Corona Virus: दुनिया में कोहराम आयुर्वेद में कोरोना वायरस का इलाज

कोरोना वायरस का संक्रमण करीब बीते साल दिसंबर में चीन के वुहान शहर के एक बाज़ार से शुरू हुआ था. दिन पर दिन बिगड़ते हालात को देखकर अब विशेषज्ञों को चिंता सता रही है कि ये वायरस और कहां-कहां फैल सकता है और अपने चटपेट में और कितने लोगों के ले सकता है. चूंकि अब तक कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए कोई वैक्सीन या ठोस इलाज उपलब्ध नहीं है, ये तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है.

काली मिर्च के साथ मिलाए जाने पर हल्दी जादू की तरह काम करती है.

आयुवर्दे विशेषज्ञों ने बताया कि आंवला, नीम, गिलोय, शिलाजीत से इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इनका सेवन करके बचाव किया जा सकता है। इसके अलावा रोज एक चम्मच च्यवनप्राश से भी मदद मिलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हम सभी का इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होना चाहिए क्योकि कोरोना मुख्य तौर पर लोगों के फेंफड़ों पर असर करता है। ऐसे में रोज एक चम्मच च्यवनप्राश खाने से इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होगा।   रोज एक चम्मच च्यवनप्राश खाने से फेफड़े और श्वसन प्रणाली मजबूती होती है।

भारतीय चिकित्‍सा शास्त्र में कोरोना वायरस से बचाव के उपाय होने का दावा किया गया है. आयुर्वेदाचार्य पीयूष त्रिवेदी का कहना है कि गाय के दूध, गाय के घी, सौंठ, नीम और गिलोय के सेवन से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है.

आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बात करने जा रहे हैं जो आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं, और Covid-19 के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं. आंवला एक फल है जिसे स्वास्थ्य विशेषज्ञ दैनिक रूप से लेने की सलाह देते रहे हैं, खासतौर पर इसलिए क्योंकि यह इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में भी कारगर है. सिलेब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर की सलाह है कि आपको हर दिन एक आंवला खाना चाहिए. विटामिन-सी से भरपूर भोजन को कच्चे, अचार के रूप में, मुरब्बा के रूप में या जूस के रूप में सेवन किया जा सकता है. विटामिन सी के साथ, आंवला विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स और कैरोटीन में भी समृद्ध है. अमृत या गिलोय को तीनों तरह की परेशानियों के निवारक के रूप में जाना जाता है, जो कि फिजिकल बॉडी का निर्माण करने के लिए मददगार हैं. यह एक जड़ी बूटी है जो सभी के लिए फायदेमंद है. यह एक शक्तिशाली इम्युनोमोड्यूलेटर है, जो इम्यून सिस्टम को विनियमित और सामान्य करने में मदद करती है. गिलोय की जड़ तनाव को कम करने में भी मदद कर सकती है, और इसमें एंटी-लेप्रोटिक और मलेरिया-रोधी गुण भी मौजूद होते हैं. गिलोय में एंटीऑक्सिडेंट शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान कर सकती है.  काली मिर्च के साथ मिलाए जाने पर हल्दी जादू की तरह काम करती है. काली मिर्च में पिपेरिन की उपस्थिति में करक्यूमिन (हल्दी में शक्तिशाली यौगिक) सक्रिय होता है. लाइफ स्टाइल कोच लुके कटिंहो का मानना है कि दोनों मिलकर आपकी इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं. कर्क्यूमिन में एंटीसेप्टिक, एंटी इंफ्लेमेटरी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं. अपने हाथों को नियमित रूप से धोना कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है. उपरोक्त आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के अलावा, आप अपनी प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित चीजों का सेवन कर सकते हैं-

– तुलसी और अदरक की चाय (दिन में किसी भी समय)
– अदरक, तुलसी और शहद का काढ़ा (दो या तीन रोज)
– इम्यूनिटी बढ़ाने वाले लड्डू (गुड़, घी, हल्दी और अदरक पाउडर के साथ)
– रात को हल्दी वाला दूध

भारत में इंटरनेट के ज़रिए ऐसे संदेश लगातार फैल रहे हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैकल्पिक दवाएँ कारगर हैं. वैकल्पिक इलाज की पद्धतियों और दवाओं को बढ़ावा देने वाले सरकारी आयुष मंत्रालय ने कहा है कि उन्होंने कभी भी ये दावा नहीं किया कि होम्योपैथी में कोरोना वायरस कोविड 19 का “इलाज” है.कोरोना वायरस का असर चीन की सरहदों को पार करता हुआ कई देशों तक पहुंच चुका है और अभी तक इस वायरस का इलाज नहीं खोजा जा सका है.  इस माहौल में कई ऐसी जानकारियां सोशल मीडिया पर चल रही हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि इनके इस्तेमाल से कोरोना वायरस के असर को कम किया जा सकता है. कोरोना वायरस कोविड 19 का न तो अब तक कोई इलाज मिल सका है न ही इससे निपटने के लिए अब तक कोई टीका बना है. ऐसे में लोग राहत के लिए वैकल्पिक दवाओं का रुख़ कर रहे हैं लेकिन इसका ये अर्थ कतई नहीं है होम्योपैथी में कोरोना वायरस का इलाज है. लेकिन कोरोना वायरस के इलाज को लेकर बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया पर झूठी ख़बरें केवल भारत में ही नहीं बल्कि यूके, अमरीका, घाना और कई और जगहों पर भी शेयर की जा रही हैं. लेकिन ये तमाम जानकारियां ना सिर्फ़ भ्रांति फैला रही हैं बल्कि इनका उपयोग करना किसी भी व्यक्ति को अस्वस्थ कर सकता है. सबसे ज़्यादा भयंकर ये बात हो रही है कि लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ़ जैसी संस्थाओं से अंग्रेज़ी, उर्दू, हिंदी वग़ैरह में ये सब अटाएं-सटाएं लिख लिख कर फैला रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) लहसुन को एक अच्छा और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ मानता है जिसमें कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता है, लेकिन इस बात के कोई सबूत नहीं है कि लहसुन खाने से कोरोना वायरस का असर ख़त्म किया जा सकता है. यह बात सभी को पता है कि फल, सब्ज़ियां खाना और पानी पीना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है लेकिन इस बात के सबूत नहीं है कि कौन सा खाना खाने से कोरोना वायरस को समाप्त किया जा सकता है. पर हम अपनी बेडशीट को धोकर रखेंगे तो इस वायरस को वहां से ज़रूर हटा सकते हैं..

मेदांता मेडिसिटी के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान के अनुसार गर्म और नमी भरे मौसम में वायरस का फैलना काफी मुश्किल होता है. दरअसल जो कण इन वायरस के फैलाने के काम करते हैं वह गर्मी और नमी के मौसम अधिक देर तक नहीं टिक पाते हैं. इसकी वजह से यह कम होने लगते हैं. मार्च में दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर भारत का मौसम बदल रहा है. जल्द ही उत्तर भारत में तापमान 30 डिग्री से ऊपर पहुंच जाएगा. इसके अलावा सेंट्रल और साउथ इंडिया में भी पारा 30 से अधिक ही चल रहा है.

भारत का तापमान कोरोना वायरस को बेअसर कर देगा. दरअसल मार्च शुरू होते ही उत्तर भारत में तापमान तेजी से बढ़ने लगा है. फिलहाल तापमान 25 डिग्री तक पहुंच चुका है. अगले 15 दिन में यह 30 डिग्री को पार कर जाएगा. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके 30 डिग्री से ऊपर जाते ही कोरोना वायरस का असर कम होने लगता है और 35 डिग्री पर यह पूरी तरह खत्म हो जाता है. इससे पहले 2003 में फैले SARS और 1918 के स्पेनिश फ्लू और यूएस फ्लू के वायरस सूरज के तेवर बढ़ते ही अप्रैल से जून के बीच खत्म होते चले गए.

