डिजिटल चुनाव; लोकसभा चुनाव 2019

मतदाताओं तक पहुंच बनाने में सोशल मीडिया की भूमिका को राजनीतिक दलों ने समझ तो करीब एक दशक पहले ही लिया था, लेकिन देश में पिछले लोकसभा चुनावों तक, यानी लोकसभा चुनाव 2014 तक भी इंटरनेट का प्रयोग करने वाले लोग कुल आबादी के 20 फीसदी के बराबर भी नहीं थे। सोशल नेटवर्क से तो दस फीसदी लोग भी नहीं जुड़े हुए थे। इसके बावजूद भाजपा और कांग्रेस सहित कई बड़े राजनीतिक दलों ने सोशल मीडिया के माध्यम से वोटर को प्रभावित करने में बड़ी ताकत झोंकी थी। लोकसभा चुनाव 2019 अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल चुनाव है। क्यों।

लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों (Lok Sabha Elections 2019 Date) का ऐलान होते ही चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। पहले लोकसभा चुनाव में 53 राजनीतिक पार्टियां चुनावी मैदान में उतरी थीं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव तक यह आंकड़ा बढ़कर 464 तक पहुंच गया है। ऐसे में लोकसभा चुनाव को लेकर रोज नए-नए समीकरण बन रहे हैं। 

एक सर्वे के अनुसार शहरी क्षेत्रों में औसतन 94 फीसदी लोग अपने मोबाइल फोन से इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। ग्रामीण इलाकों में भी यह संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में वोट हासिल करने के लिए स्मार्ट फोन सबसे बड़ा माध्यम बन सकता है। इस लिहाज से इस बार लोकसभा के लिए अब तक का ‘सबसे बड़ा डिजिटल चुनाव’ भी होगा। वोट हासिल करने के लिए स्मार्ट मोबाइल फोन बन सकता है सबसे बड़ा माध्यम।

भारत में स्मार्ट फोन यूजर्स

वर्ष   संख्या (अनुमानित)

2014  12,84,23,100

2018   27,91,80,000

2019   31,71,48,000

भारत में इंटरनेट यूजर्स

वर्ष  संख्या (अनुमानित)

2014   23,31,52,478

2018  48,30,00,000

2019   52,53,00,000

सोशल नेटवर्क यूजर्स

वर्ष  संख्या (अनुमानित)

2014  10,60,00,000

2018  32,61,00,000

2019  35,14,00,000

भारत में फेसबुक यूजर्स

वर्ष   संख्या (अनुमानित)

2014    9,20,00,000

2018  28,10,00,000

2019  31,36,00,000

6 लाख में से 43 हजार गांवों में मोबाइल सेवा नहीं

संचार मंत्री मनोज सिन्हा की ओर से पिछले साल लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार जुलाई 2018 तक देश के कुल 5,97,618 गांवों (वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार आबादी वाले गांव) में से 43,088 गांव मोबाइल सेवा से जुड़े हुए नहीं थे। सिन्हा ने बताया था कि देश की करीब 88 फीसदी आबादी को 3जी और 4जी सुविधा उपलब्ध थी।

चुनाव की दृश्टि से ”वेब मीडिया एसोसिएषन“ सहयोगी साबित हो सकती है
लोकसभा चुनाव-2019 की रणभूमि बनने जा रही सोषल मीडिया के संबंध में भारतीय जनता पार्टी के एक सहयोगी के रूप में कार्य करने के लिए हम आपसे निवेदन करते है। राश्ट्रीय स्तर पर गठित “वेब मीडिया एसोसिएषन“ जिसका मुख्यालय एमडीएल-31, सेक्टर एल, अलीगंज, लखनऊ-226021 उत्तर प्रदेष है तथा जिसका राश्ट्रीय अध्यक्ष कार्यालयः नंदा देवी एनक्लेव, बंजारावाला, देहरादून, उत्तराखण्ड है जिसका रजि0 नं0 878-2013-2014 है। यह देष की पहली पंजीकृत वेब यूनियन है। उत्तराखण्ड में अघिकाष न्यूज वेबसाइट करीबन 40 से अधिक हमारी यूनियन की सदस्य हैं। “बेब मीडिया एसोसिएषन“ का मुख्य उद्देष्य सरकार द्वारा तमाम योजनाओं और सरकारी सेवाओं की जानकारी दूर-दराज गांव कस्बे में इलेक्ट्रोनिक रूप से उपलब्ध हो। इसका उद्देष्य समाज को डिजिटल रूप से सषक्त और अर्थव्यवस्था को उन्नत बनाने में सरकार को सहयोग करना है। वेब मीडिया एसोसिएषन में न्यूज वेबसाइटो के पत्रकार, व्हटसअप गु्रप, फेसबुक, टविटर, ब्लाग, इन्ट्राग्राम, सोषल मीडिया आदि में समाचार भेजने वाले सक्रिय पत्रकार इसके सदस्य हैं। बेब मीडिया एसोसिएषन का मुख्य उद्देष्य सरकार द्वारा तमाम योजनाओं और सरकारी सेवाओं की जानकारी दूर-दराज गांव कस्बे में इलेक्ट्रोनिक रूप से उपलब्ध हो। इसका उद्देष्य समाज को डिजिटल रूप से सषक्त और अर्थव्यवस्था को उन्नत बनाने में सरकार को सहयोग करना है।
वेब डिजिटल मीडिया के माध्यम से सेवाओं की इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी की जा सकेगी। ई-एजूकेषन के तहत, डिजिटल लिटरेसी कार्यक्रम द्वारा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में आॅन लाईन मेडिकल सलाह- ई-हेल्थकेयर आदि, न्याय के क्षेत्र में ई कोर्ट, ई पुलिस, ई जेल, ई-प्रोसिक्यूषन की सुविधा की जानकारी आम लोगों तक पहुंचायी जा सकेगी।
डिजिटल मीडिया के माध्यम से सूचना और दस्तावेजों तक आॅन लाईन पहुंच कायम की जा सकेगी। इसके लिए ओपेन डाटा प्लेटफार्म मुहैया कराया जायेगा, जिसके माध्यम से नागरिक सूचना तक आसानी से पहुंच सकेगे। नागरिकों तक सूचनाएं मुहेया कराने के लिए सरकार सोषल मीडिया और वेब आधारित मंचों पर सक्रिय होती है। साथ ही नागरिकों और सरकार के बीच दो तरफा संवाद की व्यवस्था कायम की जायेगी।
देष भर में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रसार से रोजगार के अधिकांष प्रारूपों में इसका इस्तेमाल बढ रहा है। इसके माध्यम से आईटी सेवाओं से जुडे लोगों को प्रोत्साहन मिल सकेगा।
वेब डिजिटल मीडिया के माध्यम से एक तय समय सीमा में वृहत्तर सूचनाओं को प्रेशित किया जा सकता है। पंचायतों तक को सार्वजनिक सेवाएं द्रुतगामी व आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।
डिजिटल मीडिया से सरकारी सेवाएं नागरिकों को तत्काल उपलब्ध हो सकेगी, इससे सरकारी लक्ष्य की प्राप्ति होगी। सरकारी व प्रषासनिक सेवाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के साथ सार्वजनिक जवाबदेही को भी सुनिष्चित किया जा सकेगा। डिजिटल मीडिया के माध्यम से इंटरनेट और मोबाइल बैकिंग का विस्तार किया जा सकेगा। सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए विभिन्न विभागों के बीच आपसी सहयोग को और बढाया जा सकेगा।
वेब डिजिटल मीडिया के माध्यम से भविश्य में सभी सरकारी विभागों तक आम आदमी की पहुच बढायी जा सकेगी। नागरिकों तक सेवाएं मुहैया कराने के लिए यहां अनेक तरह की गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकेगा।
वेब डिजिटल मीडिया जर्नलिस्ट फोरम के लिए पहले कुछ बुनियादी ढांचा गठित करने हेतु पृश्ठभूमि की तैयारी की जा रही है। भारत जहां एक ओर डिजिटल प्रौद्योगिकी को गले लगाने को तत्पर है, वह ब्राडबैंड विस्तार, इलेक्ट्रोनिक विनिर्माण और ई-गवर्नेस से होने वाले लाभ की फसल काटने की तैयारी कर रहा है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का क्रियान्वयन देष के समक्ष खडी चुनौतियों से निपटने, अवसरों का लाभ उठाने, नागरिकों को बेहतर ढांचागत सुविधाएं प्रदान करने और जीवन स्तर में सुधार में सहायक सिद्व होगा। इसी को लक्ष्य कर वेब मीडिया एसोसिएषन का राश्ट्रीय स्तर गठन करने का निर्णय लिया गया। cont. us 9412932030

