महाराष्ट्र में हुए सियासी उलटफेर: & बिहार में नीतीश कुमार के साथ भी ऐसा होने वाला है- केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले

DT 2 JULY 2023 SUNDAY (Himalayauk Bureau)#महाराष्ट्र में राजभवन में सत्ता का मेला! # केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बड़ा दावा कर दिया # बिहार में नीतीश कुमार के साथ भी ऐसा होने वाला है- # एनसीपी नेता अजित पवार रविवार (2 जुलाई) को एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री शिंदे की मौजूदगी में राजभवन में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. अजित पवार की इस बगावत के साथ ही एनसीपी को पार्टी के तौर पर भी बड़ा झटका लग सकता है। अगर अजित पवार एनसीपी पर दावा करते हैं तो शरद पवार के लिए सियासी चुनौती खड़ी हो सकती है और उनके नेतृत्व वाली एनसीपी के अस्तित्व पर भी खतरा पैदा हो सकता है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने एक बार फिर पार्टी प्रमुख शरद पवार को झटका दे दिया है।

By Chandra Shekhar Joshi Chief Editor www.himalayauk.org (Leading Web & Print Media) Publish at Dehradun & Haridwar. Mail; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030 — कलयुग तारक मन्त्र- राधे राधे

 भतीजे अजित पवार की बगावत पर शरद पवार ने कहा कि दो दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एनसीपी के बारे कहा था कि एनसीपी खत्म हो चुकी पार्टी है. उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया. मुझे खुशी है कि मेरे कुछ साथियों ने आज शपथ ली है. उनका सरकार (महाराष्ट्र) में शामिल होने से यह स्पष्ट है कि वे सभी आरोप मुक्त हो गए हैं.

शरद पवार ने पुणे में पत्रकारों से कहा कि उन्हें मुंबई में होने वाली बैठक की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, छह जुलाई को मैंने वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है और इसमें पार्टी से जुड़े फैसलों पर चर्चा की जाएगी। अजित पवार ने रविवार को अपने आवास पर बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने अपने समर्थन को परखा। इसके बाद वे राजभवन पहुंच गए, जहां उनके साथ 40 और विधायकों के समर्थन का दावा किया गया। ऐसे में एनसीपी के कुल 53 विधायकों में से एक बड़ा हिस्सा अजित पवार के साथ चला गया है।

सीएम शिंदे ने कहा है कि पहले महाराष्ट्र में डबल इंजन की सरकार थी अब ट्रिपल इंजल की सरकार को हो गई है. ये महाराष्ट्र के विकास में नए साथी हैं. अजित पवार का स्वागत है. रविवार को अजित पवार के साथ एनसीपी के नौ विधायक शिंदे की सरकार में शामिल हो गए.

शरद पवार ने कहा कि पीएम मोदी ने एनसीपी को भ्रष्टाचारी पार्टी कहा है. आज उसी एनसीपी पार्टी के विधायकों ने बीजेपी की सरकार में शपथ ली है. अजित पवार ने बगावत की है. उन्होंने कहा कि यहां प्रेस कांफ्रेंस में आने से पहले देश के कोने-कोने से फोन आया और एकजुटता का मैसेज आया. 

राज्य में कुल 53 एनसीपी विधायकों में से 30 जाहिर तौर पर अजित पवार के साथ हैं, जो राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. अजित पवार ने दिन में मुंबई में अपने आधिकारिक आवास ‘देवगिरी’ में पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों से मुलाकात की और इसके बाद राजभवन पहुंच गए. बैठक में राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले उपस्थित थे.

विधानसभा में एनसीपी के कुल 53 विधायक हैं और ऐसा माना जा रहा है कि उनमें से 30 विधायक अजित पवार के साथ हैं. दल बदल कानून से बचने के लिए दो तिहाई विधायकों का अजित पवार के साथ आना जरूरी है. मतलब अजित पवार को एनसीपी के 36 विधायकों का साथ चाहिए. हालांकि, पार्टी के ज्यादातर विधायक शरद पवार के समर्थक हैं. इस स्थिति में उनका पाला बदलना मुश्किल है.