गूगल ने अपने सर्च इंजन में रखा वरियता क्रम में- BY: www.himalayauk.org (Uttrakhand Leading Newsportal & Daily Newspaper) Publish at Dehradun & Hariwar Mail us; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030## Special Bureau Report. उत्‍तराखण्‍ड सरकार से विज्ञापन मान्‍यता प्राप्‍त न्‍यूज पोर्टल तथा दैनिक समाचार पत्र

कोरोना से खुद को बचाने के लिए सबसे बेहतर तरीका अल्कोहल युक्त सैनीटाइजर या साबुन और पानी से हाथ को साफ करते रहना है. कोरोना से बचाने के लिए सबसे अच्छा तरीका अपने हाथों की सफाई करना है. ऐसा करने से आप अपने हाथों पर लगने वाले संक्रमण को खत्म कर सकते हैं. इस संक्रमण से बचने के लिए हमेशा हाथ धोएं और खांसी व छींकने वाले किसी भी शख्स के साथ निकट संपर्क से बचें. इसके अलावा लार के जरिए भी यह वायरस फैलता है. WHO के मुताबिक, नहीं नए कोरोना वायरस को मारने में हैंड ड्रायर्स कारगर नहीं है. इससे बचाव के लिए हमेशा अपने हाथों को अल्कोहल युक्त हैंडवॉश से साफ करें या साबुन पानी से हाथ धोते रहें, इससे बचने का सबसे कारगर तरीका यही है. हाथ धोने के बाद टिश्यू पेपर या हैंड ड्रायर्स से हाथ साफ कर सकते हैं. थर्मल स्कैनर तभी कोरोना से संक्रमित लोगों की पहचान कर सकता है, जब व्यक्ति को इस संक्रमण के कारण बुखार या उसके शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा हो. हालांकि, थर्मल स्कैनर कोरोना से संक्रमित उन लोगों की पहचान नहीं कर सकता, जिन्हें बुखार ना हो. कोरोना वायरस से किसी उम्र के लोग प्रभावित हो सकते हैं. पहले से अस्थमा, डायबिटीज, दिल की बीमारी आदि से जूझ रहे लोगों को इस वायरस से ज्यादा खतरा है.

कोरोना वायरस से बचाव के लिए स्कूल से लेकर सिनेमा हॉल तक पर प्रतिबंध लग रहा है, आईपीएल को टाल दिया गया है। यह पता नहीं है कि प्रतिबंध कितने दिन चलेगा तो आने वाले समय का अंदाजा लगाया नहीं लगाया जा सकता है। कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर में फैल रहा है और इसका असर भी वैश्विक है। भारत की पहले से ख़राब अर्थव्यवस्था में दुनिया की आर्थिक स्थिति के साथ-साथ कोरोना वायरस का भी असर होना है और यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि क्या कुछ हो सकता है। जहाँ तक भारत की बात है, अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत काफी समय से हैं। पर हम उससे निपटने की कोई कामयाब कोशिश नहीं कर पाए हैं। ऐसी कोई योजना भी नहीं है और ना सरकार इस दिशा में कुछ करती या करने में सक्षम लगती है। भारत को कोरोना के साथ-साथ अपनी स्थितियों से भी निपटना है। इसमें हाल के दिल्ली दंगे, गुजरात के 2002 के दंगे की स्थितियों से तुलना और उसका प्रभाव महत्वपूर्ण है। प्रभाव यह है कि उत्तर पूर्व दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्र में अगर कुछ काम चल रहा है तो वह है लोहे के गेट बनाना और धर्म के आधार पर मुहल्लों को सुरक्षित करना। ऐसा नहीं है कि देश भर में यही हो रहा है, पर इससे पता चलता है कि लोगों की प्राथमिकताएं बदल गई हैं।

कोरोना वायरस संक्रमण का असर देश के सबसे मशहूर क्रिकेट टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग पर भी पड़ गया। इस संक्रमण की वजह से इसे टाल दिया गया है। पहले यह टूर्नामेंट 29 मार्च को शुरु होना था, पर अब यह  15 अप्रैल को शुरू होगा। बोर्ड ऑफ़ कंट्रोल ऑफ़ क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) ने एक प्रेस बयान जारी कर आईपीएल टालने की जानकारी दी। इसने कहा है, ‘नॉविल कोरोना वायरस (कोविड 19) को फैलने से रोकने की कोशिशों के तहत बीसीसीआई ने एहतियात के तौर पर आईपीएल को 15 अप्रैल तक के लिए टालने का फ़ैसला किया है।’   

