दुल्हन को 5 दिन तक निर्वस्त्र रखें जाने की परम्‍परा- एक्‍सक्‍लूूूूूसिव

 शादीशुदा महिलाएं 5 दिनों तक कपड़े नहीं पहनती है। इन पांच दिनों में वो बिना कपड़ों के ही रहती है। ऐसा सालों से चलता आ रहा है और वो इसे अभी भी निभा रही है। #भारत में कहाँ शादी के बाद दुल्हन को 5 दिन तक निर्वस्त्र रखें जाने के परमपरा हैं?  हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण घाटी में एक पीणी गांव है जहाँ मान्यता के अनुसार शादी के बाद लड़कियों को पूरे 5 दिन तक निर्वस्त्र रखा जाता है।जी हाँ, सुनकर चौक गए न ?? लेकिन ये सच है। इतना ही नहीं इस कुप्रथा की आड़ में शादी के बाद दुल्हन को अजीब नियमों का पालन भी करना यहाँ एक मान्यता के अंतर्गत आता है और इसी प्रथा के चलते यहाँ आने वाली हर दुल्हन को 5 दिन तक बस ऊन से बने पट्टू को ही पहनना होता है।

शादी को लेकर दुनियाभर में कई तरह के परंपराएं निभाए जाती है लेकिन भारत के इस गांव में अजीबो-गरीब रिवाज के चलते शादी के बाद दुल्हन को 5 दिन तक नग्न रखा जाता है। वर्षों से निभाई जाने वाली इन परंपरा के नाम पर शादी के बाद पत्नि को नग्न रहना पड़ता है।

हिमाचल के एक गांव में निभाई जाने वाली इस परंपरा के रहते पति-पत्नि आपस में हंसी मजाक तक नहीं करते और पत्नि को 5 दिन तक निर्वस्त्र रखा जाता है। शादी के बाद दुल्हन को निर्वस्त्र रखने के अलावा सख्त नियमों का पालन भी करवाया जाता है। इन दिनों में महिलाए सिर्फ ऊन से बने पट्टू ही पहनती है। इसके अलावा पुरूष भी शराब को हाथ नहीं लगाते।

सावन के 5 दिनों में भी पति-पत्नि को एक-दूसरे से दूर रखा जाता है। लोगों का मानना है कि ऐसा न करने से देवता बुरा मान जाएगें और गांव में तबाही आ जाएगी। सर्दियों से चलती आ रही इस देव प्रथा को लोग डर और आस्था की वजह से मानते है।”

यहाँ लोग मानते है कि लाहुआ घोंड देवता जब पीणी गाँव पहुंचे थे, तो तब वहां राक्षसों ने अपना आतंक मचाया हुआ था। इसलिए ही भादों सक्रांति को यहां काला महीना माना गया है। ये वहीँ दिन था जिस दिन देवी-देवताओं ने पीणी में अपने कदम रखे थे जिसके बाद ही उन्होंने जनकल्याण के लिए राक्षसों का खात्मा किया और उसी दिन से इस प्रथा की शुरुआत हुई थी जो आज तक पीड़ी-दर-पीड़ी निभाई जा रही हैं।

5 दिनों तक पति-पत्नी ना एक दूसरे से बात कर सकते हैं और ना ही एक दूसरे को छू सकते हैं। यहां तक इन दिनों दोनों को इशारों में भी बात करने की मनाही होती है। इसके साथ ही नई दुल्हन के निर्वस्त्र रहने तक गांव के हर आदमी का शराब पीना अनिवार्य होता है। ये परंपरा इस गाँव में सालों से निभाई जा रही है जो अब गांव की नई पीढ़ी द्वारा भी मानी जाती दिख जाती है। इस मान्यता के अनुसार सावन के महीने के इन्ही 5 दिनों तक पति-पत्नी को एक-दूसरे से अलग रहना होता है, अगर कोई ऐसा नहीं करता तो उसकी तबाही निश्चित मानी जाती है।

हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण घाटी में पीणी गांव की। जी हां, यह सच है कि इस गांव में साल में 5 दिन औरते कपड़े नहीं पहनती। इस परंपरा की खास बात यह हैं कि वह इस समय पुरुषों के सामने नहीं आती। यहां तक की महिला के पति भी अपनी पत्नी से दूर रहता है। सावन महीने में इस परंपरा को अपनाया जाता हैं। पूर्वजों के समय से ही यह परंपरा चली आ रही है। कहते है कि अगर इस गांव में आज कोई भी स्त्री इस कार्य को नहीं करती हैं तो उसके घर में अशुभ हो जाता है। इसकी वजह से इस परंपरा को निभाया जाता है। अब यह परंपरा को बदल दिया गया हैं। औरतें इन 5 दिनों में कपड़े नहीं बदलती और काफी बारीक कपड़े पहनने लगी हैं। अगस्त के इन दिनों में लोग हंसना भी बंद कर देते है और विशेष पूजा भी की जाती हैं। इस रीति-रिवाज की खास बात यह है कि इसकी वजह से लोग 5 दिन बुराई से दूर रहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *