परफॉर्मेंस पैमाना था? इतने सारे मंत्रियों का इस्तीफा? शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के इस्‍तीफे पर देश भौचक्का

7 JULY 2021# Himalayauk Newsportal # Today High Light # # # # ## # # # # # # # # # # # # # मुझसे कहा गया और मैंने इस्‍तीफा दे दिया: बाबुल सुप्रियोबाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पोस्‍ट लिखकर अपने इस्‍तीफे की जानकारी दी है। 

मोदी मंत्रिमंडल के विस्‍तार को उत्‍तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के नजरिये से अहम माना जा रहा है। इस विस्‍तार के माध्‍यम से बीजेपी कुछ खास जाति और वर्ग के वोटरों के बीच बड़ा मैसेज देना चाह रही है। 

पीएम मोदी के कैबिनेट विस्तार पर कांग्रेस पार्टी ने निशाना साधा है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- ये सारी चीजें वे चुनाव को ध्यान में रखकर कर रहे हैं। ये भी देखना है कि दलितों, शोषित वर्गों, अस्पृश्यों और दबे कुचले लोगों को वे कौन से अच्छे पोर्टफोलियो देने वाले हैं। कई बार लोगों को दिखाने के लिए वे ऐसी चीजें करते हैं। वो 2 साल पहले भी कर सकते थे।

कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने 6 मंत्रियों को हटाए जाने की मांग रखी है। वे चाहते हैं कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री, कृषि मंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्‍त मंत्री और पेट्रोलियम मंत्री को बदल दिया जाए कुल मिलाकर ये मंत्रिमंडल विस्तार परफॉर्मेंस अप्रेज़ल नहीं है। ये देश के लिए नहीं अपने अपने दलों के हित साधने का साधन मात्र है। पर देश को बेहाली-बदहाली की कगार पर ला खड़े करने और कोरोना महामारी में जुम्मेवारी से मुँह मोड़ने पर मोदी जी की परफॉर्मेंस का अप्रेज़ल कब होगा? मंत्रिमंडल विस्तार के नाम पर पश्चिम बंगाल में हार की हताशा को दूर करने के लिए कुछ पद दिए जाएंगे। मध्यप्रदेश में जो सत्ता का सौदा हुआ है उसका प्रतिफल दिया जाएगा।  यू.पी के चुनावों के दृष्टिगत कुछ क्षेत्रीय दलों की दाल गलाई जाएगी। मोदी-आदित्यनाथ जी की अनबन पर पर्दा डाला जाएगा।

बीजेपी इस साल की शुरुआत से ही उत्तराखंड में मुख्यमंत्री को लेकर माथापच्ची कर रही थी और 9 मार्च को उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विदाई करवा दी थी लेकिन चार महीने से भी कम वक़्त में नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भी बोरिया बिस्तर समेटने का आदेश दे दिया गया। इससे पता चलता है कि पार्टी इस बेहद छोटे राज्य में नेतृत्व को लेकर किस कदर कन्फ्यूज़ है।

नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्रियों  की छुट्टी (Ministers Dropped) हो गई. मोदी कैबिनेट के विस्तार से पहले कई मंत्रियों की छुट्टी हो गई है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावडेकर ने भी विस्तार से पहले इस्तीफा दे दिया है.   स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, बाबुल सुप्रियो रमेश पोखरियाल निशंक, राव साहेब दानवे पाटिल, सदानंद गौड़ा, देबोश्री चौधरी, संतोष गंगवार, संजय धोत्रे, रतन लाल कटारिया और प्रताप सारंगी को इस्तीफा देना    पड़ा.   मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं नहीं कह सकती कि इतने सारे मंत्रियों ने इस्तीफा क्यों दिया केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के इस्तीफे पर ममता बनर्जी ने कहा कि क्या आपको लगता है कि वे शासन को लेकर गंभीर हैं? उन्होंने कहा कि कोरोना  को लेकर सारी बैठकें प्रधानमंत्री करते हैं. स्वास्थ्य मंत्री को शिकार बना रहे हैं

कांग्रेस (Congress) ने इस्तीफों पर तंज कसा. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने कहा कि   अगर परफॉर्मेंस पैमाना है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra Modi) को भी हट जाना चाहिए.  उन्होंने कहा कि कैबिनेट विस्तार सिर्फ ‘डिफेक्टर एडजस्टमेंट एक्सरसाइज’ है  सुरजेवाला ने आगे कहा, ‘अगर परफॉर्मेंस ही पैमाना है तो सबसे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को हट जाना चाहिए,  क्योंकि उनके रहते चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है.  गृह मंत्री (Amit shah) को भी हट जाना चाहिए क्योंकि उनके रहते मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) और कस्टोडियल डेथ (Custodial Death) जैसे मामले आम हो गए हैं.   नक्सलवाद (Naxalism) बेकाबू हो गया है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के सांसद पशुपति पारस को मंत्री बनाए जाने और उससे पहले लोकसभा में एलजेपी संसदीय दल के  नेता बनाने के दोहरे झटके से तिलमिलाए चिराग पासवान ने अब दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.  चिराग पासवान ने पार्टी संविधान की दुहाई देते हुए धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. चिराग ने कहा कि पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जन शक्ति पार्टी से पशुपति कुमार पारस को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज  दर्ज कराती है.  

इन मंत्रियों से मांगा गया इस्तीफा  

मोदी कैबिनेट का आज विस्तार (Modi Cabinet Expansion) होगा. इस विस्तार से पहले कई मंत्रियों की छुट्टी (Ministers Dropped) की जा रही है. डॉ. हर्षवर्धन,  बाबुल सुप्रियो, रमेश पोखरियाल निशंक,  राव साहेब दानवे पाटिल, सदानंद गौड़ा, देबोश्री चौधरी, संतोष गंगवार, संजय धोत्रे, रतन लाल कटारिया और प्रताप सारंगी को इस्तीफा (Ministers Resign) देने के लिए कहा गया है. शपथ ग्रहण से चंद मिनट पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावडेकर के भी इस्तीफे की खबर  आ गई.  डॉ. हर्षवर्धन- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस्तीफा दे दिया है. कोरोना की दूसरी लहर को लेकर जिस तरह मोदी सरकार सवालों के घेरे में आई, उस  उसका खामियाजा अब डॉ. हर्षवर्धन को उठाना पड़ा है. हर्षवर्धन के पास विज्ञान और तकनीक मंत्रालय भी था. यानी हर्षवर्धन के इस्तीफे से दो भारी-भरकम मंत्रालय  खाली हो गया है.  

प्रधानमंत्री के रूप में मई 2019 में 57 मंत्रियों के साथ अपना दूसरा कार्यकाल आरंभ करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यकाल में पहली बार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल व विस्तार करने जा रहे हैं. मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 53 मंत्री थे और नियमानुसार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में सदस्यों की अधिकतम संख्या 81 हो सकती है.

बीजेपी यह न भूले कि 2018 में हमने योगी आदित्यनाथ को हराया ; संजय

निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा, ‘मैं दोहराना चाहता हूं कि प्रवीण निषाद ने 2018 में गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ को हराया था। 2019 में हमने बीजेपी के साथ 40 सीटें जीती थीं। अगर अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट में सीट मिल सकती है तो 160 सीटें जीतने वाले निषाद पार्टी के नेता को भी मंत्री बनाया जाना चाहिए।’

बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी ने मोदी कैबिनेट में जगह मांगी है। खास बात है कि पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद ने अपनी मांग रखने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की पूर्व में हुई चुनावी हार का हवाला दिया है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा, ‘मैं दोहराना चाहता हूं कि प्रवीण निषाद ने 2018 में गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ को हराया था। 2019 में हमने बीजेपी के साथ 40 सीटें जीती थीं। अगर अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट में सीट मिल सकती है तो 160 सीटें जीतने वाले निषाद पार्टी के नेता को भी मंत्री बनाया जाना चाहिए।’

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