बीसीसीआई ने कहा है, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को अध्ययन करने के बाद कोविद-19 को महामारी घोषित कर दिया। बीसीसीआई भारत सरकार की नियामक संस्थानों के दिशा निर्देशों का पूरी तरह पाल कर रहा है और खिलाड़ियों और फैन्स की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहता है।’

ऐसा नहीं है कि दिल्ली दंगे के असर से देश का बाकी हिस्सा अप्रभावित होगा। हालत तो यह है कि चिकित्सीय कारणों से भी लोग बच्चों का ख़तना कराने से डर रहें। उन्हें लग रहा है कि बाद इस कारण वे उस धर्म के मान लिए जाएंगे जिसके नहीं हैं। ऐसा कोलकाता से छपे वाले अख़बार ‘द टेलीग्राफ़’ ने लिखा है। एक समाजशास्त्री के अनुसार इससे पता चलता है कि दंगों का असर लोगों में कितना गहरा है। 

कोरोना वायरस का डर अपनी जगह है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की कोरोना वायरस से निपटने की तरकीब के तौर पर यूरोप यात्रा पर लगाए गए अस्थायी प्रतिबंध के बाद दुनिया भर के बाज़ारों में बिकवाली का ज़ोर है। 

चीन से शुरू हुई यह महामारी तेजी से फैल रही है और दक्षिण कोरिया से इटली, ईरान तक इसका अच्छा-खासा प्रभाव है। हालांकि, इससे पहली मौतें अमेरिका में होने की ख़बर चिन्ताजनक है। कहने की जरूरत नहीं है कि इसके आर्थिक प्रभाव से अमेरिका में मंदी आ सकती है। चीन में वाहनों की बिक्री 80 प्रतिशत घट गई है। यात्रियों की संख्या सामान्य के मुक़ाबले 85 प्रतिशत कम है। ऐसे में वहाँ की अर्थव्यवस्था थम सी गई है। इसका असर देर-सबेर सारी दुनिया के साथ भारत पर भी पड़ेगा। नैसडैक कंपोजिट भी 750.25 अंग गिर गया। अनुमान है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस का प्रभाव 2.7 ट्रिलियन डॉलर का होगा।  ब्लूमबर्ग इकनोमिक्स का अनुमान है कि 2020 की पहली तिमाही में जीडीपी साल के मुक़ाबले साल के आधार पर 1.2 प्रतिशत गिर चुकी है। भारत में कुछ साल में चार प्रतिशत कम होने का असर आप देख रहे हैं। ऐसे में वैश्विक स्तर पर अगर यह पहली तिमाही में 1.2 प्रतिशत कम हुआ है जो साधारण नहीं है। 

इसके अलावा कल-पुर्जों का निर्माण चीन में सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में चीन की फैक्ट्री बंद होने का मतलब है एप्पल का आईफ़ोन हो या निर्माण क्षेत्र की मशीन, उसके पुर्जे नहीं मिलेंगे।

यही नहीं, कोरोना वायरस के कारण चीन के लोग विदेश घूमने भी नहीं जा सकते। वे ना काम कर सकते हैं और ना घूम सकते हैं। दक्षिण एशिया के बीच रिज़ॉर्ट से लेकर पेरिस के बुटीक तक इसका असर होगा। कोरोना वायरस का असर सीधे उपभोक्ता केंद्रों यानी चीन और एशिया की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं पर हुआ है। निवेशकों को यह कहकर आश्वस्त किया जा रहा है कि कोरोना से प्रभावित देशों में बहुत जल्द आर्थिक गतिविधियाँ तेज़ होंगी। लेकिन, इस बात की संभावना अधिक है कि इन देशों में उत्पादकता के पूर्व स्तर तक दोबारा पहुंचने की प्रक्रिया धीमी हो। 

