कायनात हमेशा आपके पक्ष में काम करती है न कि विरोध में-संदर्भ कोरोना

उदास मन  को  खुश रखे नही तो बीमारी घेर लेगी

डा0 भागवत राजपूत- न्‍यूरो साइक्रेटिस्‍ट मनीपाल हास्‍पिटल द्वारका,नई दिल्‍ली- से वरिष्‍ठ पत्रकार मैडम प्रभा ललित सिंह नागपुर की हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल के लिए विशेष रिपोर्ट- वीडियो- डाक्‍टर राजपूत कहते है कि इस बीमारी पर रिसर्च चल रहा है, लोगो के मन में भय आशंका हो गयी है, सबके मन में दर्द है, अफवाह पर ध्‍यान न दे- करोना से संबंधित खबर न देखे- पाजिटिव पहलू देखे- अधिकांश लोग ठीक भी हो रहे है- घर में मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को कैसे ठीक रखे- विशेष वीडियो-

ग्रेटर नोएडा के कासना में बना गवरमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस अब तक 11 मरीजों को ठीक करके घर भेज चुका है. इसमें एक ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल बनाया गया है, जिसमें साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखा जाता है. इसके अलावा कोरोना मरीजों ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि डरें नहीं, बस आइसोलेशन में रहें. 

कभी-कभी हर कोई उदासी महसूस करता है। ज़्यादातर मामलों में, ये जो उदासी होती है, वो मनुष्यों के जीवन में आने वाले बदलावों और परिस्थितियों के ऊपर, उनकी एक नॉर्मल प्रतिक्रिया होती है। अच्छी बात ये है, कि हर किसी के पास में खुशी को महसूस करने की काबिलियत भी होती है और इसके साथ ही ऐसी बहुत सारी चीज़ें हैं, जिन्हें करके आप आपकी खुशी महसूस करने की काबिलियत को पा सकते हैं और बेहतर महसूस कर सकते हैं। साइंटिस्ट्स ने इस बात की पुष्टि की है, कि आप कब और क्या खाते हैं, इसका पूरा प्रभाव आपके मूड और भावनाओं पर पड़ता है। अगर आप उदासी महसूस कर रहे हैं, तो लो-फैट, लो-प्रोटीन, लेकिन हाइ-कार्बोहाइड्रेट युक्त नाश्ता, जैसे कि ओट्स, केला आदि लेकर देखें। जब प्रोटीन या फैट की उपस्थिति से हाइ कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों को ज्यादा मात्रा में नहीं लिया जाता है, तो ये आपके मस्तिष्क में एमिनो एसिड ट्रिप्टोफ़ान (amino acid tryptophan) को रिलीज करते हैं। फिर ये ट्रिप्टोफ़ान जाकर सेरोटोनिन (serotonin), जो कि एक न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitter) होता है, में बदल जाता है, जो 30 मिनट के अंदर आपके मूड को बेहतर बना देता है।

हमारे जीवन में अक्सर ऐसे मौके आते हैं जब हमें सारे दरवाजे बंद नजर आते हैं और हम बेहद निराश और  उदासी से घिर जाते हैं। ऐसे मौके पर हमें आपने आप को अपने परिवेश की अच्छी चीजों की याद दिलानी पड़ती है क्यूंकि ऐसी चीजें हमारे आस-पास हमेशा मौजूद रहती हैं, और जब हम अपनी और अपने आस-पास की अच्छाईयों पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो बाकि नकारात्मक चीजें अपने आप विलुप्त हो जाती हैं और हम पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और बुलंद इरादों के साथ आगे बढ़ते हैं।

जीवन कभी-कभी हमें अन्यायपूर्ण लगता है और हम ये सवाल पूछने लगते हैं की “हमेशा मैं ही क्यों”, लेकिन ऐसा सिर्फ इसलिए लगता है कि हम कभी कभी चीजों को कुछ ज्यादा ही व्यक्तिगत ले लेते हैं और कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगा बैठते हैं या फिर उतना प्रयास नहीं करते जितना हमें करना चाहिए था। ब्रम्हाण्ड हमें हमेशा संकेत देता रहता है लेकिन कभी कभी हम बंद दरवाजों की तरफ इतनी देर तक देखते रहते हैं की आगे के मौके हमें दिखाई नहीं देते।  आपको ब्रम्हांड के संकेतो को समझना होगा और आपके लिए जो सही है उसका चुनाव करना होगा।  

