उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे की बेहद आसान ‘गिरफ्तारी’

9 JULY 20; HIGH LIGHT (Himalayauk Newsportal) # मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया

कानपुर में अपने साथियों के साथ 8 पुलिसवालों को मौत के घाट उतारने वाले मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया है. इस गिरफ्तारी का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. कानपुर शूटआउट के मोस्ट वॉन्टेड विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने महाकालेश्वर मंदिर की पर्ची कटाई और इसके बाद वहां ड्रामेटिक तरीके से उसकी गिरफ्तारी हुई.

विकास दुबे के पुलिस हिरासत में होने की ख़बर आते ही शहीद सीओ के परिजनों ने कहा कि ये प्लान्ड सरेंडर है, गिरफ्तारी नहीं है। विकास ने बाकायदा उज्जैन के महाकाल मंदिर में तसवीरें खिंचवाईं, पूजा की और फिर अपना परिचय देकर सरेंडर किया है। यह सब वीडियो में देखा जा सकता है। 

ख़बर आ रही है कि विकास के सरेंडर करने से पहले बुधवार की रात 8.30 बजे उज्जैन के जिलाधिकारी आशीष सिंह और पुलिस कप्तान महाकाल के मंदिर पहुंचे थे और पूजा न करके एक कमरे में काफी देर बातचीत की थी। इसके बाद गुरुवार सुबह विकास ने सरेंडर कर दिया।

कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी और गैंगस्टर व‍िकास दुबे का एक और वीड‍ियो सामने आया है. यह वीड‍ियो उज्जैन के महाकाल मंद‍िर के पर‍िसर का है. इस वीड‍ियो में व‍िकास दुबे न तो डरा हुआ दिख रहा है न ही उसके चेहरे पर कोई मलाल है, वो दबंग दिख रहा है. पुलिस इतने बड़े अपराधी का हाथ तक नहीं पकड़े है. कुछ गार्ड पीछे चल रहे हैं, केवल एक वर्दीधारी द‍िख रहा है.

विकास दुबे महाकाल मंदिर के सामने खड़ा था. जैसे ही वहां स्थानीय मीडिया पहुंची तो उसने चिल्लाया कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला. इसके बाद स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. तुरंत उसे गिरफ्तार किया गया और सीधे महाकाल थाने लाया गया है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है.

यूपी का सबसे बड़े माफिया उज्जैन में पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद भी उसकी अकड़ कम नहीं हुई.  जब पुलिस विकास दुबे को पकड़कर महाकाल थाने में ले जा रही थी, तब वह लगातार मीडिया से बात कर रहा था. इसी दौरान वो चिल्लाया, ‘मैं विकास दुबे हूं…कानपुर वाला’.

विकास दुबे के दो साथियों का गुरुवार को यूपी पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था. इस एनकाउंटर के थोड़ी देर बाद ही विकास दुबे को उज्जैन में गिरफ्तार कर लिया गया. इंदौर के डीआईजी के मुताबिक, इस दौरान वह चिल्लाता रहा कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला, पुलिस ने मुझे पकड़ लिया है.

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि अभी विकास दुबे मध्य प्रदेश पुलिस की कस्टडी में है. गिरफ्तारी कैसे हुई? इसके बारे कुछ भी कहना ठीक नहीं है. मंदिर के अंदर से या बाहर से गिरफ्तारी को लेकर कहना भी ठीक नहीं है. उसने क्रूरता की हदें शुरू से ही पार कर दी थी. वारदात होने के बारे से ही हमने पुलिस को अलर्ट पर रखा था.

स्थानीय पुलिस जिस वक्त महाकाल मंदिर परिसर से विकास दुबे को लेकर निकली. उस समय विकास दुबे की बॉडी लैंग्वेज भी हैरान करने वाली दिखाई दी. सफेद रंग की चेक शर्ट और ग्रे पैन्ट पहने हुए विकास दुबे को जब पुलिस पकड़कर ले जा रही थी. उसकी चाल में कोई बदलाव नहीं था. वो ठीक वैसे ही अकड़ में चल रहा था जैसे वो अकसर चलता रहा है.