लोकसभा चुनाव में बसपा कांग्रेस के साथ किसी भी राज्य में गठबंधन नहीं करेगी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया। उन्होंने कहा, ‘एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दूं कि बसपा किसी भी राज्य में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी।’ मायावती ने कहा, ‘उप्र, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश में बसपा और सपा के बीच गठबंधन हुआ है। जबकि हरियाणा और पंजाब में राज्य की स्थानीय पार्टी के साथ बात लगभग तय है। बसपा से चुनावी गठबंधन के लिए कई पार्टियां तैयार हैं, लेकिन चुनावी लाभ के लिए हमें ऐसा कोई काम नहीं करना है जो बसपा के हित में न हो। उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में सपा-बसपा का गठबंधन होने के बाद यह चर्चाएं थीं ।

प. बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए मंगलवार को सभी 42 सीटों पर  टिकटों का ऐलान कर दिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि आसनसोल से मुनमुन सेन और बीरभूम से सताब्दी रॉय को टिकट दिया गया है। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी ओडिशा, असम, झारखंड, बिहार और अंडमान में भी कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेगी। आसनसोल से भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो मौजूदा सांसद हैं। 10 मौजूदा सांसद चुनाव नहीं लड़ेंगे। ममता बनर्जी ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया जानबूझकर लंबी खींची जा रही है। ऐसा इसलिए ताकि भाजपा बंगाल को परेशान करने की अपनी योजना के तहत एक और हमला (स्ट्राइक) करा सके।

कांग्रेस ने अपनी आगामी रणनीति को आकार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के गढ़, गुजरात से शुरूआत कर दी है। पार्टी 58 साल बाद 12-मार्च-2019 राहुल गांधी की अध्यक्षता में अहमदाबाद में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक कर रही है। बैठक में राहुल गांधी के साथ यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत तमात बड़े नेता शामिल हैं। इसी बैठक में गुजरात के 26 वर्षीय पाटीदार नेता हार्दिक पटेल आधिकारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल हो गए। इससे पहले कांग्रेस ने गुजरात के भावनगर में 1961 में (सीडब्ल्यूसी) बैठक की थी। हार्दिक पटेल ने 10 मार्च को ही ट्वीट कर बता दिया था कि वह 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल होंगे।

11 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में टीएमसी, कांग्रेस और वामदल को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के विधायक दुलाल चंद्र बर, तृणमूल कांग्रेस के सांसद अनुपम हाजरा और सीपीएम के विधायक खागेन मुर्मू मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गए। एक महीने से ज्यादा समय तक चलने वाले लोकसभा के चुनावी समर से पहले पश्चिम बंगाल में इसे राजनीतिक दलों को मिले एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. इस बीच राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म है. ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस के सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अधिरंजन चौधरी भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. पश्चिम बंगाल में बीजेपी ममता बनर्जी को कड़ी टक्कर देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है।

कांग्रेस विधायक और विधानसभा में नेता विपक्ष राधाकृष्‍ण विखे पाटिल के बेटे सुजय पाटिल मंगलवार को भाजपा में शामिल हुए। मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। लोकसभा चुनावों से पहले सुजय की भाजपा में एंट्री को कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है। सुजय ने पिछले हफ्ते भाजपा नेता गिरीश महाजन के साथ मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि सुजय को अहमदनगर से लोकसभा का टिकट मिल सकता है। हालांकि, बेटे के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने की खबरों पर राधाकृष्‍ण विखे पाटिल का कोई बयान नहीं आया। राधा कृष्ण विखे पाटिल आज शाम को दिल्ली से वापस मुंबई आ रहे हैं। 

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