 रिसर्च से ऐसा मालूम हुआ है, कि ऐसे लोग जो जीवन में बहुत ज्यादा बड़े स्ट्रेस, जैसे कि अपने साथी को खो देना या फिर जॉब छूट जाना, अनुभव करते हैं, अगर उनके पास में ऐसे फ्रेंड्स और फैमिली का साथ है, जिनके ऊपर वो भरोसा करते हैं, तो वो बहुत आसानी से अपनी मुश्किल से बाहर निकल लिया करते हैं।

लोगों से मिलना, बात करना और उनके साथ संपर्क में रहना, ये आपको खुश रखने में बहुत अहम भूमिका अदा करता है। अपने किसी फ्रेंड के साथ, अपनी उदासी के बारे में या फिर इस उदासी के पीछे की वजह के बारे में बात करने से आपका दर्द कम करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि ऐसा करके आपको ये अहसास होगा, कि कोई तो ऐसा है, जिसे आपकी फीलिंग की परवाह है। ज़ोर से बात करने की वजह से आपके इमोशन्स को “बाहर निकालने” में मदद मिलती है और इसके साथ ही आपके द्वारा इस तरह से अपनी फीलिंग्स को बोलकर व्यक्त करने की वजह से ये भी स्पष्ट हो जाता है, कि आप असल में कैसा फील कर रहे हैं। शब्दों में इसकी अभिव्यक्ति करने की वजह से अब आपकी उदासी अब सिर्फ आप तक नहीं रह जाती, बल्कि ये तो वो सच बन जाती है, जिसके बारे में आप चर्चा कर सकते हैं।

फ्रेंड्स आपको जरूरत के वक़्त, उनके साथ होने का अहसास दिला सकते हैं और साथ ही आपके अंदर आई अकेलेपन की भावना को भी कम करने में मदद कर सकते हैं। वो आपको सुनेंगे, उनकी बात कहेंगे और आपको भी समझेंगे। इसके साथ ही, अपने फ्रेंड्स के साथ बात करते हुए, हो सकता है, कि आपको किसी बात पर हँसी आए और आप खुश हो जाएँ, तो उनसे बात करने बस से शायद आपका मूड बदल सकता है!

नर्वस सिस्टम को बनाए रखना है मजबूत, तो करें वृक्षासन

तंत्रिका-तंत्र कमजोर होने के कारण रक्त कणिकाएं घटती हैं और प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे व्यक्ति मामूली रोगों का भी आसानी से शिकार बन जाता है। तंत्रिका तंत्र (Nervous system) का निर्माण तंत्रिका कोशिका से होता है। तंत्रिका कोशिकाओं को न्यूरॉन के नाम से जाना जाता है और ये न्यूरॉन शरीर की सबसे बड़ी या लंबी कोशिकाएं होती हैं। तंत्रिका तंत्र के जरिए विभिन्न अंगों का नियंत्रण और सामंजस्य स्थापित होता है। इसमें मस्तिष्क, मेरुरज्जु (Spinal cord) और इनसे निकलने वाली तंत्रिकाओं की गणना की जाती है। यह शरीर का सबसे महत्वपूर्ण सिस्टम होता है, जो हमें कई रोगों से बचाए रखता है। ऐसे में इसका भी बेहतर तरीके से काम करना और स्वस्थ बने रहना जरूरी होता है। तंत्रिका-तंत्र मजबूत नहीं होने पर आप कई तरह के रोगों का शिकार हो सकते हैं। तंत्रिका-तंत्र की कमजोरी के कारण ही रक्त कणिकाएं घटती हैं और प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे व्यक्ति मामूली रोगों का भी आसानी से शिकार बन जाता है। ऐसे में योगोपचार उपयोगी है। कपालभाति और अनुलोम-विलोम के अलावा भी कई ऐसे कई उपाय हैं, जिनसे हमारा तंत्रिका-तंत्र शक्तिशाली बनती है। रोगों से लड़ने की हमारी क्षमता बढ़ती है और कई रोगों से हमारा बचाव हो सकता है। वृक्षासन ऐसा ही एक उपाय है। इसमें अंतिम स्थिति एक पेड़ के समान बनती है, जिसके कारण इसका ऐसा नाम पड़ा है। खड़े होकर दोनों पैरों के बीच लगभग 3 इंच का फासला बनाएं। दोनों पैरों पर समान वजन रखें। सांस छोड़ते हुए दाएं पैर को मोड़कर पंजे को बाईं जांघ के पिछले हिस्से पर रखें। इस स्थिति में संतुलन बनाए रखने के लिए अपनी आंखों के समानान्तर किसी बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें। फिर सांस भरते हुए शरीर को ऊपर की ओर खींचें और दोनों हाथों को आसमान की ओर ले जाएं और नमस्कार की तरह जोड़ें। शुरुआत में, इस स्थिति में अपनी सांसों को सामान्य रखते हुए 10 से 30 सेकेंड तक रहें, फिर इस अवधि को बढ़ाकर 30 से 60 सेकेंड तक कर दें। फिर सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे ले आएं और सामान्य स्थिति में खड़े हो जाएं। लगभग 5 बार इस आसन का अभ्यास करें।

… यदि आपको बार-बार सर्दी-जुकाम, बुखार होता है, तो इसका मतलब है कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर है। किसी व्यक्ति का बीमार होना उसकी बीमारियों से निपटने की शरीर की ताकत पर निर्भर करता है, जिसे रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) कहते हैं। शरीर के अंदर मौजूद रक्षा प्रणाली (Ways to Boost Immunity) जितनी मजबूत होगी, बीमारियां या रोगाणुएं आपको छू भी नहीं पाएंगी। जैसे ही यह कमजोर (Ways to Boost Immunity) होती है, बाहरी रोगवाहक जैसे बैक्टीरिया, वायरस या फंगस का शरीर पर असर जल्दी होता है। आप कुछ चीजों के सेवन से अपनी इम्यूनिटी को मजबूत कर सकते हैं। मुलेठी एक हेल्दी हर्ब है। इसकी जड़ो में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होता  है, जो इम्यूनिटी सिस्टम को बूस्ट करता है। कई तरह की बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है। लहसुन खाने से कई तरह की तकलीफों से आप दूर रह सकते हैं। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो वायरस से लड़ने में मदद करता है। लहसुन शरीर के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है। किसी भी तरह के वायरल इंफेक्शन से आपको बचाता है। हर दिन कच्चा लहसुन चबाकर खाएं। ग्रीन टी भी एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स है, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने में शरीर की मदद करता है। आप चाहते हैं कि आप कोरोनावायरस से बचे रहें, तो ग्रीन टी पिएं। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होगी। संतरा, टमाटर, नींबू, बेरीज आदि का सेवन करें। इनमें विटामिन सी भरपूर होता है। विटामिन सी के सेवन से शरीर में सफेद रक्त कोशिकाएं बढ़ती हैं। इंफ्लेमेशन कम होत है। सफेद रक्त कोशिकाएं जब बढ़ती हैं, तो इम्यूनिटी बूस्ट होती है। आप हर दिन एक गिलास नींबू पानी, संतरे के जूस पिएं।

वृक्षासन से होने वाले लाभ
1 आजकल ज्यादातर लोग डिप्रेशन और तनाव से जूझ रहे हैं। ये रोग हमारी बहुत अधिक ऊर्जा सोख लेते हैं। यह आसन आपको तनावमुक्त करता है, जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता बनी रहती है। यदि आप तनावमुक्त रहना चाहते हैं, तो प्रतिदिन वृक्षासन का अभ्यास जरूर करें।
2 शरीर में संतुलन कायम होता है। सहनशीलता और जागरूकता बढ़ती है।
3 तंत्रिका-तंत्र से संबंधित स्नायुओं का समन्वय भी बेहतर होता है। रीढ़ की हड्डियों, पैरों की मांसपेशियां तथा लिगामेंट्स को मजबूती मिलती है।
4 जांघों, सीने और कंधों में खिंचाव से रक्तसंचार बेहतर होता है और रक्तशुद्धि में मदद मिलती है।
5 नसों के दर्द से निजात दिलाता है यह आसन।

सावधानी भी बरतनी है जरूरी
घुटनों और एड़ियों में अधिक दर्द होने पर इस आसन को करने से बचें। साथ ही अर्थराइटिस के रोगी भी इसे न करें।


हम ऐसी ही कुछ अद्भुत बातों के बारे में आपको बताएंगए जो हमेशा आपको मजबूती प्रदान करेंगे। तो जब भी उदासी और निराशा का बादल आप पर गहराए तो इन १० बातों को याद रखें : 

१. वक्त सारे घाव भर देता है :  आप जिन परिस्थितियों से भी गुजरे हों, या फिर आपके हालत कितने भी बुरे क्यों न रहे हों, ये जल्द ही खत्म होंगे। आप इन हालातों से जूझना सीख जायेंगे और इनके साथ जीना भी सीख जाएंगे, धीरे धीरे आपको इन हालातों की आदत हो जाएगी और सब कुछ पहले जैसा सामान्य हो जायेगा।
२. मौके हर जगह हैं : 

हर दिन के साथ जिंदगी आपको अनगिनत मौके देती है; आपको बस उन्हें पहचानने और उनका सबसे अच्छा इस्तेमाल करने के लिए प्रयासरत होना पड़ेगा।
3. दुनिया में अच्छे लोगों की कमी नहीं है जो आपकी मदद कर सकते हैं और आपको प्रेरित कर सकते हैं : 

हो सकता है आप नकारात्मक सोच और हमेशा जीवन को नकारने वाले बुरे लोगों से घिरे हों जो आपके लक्ष्यों का मजाक उड़ाते हों और हमेशा आपको नीचे दिखाने की कोशिश करते हों; मैं आपसे यही कहूँगा कि ऐसे लोगों से आप दूर ही रहें ; हमें ऐसे लोगों की जरुरत नहीं है, अगर आप ऐसे लोगों के साथ जुड़े रहते हैं तो आप कभी भी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाएंगे।
लेकिन यह भी याद रखें की हमारे आस पास अच्छे लोगों की भी कमी नहीं है जो हमेशा हमें प्रेरित करते है और हमारा उत्साह बढ़ाते है। इंटरनेट के युग में ऐसी वेबसाइटस और ब्लॉग्स भी हैं(जैसे हिंदी साहित्य मार्गदर्शन ) जो आपको बेहतर बनने में आपकी मदद करती हैं। आपको बस उन्हें पहचानना और खोजना है।
4. अगर आपको अपने बारे में कुछ पसंद नहीं है तो उसे आप कभी भी बदल सकते हैं : 
कमियां हम सब में होती हैं।  हो सकता है आपको अपना पतला या मोटा शरीर पसंद न हो या आप सोचते हों की आपके अंदर कुछ विशेष गुण नहीं है या फिर आप दूसरों से बातें करने में शरमाते हैं, लोगों के सामने बोलने में डर लगता है  इत्यादि ।

इन सभी चीजों को बदला सकता है; बस आपको ये जानना है की आप ऐसा बदलाव क्यों लाना चाहते हैं और इसके प्रति हमेशा प्रयासरत रहें। अगर आप वास्तव में अपना जीवन बदलना चाहते हैं तो हर दिन अपनी इन कमियों को दूर करने का प्रयास करें।  
5. कुछ भी उतना बुरा नहीं है जितना कि दिखता है : 
कभी-कभी हम हालातों को इतना बढ़ा चढ़ा कर देखने लगते हैं की वो हमारे लिए सबसे बुरा प्रतीत होने लगते हैं जबकि वास्तव में सब कुछ, कुछ ही समय के लिए होता है और बदला जा सकता है।

6. जीवन सुलझा होता है इसे उलझाएं नहीं :

हमें अपने जीवन को हमेशा सुलझाने का प्रयास करना चाहिए इसलिए अपने अति-महत्वकांछी लक्ष्यों को त्याग दें और लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं इसका अनुमान लगाना छोड़ दें।  जिन चीजों का इस्तेमाल आप बिलकुल नहीं करते हैं उनको फेंक दें और अपने डेस्क पर या घर में थोड़ा जगह बनायें। पुरानी बातों और भविष्य की चिंता में समय व्यर्थ न करें और वर्तमान में ध्यान केंद्रित करें।  

7. असफलताएँ और गलतियां आशीर्वाद /वरदान हैं : असफल होना सफलता के लिए किये गए प्रयास का सबसे बड़ा प्रमाण है, इसका मतलब है कि आप अपने जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रयासरत हैं।   किसी भी कार्य में प्रयास करने पर भी असफलता आपको अनुभव प्रदान करती है और मजबूत बनाती है और आपको सिखाती है कि किन गलतियों को दोहराने से आपको बचना चाहिए जो अगले प्रयास में सफलता सुनिश्चित कर सकती है।  

8. “​जाने दो यारों”  ऐटिट्यूड अपनाएं : हमेशा आप प्रसन्न रहेंगे  कभी कभी कुछ चीजों को छोड़ देना या किसी को माफ़ कर देना बहुत अच्छा साबित होता है। ऐसा करने से आपको शांति मिलती है और आपके मन से बोझ हल्का हो जाता है। शांत मन से ही आप वर्तमान में जी सकते हैं और अपने कार्यों में ध्यान लगाकर प्रगति कर सकते हैं।  

9. कायनात हमेशा आपके पक्ष में काम करती है न की विरोध में : जीवन कभी-कभी हमें अन्यायपूर्ण लगता है और हम ये सवाल पूछने लगते हैं की “हमेशा मैं ही क्यों”, लेकिन ऐसा सिर्फ इसलिए लगता है कि हम कभी कभी चीजों को कुछ ज्यादा ही व्यक्तिगत ले लेते हैं और कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगा बैठते हैं या फिर उतना प्रयास नहीं करते जितना हमें करना चाहिए था। ब्रम्हाण्ड हमें हमेशा संकेत देता रहता है लेकिन कभी कभी हम बंद दरवाजों की तरफ इतनी देर तक देखते रहते हैं की आगे के मौके हमें दिखाई नहीं देते।  आपको ब्रम्हांड के संकेतो को समझना होगा और आपके लिए जो सही है उसका चुनाव करना होगा।  

10 .  हर अगला दिन आपके लिए नयी उमीदों का भण्डार लेकर आता है : जब भी मैं बुरा महसूस करता हूँ मैं आपने आप से ये दोहराता हूँ कि अगला दिन नयी उम्मीदों के साथ आएगा और अपने साथ कुछ नया लेकर आएगा और यही सच है। गुजरा दिन कितना ही बुरा क्यों न हो, आने वाला दिन नया होता है और हमें तय करना होता है की इसकी शुरुआत कैसे की जाय और इस कैसे बिताया जाय।  

बसंत तुम….  क्यों उदास हो,  किस सोच में ….हो ?

कोहरे की लोई  उतारी ही नहीं, जिंदगी की हकीकतों से ,

क्या…………  तुम भी परेशान हो ?

बसंत तुम क्यों उदास हो ?  जिंदगी दौड़ रही है  एक उदासी -सी ,

हर चेहरे को घूर रही है । 

अपने अस्तित्व को , बचाने में हर जिंदगी , मर-मर के यहां घूम रही है ।

बसंत तुम क्यों उदास हो , किस सोच में हो ?

खुशियां बे -रंग हुईं हैं  अपनों को देखकर , अपनों के ,

एहसास से दंग हुई हैं। 

किन के लिए ,

गूगल ने अपने सर्च इंजन में रखा वरियता क्रम में- BY: www.himalayauk.org (Uttrakhand Leading Newsportal & Daily Newspaper) Publish at Dehradun & Hariwar Mail us; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030## Special Report

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