मध्‍य प्रदेश;कांग्रेस सरकार गंभीर संकट में, कमलनाथ केे तानाशाही रवैयेे से विधायक नाराज

मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री केे तानाशाही रवैये से मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गंभीर संकट में आ गयी है, हिमालयायूके ने अपने पूर्व के आलेेेेेेखो में कई बार उल्‍लेख किया था कि मुख्‍यमंत्री कमलनाथ के पास विधायको के लिए समय नही है, संगठन के वरिष्‍ठ जनो के लिए समय नही है उनका तानाशाही रवैया सरकार को संकट में डाल सकता है, आखिर वही हुआ, हिमालयायूके की एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट

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मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गंभीर संकट में? हिमालयायूके ने एफबी में पूर्व में ही कई बार संकेत दिये थे-

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा मंगलवार को भाजपा पर लगाए गए विधायकों के खरीद-फरोख्त के दावों के बाद से ही सियासी संग्राम जारी है.  कांग्रेस का कहना है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने की साजिशें चल रही हैं और भाजपा ने कांग्रेस और अन्य पार्टियों के कुछ विधायकों को मंगलवार रात जबरन गुरुग्राम के एक होटल में रखा. कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि भाजपा के कुछ नेता आठ विधायकों को जबरन हरियाणा के एक होटल में ले गए हैं. इन आठ विधायकों में चार कांग्रेस के हैं. इसमें सपा-बसपा के एक-एक विधायक हैं. इसके अलावा दो निर्दलीय विधायक हैं. इन विधायकों का समर्थन भी कमलाथ सरकार को मिला हुआ है.

प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने बताया, ‘पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह और रामपाल सिंह सहित अन्य भाजपा नेता साजिश के तहत आठ विधायकों को हरियाणा के एक होटल में जबरन ले गए. विधायकों ने हमें बताया कि भाजपा नेताओं द्वारा उन्हें जबरन वहां ले जाया गया.’

 पटवारी ने कहा कि हम उन्हें वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं. उनमें से चार विधायक वापस भी आ गए हैं, लेकिन आदिवासी विधायक बिसाहूलाल सिंह को जबरन उठा लिया गया है.

पटवारी के इस बयान से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराने के लिए भाजपा पर कांग्रेस के विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग (खरीद-फरोख्त) के आरोप लगाते हुए दावा किया था कि भाजपा के एक पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह बसपा की विधायक रमाबाई को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली ले गए हैं.  बता दें कि रातभर चले इस सियासी उठापटक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कुछ विधायकों को होटल से बाहर निकाल लेने की बात कही है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा भाजपा ने मप्र के कॉंग्रेस बसपा समाजवादी विधायकों को दिल्ली लाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। बसपा की विधायक श्रीमती राम बाई को क्या भाजपा के पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह जी कल चार्टर फ़्लाइट में भोपाल से दिल्ली नहीं लाये? शिवराज जी कुछ कहना चाहेंगे?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें लगता है कि होटल में 10-11 विधायक थे, जिनमें  6 विधायक कांग्रेस कैंप में लौट आए हैं.

    दिग्विजय ने कहा, ‘बाकी के चार विधायकों को भाजपा ने बेंगलुरु भेज दिया है लेकिन वो सभी भी लौट आएंगे. जो विधायक होटल पहुंचे थे, उनमें कांग्रेस के चार विधायक थे. इसके अलावा बसपा और समाजवादी पार्टी के भी विधायक थे. मध्य प्रदेश की सरकार सुरक्षित थी, है और रहेगी.’  दिग्विजय सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘जिन लोगों से संपर्क हुआ है वो वापस आने को तैयार थे. हम बिसाहूलाल सिंह और रमाबाई के संपर्क में थे. भाजपा के रोकने के बावजूद रमाबाई वापस आ गई हैं.’ दिग्विजय ने भाजपा नेताओं पर विधायकों को पैसे देने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘भाजपा के रामपाल सिंह, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया और संजय पाठक उन्हें पैसे देने जा रहे थे. अगर वहां कोई छापा पड़ा होता, तो वे पकड़े जाते. हमें लगता है कि वहां 10 से 11 विधायक थे, अब सिर्फ चार विधायक उनके पास है, वे भी हमारे पास आ जाएंगे.’

इससे पहले मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोत ने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने हमें फोन किया और बताया कि हमें (विधायकों) गुरुग्राम के आईटीसी होटल में जबरन रखा गया है और जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. एक विधायक का फोन आने के बाद हमारे दो मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी गुरुग्राम के होटल में आठ विधायकों से मिलने पहुंचे थे लेकिन उन्हें होटल के अंदर जाने नहीं दिया गया.’  भाजपा ने कांग्रेस नेताओं के आरोपों पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इस मामले में कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं.

कांग्रेस नेता दिग्विजय का दावा है कि अब होटल में सिर्फ चार विधायक हैं. वहीं मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री का कहना है कि चार विधायकों को दिल्ली से बेंगलुरू भेज दिया गया. मालूम हो कि इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि भाजपा राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए उनकी पार्टी के विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश कर रही है. दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा 25-35 करोड़ रुपये देकर कांग्रेस के विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं.   पिछले साल जुलाई में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने राज्य विधानसभा में कमलनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा था, ‘ऊपर से आदेश है. तुम्हारी सरकार नहीं बचेगी.

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