राहत समीक्षा बैठक में विपक्ष के नेता को भी बुलाया जाता है- सीएम ने सवाल दागा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के कलाईकुंडा एयर बेस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के साथ 15 मिनट की बैठक की. बैठक में चक्रवात यास (Cyclone Yaas) से हुए नुकसान का आकलन किया गया. चक्रवात यास ने इस सप्ताह के शुरुआत में पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्य ओडिशा के तटीय इलाकों को काफी नुकसान पहुंचाया है.

PM @narendramodi undertook an aerial survey to review the situation in the wake of Cyclone Yaas. PM @narendramodi undertook an aerial survey to review the situation in the wake of Cyclone Yaas.

समीक्षा बैठक से पहले ममता बनर्जी ने कहा, “मैं सिर्फ 15 मिनट के लिए वहां जाऊंगी. मैं समीक्षा बैठक के लिए वहां नहीं रहूंगी. मैं नुकसान के विवरण के साथ एक पेपर सौंप दूंगी.” 

केंद्र सरकार ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधे घंटे तक इंतजार करवाया, उसके बाद भी उनके साथ बैठक में शामिल नहीं हुईं। 

अप्रैल-मई के विधानसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी और सीएम ममता बनर्जी की यह पहली बैठक थी. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को हराने के लिए भाजपा ने सारे हथकंडे अपनाए थे. इसके बावजूद भी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में बड़ी जीत हासिल की. कई सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के इस्तीफे के बाद भी ममता बनर्जी की पार्टी ने राज्य में अपना परचम लहराया.

सीएम ममता ने ट्वीट कर कहा, ”हिंगलगंज और सागर में समीक्षा बैठक करने के बाद, मैं कलाईकुंडा में माननीय प्रधानमंत्री से मिली और उन्हें पश्चिम बंगाल में चक्रवात के बाद की स्थिति से अवगत कराया. उन्हें चक्रवात से हुए नुकसान के अवलोकन के लिए आपदा रिपोर्ट सौंपी गई है. मैं अब दीघा में राहत और बहाली कार्य की समीक्षा करने के लिए निकल रही हूं.”

 केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि तूफान और प्राकृतिक आपदा काल में भी मुख्यमंत्री का रवैया ‘बेहद निंदनीय’ था। 

चक्रवात तूफान को लेकर हुई समीक्षा बैठक में  मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं. इस बैठक में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी शामिल थे. सुवेंदु भाजपा में शामिल होने से पहले ममता बनर्जी के भरोसेमंद सहयोगी थे.

समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात यास से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. चक्रवात ने राज्य के दक्षिण और उत्तर 24 परगना, दीघा, पूर्वी मेदिनीपुर और नंदीग्राम जिलों में भारी तबाही मचाई है.

केंद्र का कहना है कि ‘प्रधानमंत्री तूफान राहत व बचाव कार्य की समीक्षा करना चाहते थे, पर राज्य सरकार की ओर से कोई उस बैठक में शामिल नहीं हुआ। मुख्यमंत्री और राज्य के मुख्य सचिव उस समय उसी भवन में थे जिसमें बैठक हो रही थी, लेकिन वहां जाना उन्होंने उचित नहीं समझा।’

ममता बनर्जी ने अपने राज्य में चक्रवात से ₹ 15,000 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया है – जिसमें तीन लाख घर और 134 तटबंध नष्ट हो गए हैं. वह पहले ही ₹ 1,000 करोड़ के बचाव पैकेज की घोषणा कर चुकी हैं, और अधिकारियों को उनके राहत प्रयासों में घर-घर जाने का आदेश दिया है. इस सप्ताह की शुरुआत में उन्होंने कहा कि चक्रवात के कारण 15 लाख से अधिक लोगों को उनके घरों से निकालना पड़ा.

राज्यपाल जगदीद धनकड़ ने बैठक की एक तसवीर ट्वीट की है। इस तसवीर में प्रधानमंत्री बीच की कुर्सी पर बैठे हैं, एक तरफ राज्यपाल धनकड़, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी व दूसरे लोग हैं। पर सामने की पंक्ति खाली है और उन कुर्सियों पर कोई नहीं है।  धनकड़ ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के अधिकारियों ने इस बैठक का बॉयकॉट किया। इस तरह का बॉयकॉट संविधान और संघवाद के ख़िलाफ़ है। उन्होंने लगभग धमकी के अंदाज में कहा कि इस तरह का बॉयकॉट ‘न तो जनहित में है और न ही राज्य की जनता की भलाई इससे होगी।’ 

राज्य सरकार का कहना है कि उसने पहले ही केंद्र सरकार को यह सूचित कर दिया था कि राहत कार्यों की समीक्षा के लिए एक बैठक तय है और इसलिए प्रधानमंत्री के साथ होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री मौजूद नहीं रहेंगी। राज्य सरकार का कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से कलाईकुंडा स्थित वायुसेना के बेस पर प्रधानमंत्री से मुलाकात की। उन्होंने कहा,

आप चाहते थे कि मैं आपसे मिलूं, इसलिए मैं यहाँ आई हूँ। मैं और मुख्य सचिव आपको एक रिपोर्ट सौंपना चाहते हैं। हमें दीघा में एक बैठक में भाग लेने जाना है, इसलिए हम आपकी इजाज़त चाहते हैं।

राज्यपाल जगदीप धनकड़ भले इस मुद्दे पर हायतौबा मचाए हुए हैं, इसे संघवाद से जोड़ कर देख रहे हैं और चेतावनी दे रहे हैं कि यह राज्य की जनता के हित में नहीं है, पर खुद प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में इन बातों का जिक्र नहीं किया है। 

राहत समीक्षा बैठक में विपक्ष के नेता को भी बुलाया जाता है- सीएम ने सवाल  दागा

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि ममता बनर्जी इसलिए नाराज़ हैं कि राहत समीक्षा बैठक में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को भी बुलाया गया था। शुभेंदु ममता के निकट के सहयोगी थे, उनकी सरकार में मंत्री थे। पर उन्होंने उनका साथ छोड़ा, बीजेपी में शामिल हुए और नंदीग्राम से ममता बनर्जी को हरा भी दिया। 

क्या प्रधानमंत्री के साथ होने वाली समीक्षा बैठक में विपक्ष के नेता को बुलाया जाता है? क्या इसके पहले ‘अंफान’ समीक्षा बैठक में विपक्ष के नेता को बुलाया गया था? क्या आज ही ओडिशा में विपक्ष के नेता को बुलाया गया था?

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