2019 की सफलता के लिए हिमालय की शरण में आयेगे राजनेता

2019 की राजनैतिक पारी शुरू करने से पहले हिमालय यात्रा

हिंदू मान्याताओं में हिमालय केवल पर्वत नहीं है बल्कि साक्षात देवता हैं, जिनके दर्शन मात्र से अस्तित्व में शांति पसरने लगती है। हिमालय अनेकों तीर्थस्थलों को धारण किए हुए है। अनेकों शक्तिपीठ हिमालय की गोंद में ही स्थित हैं। यहां भगवान शिव की प्रचीन मंदिरो की भरमार है। यही वजह है कि हिमालय साधकों की आदर्श तपोभूमि रहा है। शांति की तलाश में यहां दुनिया भर से लोग आते हैं। हिमालय की गोद में बसे ऐसे ही एक तीर्थस्थल पर हमें रजनीकांत मिले। इंडिया टीवी की कैमरे में कैद सुपरस्टार रजनीकांत की ये तस्वीरे जम्मू में शिवखोड़ी की है। इनके साथ उनकी बेटी ऐश्वर्या भी है। रजनीकात यहां बाबा भोले की शरण में ठीक वैसे ही पहुंचे जैसे आम जनता पहुंचती है। इससे एक बात तो साफ हो जाती है कि वो वाकई हिमालय में एक आध्यात्मिक यात्रा पर हैं।  हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल

हिमालयायूके  ने हिमालय पर विशेष आलेख प्रकाशित किये है-‘ जल्‍द पुन- प्रकाशन- हैरान करने वाले सत्‍य आलेख’ 

कर्नाटक के सियासी मैदान में प्रचार युद्ध खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दोनों हिमालय का रुख करेंगे. राहुल गांधी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 15 दिनों की छुट्टी लेने का ऐलान किया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 और 12 मई को होने वाली अपनी नेपाल यात्रा में जनकपुर धाम और मुक्तिनाथ मंदिर में मत्था टेकने जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी अपने नेपाल दौरे की शुरुआत ही सीता जन्मस्थान कहलाने वाले जनकपुर से करेंगे. जनकपुर के राम-जानकी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद पीएम मोदी, सीता स्वयंवर स्थान कहलाने वाले रंगभूमि मैदान में एक अभिनंदन समारोह में शरीक होंगे. यहां उनके संबोधन का भी कार्यक्रम है.
प्रधानमंत्री 11 मई की दोपहर काठमांडू पहुंचेंगे और अगले दिन भारत वापसी से पहले वे हिमालय के धौलागिरी पर्वत क्षेत्र स्थित मुक्तिनाथ मंदिर में दर्शन करने जाएंगे. करीब 3170 फीट की ऊंचाई पर स्थित मुक्तिनाथ मंदिर हिंदू और बौद्ध दोनों ही धर्मों का एक पवित्र स्थान है. भगवान विष्णु के आठ धामों में से एक मुक्तिनाथ की महत्ता तिरुपति और बद्रीनाथ धाम जैसी ही है. मान्यता है कि चार धाम की यात्रा करने के बाद मुक्तिधाम का दर्शन जरूर करना चाहिए. मुक्तिनाथ का गुजरात कनेक्शन भी है. स्वामीनारायण संप्रदाय के संस्थापक भगवान स्वामीनारायण ने मुक्तिनाथ में ही तपस्या की थी. लिहाजा यहां बड़ी संख्या में स्वामीनारायण संप्रदाय के अनुयायी आते हैं. इनमें बड़ी संख्या गुजरात से आने वाले लोगों की होती है.
नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की भारत यात्रा के महज कुछ हफ्तों बाद हो रही पीएम मोदी की नेपाल यात्रा का विषय भी अधिक धार्मिक है. जनकपुर में 11 मई को नेपाली प्रधानमंत्री अपने मेहमान प्रधानमंत्री की अगवानी करेंगे. वहीं दोनों नेता जनकपुर को रामायण सर्किट से जोड़ने की घोषणा और इलाके में राम-जानकी मंदिर समेत धार्मिक क्षेत्र के विकास के लिए विशेष पैकेज का भी एलान कर सकते हैं.

पीएम मोदी की इस यात्रा को लेकर नेपाल के तेराई क्षेत्र में खासा उत्साह है. साल 2014 में पीएम मोदी जनकपुर नहीं जा पाए थे. कर्नाटक में 12 मई को होने वाले मतदान के लिए प्रचार को शोर 10 मई को थम जाएगा. लेकिन प्रतीकों की सियासत के महारथी पीएम मोदी, अपनी जनकपुर और मुक्तिनाथ जैसी यात्राओं से हिंदुत्व की परचमबरदारी का संदेश देने का मौका निकाल लेंगे.

वहीं, खुद को शिवभक्त साबित करने में जुटे राहुल गांधी ने एक रैली के दौरान कैलाश मानसरोवर यात्रा की मन्नत की बात उजागर की. 

दरअसल, बीते दिनों चुनाव प्रचार के लिए कर्नाटक जा रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विमान का संपर्क एटीसी से टूट गया था. साथ ही विमान खराब मौसम में फंस गया था. अपने अनुभवों का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि यात्रा के उन मुश्किल क्षणों में उन्होंने भगवान शिव का स्मरण करते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने की मन्नत मांगी. सकुशल लौटने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने कर्नाटक चुनाव पूरा होने पर 15 दिन की छुट्टी लेकर कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने की घोषणा की है.

माना जा रहा है कि राहुल गांधी भी नेपाल के रास्ते ही कैलाश-मानसरोवर यात्रा पूरी कर सकते हैं. दरअसल, कैलाश मानसरोवर चीन में है और इसके लिए आधिकारिक तौर पर यात्रा का आयोजन विदेश मंत्रालय करता है. नाथुला और लिपुलेख के दो मार्गों से यह यात्रा करवाई जाती है जिसके लिए आवेदन करना होता है. इस साल जून में होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा के विदेश मंत्रालय के पास आवेदनों की अंतिम तिथि छह अप्रैल थी. हालांकि निजि साधनों से तीर्थयात्री नेपाल के रास्ते भी कैलाश मानसरोवर जाते हैं. ऐसे में संभव है कि कांग्रेस अध्यक्ष नेपाल के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाएं.

सुपरस्टार रजनीकांत इनदिनों हिमालय की गुफाओं में साधना कर रहे हैं। बताया ये जा रहा है कि वो एक शिवभक्त हैं इसलिए राजनीति की पारी शुरु करने से पहले शिव की आराधना में लीन हैं। सोशल मीडिया में कोई ये कह रहा है कि वो हरिद्वार में है तो कोई उन्हें हिमाचल प्रदेश के किसी पवित्र गुफा में तप करते देखने का दावा कर रहा है तो कुछ लोग ये भी लिख रहे हैं कि वो ज

म्मू कश्मीर में भोलेनाथ के एक मंदिर में गुप्ता साधना कर रहे हैं। मतलब ये कि वो हिमालय की गोद में भटक रहे हैं। सुपर 

स्टार रजनीकांत तमिलनाडू से हिमालय की पहाडियों में क्या कर रहे हैं। तमिलनाडु में अपनी राजनैतिक पारी शुरू करने से पहले हिमालय यात्रा पर निकले जाने माने सिने स्टार रजनीकांत हिमालय में अध्यात्मिक गुरु की शरण में पहुंच गये हैं।

सुपरस्टार रजनीकांत इस समय पाजमपुर के पास कंडबाड़ी में अमर ज्योति आश्रम में रुके हैं। बताया जा रहा है कि उनका करीब 15 दिन तक यहां रुकने का कार्यक्रम है। इस दौरान वह यहां अपने गुरु महावतपुर अमर ज्योति जी महाराज के आश्रम में ध्यान व योग की साधना कर अध्यात्म का ज्ञान प्राप्त करेंगे। यहां पहुंचते ही रजनीकांत ने सबसे पहले अमर ज्योति महाराज व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के साथ प्रसिद्ध बैजनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना तथा रुद्राभिषेक किया। इसके बाद महाकाल मंदिर में जा कर पूजा अर्चना की।
‘राजनीति पर टिप्पणी नहीं करूंगा’
रजनीकांत ने कहा कि भाग्यशाली हैं वो हिमाचलवासी जो देश के सबसे शांतिप्रिय देवभूमि हिमाचल में वास करते हैं, जिनके कण-कण में देवी-देवताओं का निवास है। तमिलनाडु की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को लेकर पूछने पर उन्होंने मुस्करा कर कहा कि मैं अपनी इस निजी यात्रा में राजनीति पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।
धौलाधार की तलहटी में ध्यान लगाएंगे
फिल्मों के बारे पूछने पर रजनीकांत ने कहा कि वह फिल्मी दुनिया से पहले की भांति जुड़े हुए हैं, जल्द ही उनकी फिल्म रोबोट-2 रिलीज होने जा रही है। इसके बाद रजनी कांत अपने गंतव्य कंडबाड़ी (पालमपुर) के अमर ज्योति आश्रम के लिए रवाना हो गए। दक्षिण के सुपर स्टार रजनीकांत धौलाधार की तलहटी में ध्यान लगाएंगे। इसी कड़ी में रजनीकांत पालमपुर पहुंचे हैं। उनका यह कार्यक्रम अत्यंत गोपनीय रखा गया है, ऐसे में रजनीकांत चार्टर प्लेन से पालमपुर पहुंचे।
प्रेम कुमार धूमल भी रहे साथ
सूत्रों के अनुसार रजनीकांत 2 सप्ताह तक यहां रहकर ध्यान योग करेंगे। इसी कड़ी में रजनीकांत कंडबाड़ी स्थित मेडिटेशन आश्रम पहुंचे। बताया जा रहा है कि आश्रम में ही रजनीकांत ध्यान योग करेंगे। इस दौरान उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी रहे।

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