Corona महादैत्‍य ने 2021में रूप बदला, WHO की चेतावनी, लंबे समय तक रह सकती है बीमारी

चीन के वुहान से दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के अब तक दो नए स्वरुप सामने आ चुके हैं. नए स्ट्रेन की वजह से दुनिया खौफ में है. कोरोना के नए वैरिएंट को समझने के लिए सबसे पहले ये जानना जरुरी है कि आखिर ये वायरस खुद को बदल क्यों रहा है और कैसे वो खुद में ऐसे भयानक बदलाव ला रहा है.  कोरोना के पहले स्ट्रेन से दुनिया उबर ही नहीं पाई थी, अब इसके तीन और नए स्ट्रेन पाए गए हैं. कोरोना 3.0 बाकी सभी स्ट्रेन से ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है. एक रिसर्च के अनुसार यह वैरियंट पहले और दूसरे स्ट्रेन की तुलना में ज्यादा संक्रामक है. इससे पहले, भी दो नए स्ट्रेन पाए जाने के बाद ब्रिटेन ने कई ऐतिहियाती कदम उठाए. वहीं, दुनिया के कई देशों ने ब्रिटेन से हवाई संपर्क काट दिया

Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; Mail; himalayauk@gmail.com

कोरोना वायरस संक्रमण का खौफ दुनिया से वैक्सीन आने के बाद भी खत्म नहीं हुआ है. वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं भी जताई जा रही हैं. 2020 जाते-जाते एक खुशखबरी मिली थी कि कोरोना की वैक्सीन आ गई है लेकिन एक बार फिर दुनिया में वैक्सीन को लेकर दहशत है. पहले इंग्लैंड, फिर दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन सामने आ गया. क्या कोरोना वैक्सीन का मजहब से भी कोई कनेक्शन है? 

इंडोनेशिया और मलेशिया के बाद भारत में भी कोरोना वैक्सीन को लेकर विवाद तेज हो गया है. कोरोना वैक्सीन में सूअर की चर्बी के शक को लेकर घमासान मचा हुआ है. कुछ मुस्लिम संगठनों ने कोरोना वैक्सीन में पोर्क जिलेटीन यानी सुअर की चर्बी के इस्तेमाल को लेकर शक जताया है. 

ये महामारी लंबे समय के लिए रह सकती है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर एक चेतावनी जारी करते हुए कहा कि ये महामारी लंबे समय के लिए रह सकती है. डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 (Covid-19) के छह महीने के मूल्यांकन पर आपात कमेटी से मुलाकात के बाद ऐसा कहा. एक बयान में WHO ने कहा कि कमेटी ने कोविड-19 महामारी की लंबी अवधि तक रहने का आकलन किया है. कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया (World) में फैलते हुए सात महीने हो चुके हैं और इस बीच ये कमेटी चार बार कोरोना वायरस के खतरे के मूल्यांकन को लेकर बैठक कर चुकी है. इस बैठक के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के खतरे को और ज्यादा निर्धारित किया है. उल्लेखनीय है कि, कोरोना वायरस से दुनिया में लगभग 6,80,000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और इस वायरस ने दुनिया के एक करोड़ 80 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है.

कोविड-19 संबंधी आपात कमेटी में 17 सदस्य और 12 सलाहकार हैं. इन सभी लोगों का कहना है कि ये वैश्विक महामारी अभी भी अंतरराष्ट्रीय मामलों में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात की श्रेणी में रखी जाएगी. कई देशों ने इस वायरस को काबू करने के लिए देश में सख्त लॉकडाउन का सहारा लिया और दो से तीन महीनों के लिए लगभग सभी क्षेत्रों में काम को बंद कर दिया लेकिन इससे इन देशों की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा. कमेटी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपील की वो वैक्सीन बनाने में देशों की मदद करें. इसके अलावा संगठन से अपील की कि वो वायरस के दूसरे माध्यमों पर भी ध्यान दें कि क्या जानवरों में कोरोना वायरस संक्रमण हो सकता है और अगर हां तो उसे रोकने के लिए आवश्यक कदम क्या उठाने चाहिए. इसके अलावा कमेटी चाहती है कि वायरस के अन्य घटकों पर ज्यादा जोर दिया जाए जैसे कि संक्रमण के माध्यम, वायरस का घर, वायरस का म्यूटेशन, संक्रमण से बचाव के लिए इम्यूनिटी. ये बैठक विश्व स्वास्थ्य संगठव के मुख्यालय जेनेवा में हुई. इस बैठक में लोग वीडियो लिंक के जरिए शामिल हुए

कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही दुनिया को वैक्सीन के आने से कुछ उम्मीद जगी है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन को लेकर फिर से चेतावनी जारी की है। डब्लूएचओ ने कहा है कि यह वैक्सीन कोई जादुई गोली नहीं होगी जो कोरोना वायरस को पलक झपकते खत्म कर देगी। हमें यथार्थवादी होने की जरूरत है। दुनिया में इस महामारी का प्रकोप लंबे समय तक बना रहेगा।

कोरोना वायरस को लेकर हुई बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस का कहना है कि इस महामारी का असर लंबे समय कर रहेगा. ऐसी महामारी 100 सालों में एक बार आती है लेकिन दशकों तक इसका प्रभाव रहता है. कमेटी ने सभी देशों को चेताया है कि मौसमी इंफ्यूएंजा या दूसरे वायरस से लड़ने के लिए खुद को और अपने देश के स्वास्थ्य प्रणाली को दुरुस्त रखें. कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय इमरजेंसी घोषित करने में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जितना समय लिया, उसके लिए संगठन की काफी आलोचना होती है. अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी जाने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी और संगठन के चीन से मिले होने का आरोप लगाया है.

डब्लूएचओ के पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक कसेई ताकेशी ने कहा कि ये वैक्सीन कोई चांदी की गोली नहीं हैं जो निकट भविष्य में महामारी को समाप्त कर देंगे। सुरक्षित और प्रभावी टीकों का विकास एक बात है। लेकिन इनका पर्याप्त मात्रा में उत्पादन करना और हर किसी तक पहुंचना आवश्यक है। यह प्रक्रिया क्षेत्र के कुछ हिस्सों में शुरू हो रही है, लेकिन समान वितरण में समय लगेगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि पूरे यूरोप में क्रिसमस के दौरान लोग अपने दोस्तों और परिवारवालों के साथ इकट्ठा होंगे। इससे कोरोना के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाएगा। ऐसे में डब्लूएचओ ने अपील करते हुए कहा है कि लोग संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए अपनी-अपनी जिम्मेदारी को निभाएं। संगठन ने यह भी कहा है कि मुलाकातों को घरों से बाहर रखने की कोशिश करें। अगर बंद हॉल या कमरे में मिल रहे हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें और मास्क का प्रयोग करें। डब्लूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहोम घेब्येयियस भी वैक्सीन को लेकर चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने अगस्त में ही कहा था कि वैक्सीन कोई जादुई गोली नहीं होगी जो कोरोना वायरस को पलक झपकते खत्म कर देगी। हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है इसलिए सबको साथ मिलकर प्रयास करने होंगे।

Yr. Contribution Deposit Here: HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND  Bank: SBI CA
30023706551 (IFS Code SBIN0003137) Br. Saharanpur Rd Ddun UK 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *