भारत दक्षिण एशिया में तीसरा सबसे गरीब देश बनने की ओर अग्रसर; बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव जैसे देश भारत से आगे- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)-वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO)की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दक्षिण एशिया में तीसरा सबसे गरीब देश बनने की ओर अग्रसर है. केवल पाकिस्तान और नेपाल की प्रति व्यक्ति जीडीपी ही भारत से कम होगी जबकि बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव जैसे देश भारत से आगे होंगे.

भारत साल 2020 में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में बांग्लादेश से भी पिछड़ सकता है.अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. इस मामले में भारत, मालदीव, भूटान और श्रीलंका से भी पिछड़ सकता है. आइए जानते हैं क्या है पर कैपिटा यानी प्रति व्यक्ति जीडीपी और भारत क्यों इसमें पिछड़ रहा है? 

भारत प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में मालदीव, भूटान और श्रीलंका बांग्लादेश से भी पिछड़ सकता है. 

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,888 डॉलर (करीब 1.38 लाख रुपये) रह सकती है, जबकि भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,877 डॉलर (करीब 1.37 लाख रुपये) ही रह सकती है. कोरोना संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में आई भारी गिरावट इसकी वजह होगी. 

आईएमएफ के अनुसार इस साल बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी में 4 फीसदी की बढ़त होगी, दूसरी तरफ, भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी इस साल करीब 10.5 फीसदी घटने की आशंका है. रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया में भारत प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में सिर्फ नेपाल और पाकिस्तान से ही आगे रहेगा. इस मामले में वह मालदीव, भूटान और श्रीलंका से भी पिछड़ सकता है. 

भारत की जीडीपी साल 2019 में 2875 अरब डॉलर थी और जनसंख्या करीब 136 करोड़ थी. इस साल भारत की जनसंख्या 138 करोड़ हो सकती है. दूसरी तरफ साल 2019 में बांग्लादेश की जीडीपी 302 अरब डॉलर थी और वहां की जनसंख्या करीब 16 करोड़ है. इस साल यानी 2020 में वहां की जनसंख्या 16.5 करोड़ रहने का अनुमान है. 

किसी देश की सीमा में एक निर्धारित समय के भीतर तैयार सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहते हैं. यह किसी देश के घरेलू उत्पादन का व्यापक मापन होता है और इससे किसी देश की अर्थव्यवस्था की सेहत पता चलती है. इसकी गणना आमतौर पर सालाना होती है, लेकिन भारत में इसे हर तीन महीने यानी तिमाही भी आंका जाता है. भारत में कुछ साल पहले इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और कंप्यूटर जैसी अलग-अलग सेवाओं यानी सर्विस सेक्टर को भी जोड़ दिया गया.

प्रति व्यक्ति जीडीपी यह बताती है कि किसी देश में प्रति व्यक्ति के हिसाब से आर्थिक उत्पादन कितना है. इसकी गणना किसी देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वहां की कुल जनसंख्या का भाग देकर निकाला जाता है. इसे किसी देश की आर्थिक समृद्धि मापने के लिए जीडीपी से बेहतर पैमाना आजकल माना जा रहा है. अक्सर यह देखा जाता है कि छोटे, कम जनसंख्या वाले विकसित औद्योगिक देशों की प्रति व्यक्ति जीडीपी काफी ज्यादा होती है. 

बांग्लोदश की प्रति व्यक्ति जीडीपी इस वजह से भी इस साल भारत से ज्यादा हो रही है, क्योंकि वहां की जनसंख्या भारत के मुकाबले काफी कम है और जीडीपी बढ़ती जा रही है. 

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति व्यक्ति  सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में बांग्लादेश भारत को पछाड़ते हुए आगे निकलने को तैयार है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)-वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) के मुताबिक, साल 2020 में बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 4 फीसदी बढ़कर 1,888 डॉलर होने की उम्मीद है, जबकि भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 10.3 प्रतिशत घटकर 1,877 डॉलर रहने की उम्मीद है – जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम है. आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि इस साल भारत की जीडीपी में 10.3 फीसदी की गिरावट आ सकती है.

भारत के लिए आईएमएफ का यह अनुमान, जून में किए गए पूर्वानुमान से बहुत नीचे है, जिसमें कहा गया है कि कोरोनोवायरस महामारी की वजह से  उभरते बाजारों में सबसे बड़ा संकुचन देखने को मिल सकता है. मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों की जीडीपी का यह आंकड़ा मौजूदा कीमतों पर आधारित है.  जून में आईएमएफ के पिछले पूर्वानुमान में कहा गया था कि उत्पादन 4.5 प्रतिशत कम हो जाएगा. 

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)-वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO)की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दक्षिण एशिया में तीसरा सबसे गरीब देश बनने की ओर अग्रसर है. केवल पाकिस्तान और नेपाल की प्रति व्यक्ति जीडीपी ही भारत से कम होगी जबकि बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव जैसे देश भारत से आगे होंगे.

हालाँकि, IMF ने अनुमान जताया है कि 2021 में प्रभावशाली 8.8 प्रतिशत की विकास दर के साथ भारत, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में वापसी कर सकता है. इस प्रकार सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था की स्थिति को फिर से हासिल करते हुए भारत चीन की अनुमानित विकास दर 8.2 प्रतिशत को पार कर सकता है.

आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना वार्षिक बैठक से पहले ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य’ रिपोर्ट जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.4 प्रतिशत की गिरावट आयेगी और 2021 में यह 5.2 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हासिल करेगी. रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 5.8 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है जबकि अगले वर्ष इसमें 3.9 प्रतिशत की वृद्धि होगी. वर्ष 2020 के दौरान दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में केवल चीन ही एकमात्र देश होगा जिसमें 1.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जायेगी. 

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