DRDO ने की कोविड दवा इजाद; ऑक्सीजन पर निर्भरता खत्‍म होगी; ड्रग्स कंट्रोलर ने दी हरी झण्‍डी

TOP BREAKING; An anti-COVID-19 therapeutic application of the drug 2-deoxy-D-glucose (2-DG) has been developed by INMAS, a lab of DRDO, in collaboration with Dr Reddy’s Laboratories, Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; Mail; himalayauk@gmail.com

9 May 2021: Himalayauk Newsportal & Print Media Presents High Light: कोरोना मरीज़ों का इलाज करने वाली दवा इजाद कर ली गई है। डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इसको विकसित किया : डीआरडीओ ने ट्वीट किया है कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) को डीआरडीओ की लैब आईएनएमएएस ने डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ विकसित किया : दवा पाउडर के रूप में है और इसे पानी में घोलकर मुंह के ज़रिये लिया जाना होता है। इस दवा को कोरोना के मध्यम और गंभीर लक्षण वाले मरीज़ों के इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति # जिन मरीज़ों का इस दवा से इलाज किया गया उनमें से अधिकतर का कोरोना आरटी पीसीआर टेस्ट नेगेटिव आया # दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों के जल्द ठीक होने में मदद करती है #अतिरिक्त ऑक्सिजन की निर्भरता को कम करती है।

कोरोना महामारी के बीच डीआरडीओ ने एक बड़ी राहत की खबर दी है. डीआरडीओ ने एंटी-कोविड दवाई 2-deoxy-D-glucose बनाने का दावा किया है. डीआरडीओ का दावा है कि ग्लूकोज़ पर आधारित इस दवाई के सेवन से कोरोना से ग्रस्त मरीजों को ऑक्सीजन पर ज्यादा निर्भर नहीं होना पड़ेगा और जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे. डीआरडीओ ने इस दवाई को डॉक्टर रेड्डी लैब के साथ मिलकर तैयार किया है और क्लीनिकल-ट्रायल के बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इस दवाई को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दे दी है.

कोरोना मरीज़ों का इलाज करने वाली दवा इजाद कर ली गई है। डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इसको विकसित किया है। कोरोना के ख़िलाफ़ इलाज में काम आने वाली इस दवा को भारत के औषधि महानियंत्रक यानी डीसीजीआई ने आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी भी दे दी है। यह अच्छी ख़बर तब आई है जब देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है और हर रोज़ 4 लाख से ज़्यादा पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। हर रोज़ क़रीब 4 हज़ार लोगों की मौत हो रही है। देश में सक्रिए मामलों की संख्या 37 लाख से ज़्यादा हो गई है। 

डीआरडीओ ने ट्वीट किया है कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) को डीआरडीओ की लैब आईएनएमएएस ने डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ विकसित किया

इस दवा के बारे में बताया गया है कि यह दवा पाउडर के रूप में है और इसे पानी में घोलकर मुंह के ज़रिये लिया जाना होता है। इस दवा को कोरोना के मध्यम और गंभीर लक्षण वाले मरीज़ों के इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन मरीज़ों का इस दवा से इलाज किया गया उनमें से अधिकतर का कोरोना आरटी पीसीआर टेस्ट नेगेटिव आया। 

क्लिनिकल टेस्ट में सामने आया है कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों के जल्द ठीक होने में मदद करती है और इसके साथ ही अतिरिक्त ऑक्सिजन की निर्भरता को कम करती है।

ट्रायल की रिपोर्ट के बारे में कहा गया है कि मई और अक्टूबर के बीच दूसरे चरण के ट्रायल में दवा को कोरोना मरीज़ों पर इस्तेमाल को सुरक्षित पाया गया था। ट्रायल में कोरोना मरीज़ों में काफ़ी सुधार भी आया था। दूसरे चरण में 110 मरीज़ों पर इसका ट्रायल किया गया था जबकि तीसरे चरण में अलग-अलग डोज में 11 अस्पतालों में इसका ट्रायल किया गया था।

यह 2-डीजी दवा वायरस से संक्रमित कोशिका में जमा हो जाती है और वायरस की वृद्धि को रोकती है। वायरस से संक्रमित कोशिका पर चुनिंदा तरीक़े से यह दवा काम करती है। 

इस दवा के आपात इस्तेमाल की मंजूरी की रिपोर्ट तब आई है जब शनिवार को ही देश में कोरोना के 4 लाख 1 हज़ार से ज़्यादा मामले आए हैं। देश में पहली बार एक दिन में 4 हज़ार से ज़्यादा कोरोना मरीज़ों की मौतें हुई हैं। 

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