1998 मध्यावधि लोकसभा चुनाव के बाद शरद पवार विपक्ष के नेता चुने गए, लेकिन साल 1999 में जब 12वीं लोकसभा भंग हुई तो शरद पवार, पी ए संगमा और तारिक अनवर ने सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए।

पवार और कुछ अन्य नेता नहीं चाहते थे कि विदेशी मूल की सोनिया पार्टी का नेतृत्व करें। सोनिया का विरोध करने के चलते पार्टी से उन्हें निष्कासित कर दिया गया। कांग्रेस से निष्कासन के बाद शरद पवार ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) का गठन किया।

चुनाव आयोग की प्रक्रिया के मुताबिक अगर किसी भी राजनीतिक दल में टूट होती है और वह टूट दो तिहाई की होती है, तो पार्टी में वर्टिकल स्प्लिट होता है. यानी कि सांसद विधायक से लेकर कार्यकर्ताओं तक में टूट होती है तो चुनाव आयोग बड़े खेमे को मान्यता दे सकता है

शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर पार्टी जरूर बनाई लेकिन साल 1999 के महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में जनादेश न मिलने पर कांग्रेस से हाथ मिलाकर सरकार भी बना ली। साल 2004 से साल 2014 तक पवार लगातार केंद्र में मंत्री रहे। साल 2014 का लोकसभा चुनाव शरद पवार ने ये कहकर नहीं लड़ा कि वो युवा नेतृत्व को पार्टी में आगे लाना चाहते हैं।

शरद पवार ने कहा कि मुझे बहुत से लोगों से फोन आ रहे हैं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य लोगों ने मुझे फोन किया है. आज जो कुछ भी हुआ मुझे उसकी चिंता नहीं है. 2024 का चुनाव साथ लड़ेंगे और जीतेंगे. कल मैं वाई.बी. चव्हाण (महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री) का आशीर्वाद लूंगा और एक सार्वजनिक बैठक करूंगा. एक दलित समाज के समारोह में शामिल होने जाऊंगा. कल का मेरा ये कार्यक्रम है. 

शरद पवार ने कैंसर से जंग जीती है। एक टीवी चैनल में पवार ने बताया कि 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें कैंसर का पता चला था। इलाज के लिए न्यूयॉर्क गए। वहां के डॉक्टरों ने भारत के ही कुछ एक्सपर्ट्स के पास जाने को कहा। तब कृषि मंत्री रहते हुए पवार ने 36 बार रेडिएशन का ट्रीटमेंट लिया।

एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार के साथ गए कुछ विधायक, पटना में विपक्षी दलों की बैठक में राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने और उन्हें सहयोग देने शरद पवार के एकतरफा फैसले से नाराज थे. 

यह बहुत दर्दनाक था। उन्होंने इंटरव्यू में बताया था कि सुबह नौ से दो बजे तक वह मंत्रालय में काम करते। फिर 2.30 बजे अपोलो हॉस्पिटल में कीमोथेरेपी लेते। दर्द इतना होता था कि घर जाकर सोना ही पड़ता। इसी दौरान एक डॉक्टर ने उनसे कहा कि जरूरी काम पूरे कर लें। आप सिर्फ छह महीने और जी सकेंगे। पवार ने डॉक्टर से कहा कि मैं बीमारी की चिंता नहीं करता, आप भी मत करो। पवार ने लोगों को नसीहत दी कि कैंसर से बचना है तो तंबाकू का सेवन तुरंत बंद कर दें।

शरद पवार ने कहा कि मैंने 6 जुलाई को सभी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी जहां कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी और पार्टी के भीतर कुछ बदलाव किए जाने थे, लेकिन उससे पहले ही कुछ नेताओं ने अलग रुख अपनाया है. उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. 1980 में मैं जिस पार्टी का नेतृत्व कर रहा था, उसके 58 विधायक थे, बाद में सभी चले गए और केवल 6 विधायक बचे, लेकिन मैंने संख्या को मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए.

बिहार में नीतीश कुमार के साथ भी ऐसा होने वाला है- केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बड़ा दावा कर दिया.

जैसा महाराष्ट्र में हुआ है वैसा बाकी के राज्यों में हो सकता है. हमारी एनडीए 2024 तक और भी ज्यादा मजबूत हो सकती है. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बड़ा दावा कर दिया. उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के साथ भी ऐसा ही होगा. उन्होंने कहा कि हम विपक्षी एकता के साथ कोई ‘ऑपरेशन’ नहीं करते, लोग ही पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हैं. उन्होंने दावा किया कि बिहार में बहुत सारे नेता और विधायक नीतीश कुमार से नाराज हैं. 

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