उपभोक्ताओं की क्रय क्षमता विकसित होने और बाज़ार की चमक दोबारा वापस आने के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है और यह जल्दी नहीं होने वाला है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना और स्थानीय स्तर पर खराब आर्थिक स्थिति के बीच भारत में शेयर बाजार लगातार गिर रहा है। सेंसेक्स लुढ़क गया है और रुपया भी गिरा है। 

दुनिया भर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस से ख़ुद को बचाने के लिये भारत ने बड़ा फ़ैसला किया है। भारत ने ख़ुद को पूरी दुनिया से अलग करने का फ़ैसला लिया है। यह फ़ैसला आज रात से लागू होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। केंद्र सरकार ने दुनिया के किसी भी देश से आने वाले लोगों का वीजा 15 अप्रैल तक निलंबित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र से जुड़े कर्मचारियों और सरकारी प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों पर यह निलंबन लागू नहीं होगा। 

सरकार ने इस फ़ैसले की घोषणा इस मामले को लेकर गठित मंत्रियों के समूह की बैठक के बाद बुधवार शाम को की। कोरोना वायरस दुनिया भर के 100 से ज़्यादा देशों में फैल गया है। दुनिया भर में सवा लाख से ज़्यादा लोग इसकी चपेट में हैं और 4600 से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं। ब्रिटेन की उप स्वास्थ्य मंत्री नेडिन डॉरीज़ भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई हैं। उन्होंने खुद इसकी पुष्टि की है। 

सरकार ने कहा है कि 15 फ़रवरी के बाद चीन, इटली, ईरान, कोरिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी से आने वाले हर व्यक्ति को 14 दिनों के लिये अलग रखा जाएगा और यह भारतीयों पर भी लागू होगा। केंद्र सरकार की ओर से सभी को यह सलाह दी गई है कि वे दूसरे देशों की यात्राओं पर न जाएं और अगर वे जाते हैं तो वापस लौटने पर उन्हें दो हफ़्ते के लिये डॉक्टर्स की निगरानी में रखा जाएगा।  भारत में अभी तक इस वायरस से 65 से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। बुधवार को महाराष्ट्र, राजस्थान, केरल और कर्नाटक में कई नये मामले सामने आये हैं। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि मुंबई में 2 और पुणे में इस बीमारी से संक्रमित होने वालों की संख्या 8 हो गई है। इसके अलावा 40 लोगों को निगरानी में रखा गया है। 

कोरोना वायरस के तेज़ी से फैलने को लेकर भारत में कई राज्यों में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। दिल्ली में 31 मार्च तक प्राइमरी स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। वायरस के फैलने के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ने इस बार होली में होने वाले सभी कार्यक्रमों को निरस्त कर दिया। कश्मीर और लद्दाख में सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। वनस्‍थली विद्या पीठ राजस्‍थान में छात्राओ को घर जानेे की छूट दे दी गयी है

सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई तरह की तैयारी की है. इसके अलावा किसी भी तरह की अफवाह से बचने, खुद की सुरक्षा के लिए कुछ निर्देश जारी किए हैं, जिससे कोरोना वायरस से निपटा जा सकता है. किसे पहनना चाहिए मास्क? अगर आप स्वस्थ हैं तो आपको मास्क की जरूरत नहीं है. अगर आप किसी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो आपको मास्क पहनना होगा. जिन लोगों को बुखार, कफ या सांस में तकलीफ की शिकायत है, उन्हें मास्क पहनना चाहिए और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. मास्क पहनने का क्या है तरीका? मास्क पर सामने से हाथ नहीं लगाना चाहिए. अगर हाथ लग जाए तो तुरंत हाथ धोना चाहिए. मास्क को ऐसे पहनना चाहिए कि आपकी नाक, मुंह और दाढ़ी का हिस्सा उससे ढका रहे. मास्क उतारते वक्त भी मास्क की लास्टिक या फीता पकड़क कर निकालना चाहिए, मास्क नहीं छूना चाहिए. हर रोज मास्क बदल दिया जाना चाहिए. कोरोना के ख़तरे को कम करने के उपाय कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं. अपने हाथ अच्छी तरह धोएं. खांसते या छींकते वक़्त अपना मुंह ढक लें. हाथ साफ़ नहीं हो तो आंखों, नाक और मुंह को छूने बचें. कोरोना वायरस के लक्षण कोरोनावायरस (कोवाइड-19) में पहले बुख़ार होता है. इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ़्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है. इन लक्षणों का हमेशा मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है. कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज़्यादा परेशानी, किडनी फ़ेल होना और यहां तक कि मौत भी हो सकती है. उम्रदराज़ लोग और जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है (जैसे अस्थमा, मधुमेह, दिल की बीमारी) उनके मामले में ख़तरा गंभीर हो सकता है. कुछ और वायरस में भी इसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं जैसे ज़ुकाम और फ्लू में. कोरोना का संक्रमण फैलने से कैसे रोकें? अगर आप संक्रमित इलाक़े से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जा सकती है. घर पर रहें ऑफ़िस, स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर न जाएं सार्वजनिक वाहन जैसे बस, ट्रेन, ऑटो या टैक्सी से यात्रा न करें घर में मेहमान न बुलाएं. घर का सामान किसी और से मंगाएं. अगर आप और भी लोगों के साथ रह रहे हैं तो ज़्यादा सतर्कता बरतें. अलग कमरे में रहें और साझा रसोई व बाथरूम को लगातार साफ़ करें. 14 दिनों तक ऐसा करते रहें ताकि संक्रमण का ख़तरा कम हो सके. इस तरह के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि कोरोना वायरस पार्सल, चिट्टियों या खाने के ज़रिए फैलता है. कोरोना वायरस जैसे वायरस शरीर के बाहर बहुत ज़्यादा समय तक ज़िंदा नहीं रह सकते. कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाये तब? इस समय कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसमें बीमारी के लक्षण कम होने वाली दवाइयां दी जा सकती हैं. जब तक आप ठीक न हो जाएं, तब तक आप दूसरों से अलग रहें. कोरोना वायरस के इलाज़ के लिए वैक्सीन विकसित करने पर काम चल रहा है. इस साल के अंत तक इंसानों पर इसका परीक्षण कर लिया जाएगा. कुछ अस्पताल एंटी-वायरल दवा का भी परीक्षण कर रहे हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है. कोरोना को महामारी घोषित करते हुए WHO ने कहा कि इस वायरस से अब तक विश्व भर में 4300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, इसलिए इसे महामारी कहा जा सकता है. बता दें, किसी भी बीमारी को महामारी तब घोषित किया जाता है जब वह एक से ज्यादा देशों में फैल जाए और लोगों के सामने जीवन का संकट पैदा कर दे. बीते कुछ दिनों में कोरोना का कहर विश्व भर में देखने को मिला है. यूरोपीय देश इटली ने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए ही अपने यहां पूरी तरह लॉक डाउन घोषित कर दिया है. वहीं खाड़ी देशों ने भी अपने यहां विदेशियों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. भारत में भी 15 अप्रैल तक विदेशियों की एंट्री को बैन कर दिया गया है. कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के संबंध में WHO के प्रमुख टेड्रोस अदनोम ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘WHO इस घातक वायरस के प्रकोप का आकलन कर रहा है. हम इसके खतरनाक तरीके से फैलने और निष्क्रियता के खतरनाक स्तर दोनों से गहराई से चिंतित हैं. इसलिए हमने आकलन किया है कि #COVID19 को महामारी के रूप में पहचाना जा सकता है.’ 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब कोरोना वायरस को पैनडेमिक यानी महामारी घोषित कर दिया है.

अब से पहले डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को महामारी नहीं कहा था. महामारी उस बीमारी को कहा जाता है जो एक ही समय दुनिया के अलग-अलग देशों में लोगों में फैल रही हो. डब्ल्यूएचओ के अध्यक्ष डॉ. टेडरोज़ आध्यनोम गेब्रेयेसोस ने कहा है कि वो अब कोरोना वायरस के लिए महामारी शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि वायरस को लेकर निष्क्रियता चिंताजनक है.

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