालों में पुलिस और वन विभाग की सख्ती के कारण गुलदारों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है. लेकिन जंगलों में गुलदारों को भोजन नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण वो इंसानों को निवाला बना रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक, मुख्यालय के 10 किलोमीटर के दायरे में 30 से अधिक गुलदार सक्रिय हैं. गुलदारों के खौफ से लोगों का वन विभाग के खिलाफ गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है. देवलथल निवासी जगदीश कुमार का कहना है कि उनके क्षेत्र में गुलदारों लगातार लोगों को अपना निवाला बना रहा है, लेकिन वन विभाग ग्रामीणों को गुलदार के आतंक से मुक्ति नहीं दिला पा रहा है.

वन विभाग के एसडीओ नवीन पंत भी मान रहे हैं कि गुलदारों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है. जिस कारण इंसानों के लिए खतरा पैदा हो गया है. जबकि डीएफओ विनय भार्गव का कहना है कि जहां भी गुलदार इंसानों पर हमला कर रहा है, उनके कर्मचारियों की वहां तैनाती की जा रही है. यही नहीं शिकारियों की मदद से आदमखोर घोषित हो चुके गुलदारों को मारा भी जा रहा है.

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