2 जुलाई की रात आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले विकास दुबे की तलाश में पूरे उत्तर प्रदेश को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. इसके बावजूद न केवल विकास दुबे पुलिस को गच्चा देता रहा, बल्कि वह यूपी, हरियाणा से लेकर मध्य प्रदेश तक घूमता रहा. यूपी पुलिस की टीम ने दिल्ली-एनसीआर में डेरा डाला तो विकास दुबे उज्जैन भाग गया. अब सवाल उठता है कि आखिर पूरे प्रदेश को छावनी में तब्दील करने और 50 से अधिक टीमें लगाने के बाद भी विकास दुबे उज्जैन कैसे पहुंचा और उसकी किसने मदद की? फिलहाल, यूपी पुलिस की टीम उज्जैन रवाना हो गई है. विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की है. बताया जा रहा है कि शिवराज सिंह ने विकास दुबे को यूपी पुलिस को हैंडओवर करने का भरोसा दिया है. अब यूपी पुलिस ट्रांजिट रिमांड लेकर विकास दुबे को उत्तर प्रदेश लाएगी.

वह राजस्थान के कोटा से सड़क के रास्ते उज्जैन पहुंचा था. विकास दुबे के साथ ही एक शराब कारोबारी को भी गिरफ्तार किया गया है. यह जानकारी मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट भी किया, जिसमें कहा कि विकास दुबे की गिरफ़्तारी के लिए उज्जैन पुलिस को बधाई. जिनको लगता है कि महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धुल जाएंगे, उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं. हमारी सरकार किसी भी अपराधी को बख्शने वाली नहीं है.

अखिलेश यादव ने पूछा, ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी?

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि खबर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके. कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई. अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है… तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं. यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए.

विकास दुबे की मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तारी के बाद विपक्षी दलों को बीजेपी सरकार पर हमला बोलने की मौका मिल गया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने विकास दुबे के मामले को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है. उधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद ट्वीट किया है.

मायावती ने ट्वीट कर कहा, “कानपुर-काण्ड का दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे को काफी लम्बी जद्दोजहद के बाद अन्ततः मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्त में लिए जाने के बाद अब इसके तमाम आपराधिक सांठगांठ व माफियागिरी आदि का पर्दाफाश होने का यूपी व देश की जनता को काफी इन्तजार है.”

मायावती ने इसके बाद एक और ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि जनता को इस बात की भी प्रतीक्षा है कि विकास दुबे के साथ-साथ उसके जघन्य अपराधों से जुड़े व सम्बंधित सभी सरकारी व राजनीतिक संरक्षकों एवं षडयंत्रकारियों को भी उत्तर प्रदेश सरकार जल्द से जल्द सख्त सजा जरूर दिलाए.

प्रियंका ने कहा, ‘अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है। तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं।’ 

विकास दुबे के पकड़े जाने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी की ओर से कानपुर के प्रभारी थे और वही टीवी पर सबसे पहले बयान देने आए। कांग्रेस ने कहा कि दाल में कुछ काला की बात छोड़िए यहां तो पूरी दाल ही काली है।

मध्य प्रदेश पहुंचे विकास दुबे की बेहद आसान ‘गिरफ्तारी’

उज्जैन के महाकाल मंदिर में सुरक्षा में तैनात जिस जवान ने विकास दुबे को ‘पहचाना’ और ‘लोहा लेते’ हुए ‘पकड़वाया’, वह जवान जिस एजेंसी का कर्मचारी है, वह एजेंसी बीजेपी के एक राज्यसभा सदस्य की है। पुलिस की कहानी के मुताबिक़, सुरक्षा कर्मी ने शंका होने पर विकास का मास्क हटवाया, उसे पहचाना और पकड़वा दिया। पूरा घटनाक्रम चंद मिनटों में हो गया। विकास ने सुरक्षा कर्मियों और पुलिस वालों से ‘धक्का-मुक्की’ की और बाद में वह पुलिस के ‘आसानी’ से ‘काबू’ में आ गया। महाकाल मंदिर में प्रवेश की पर्ची किसने बनवाई

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