गरीब मजदूरों पर आफत,16 रौंदेेे, & Top National News 8 May 20

8 May 20# High Light# Himalayauk Bureau # शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से इंकार कर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों को होम डिलीवरी पर विचार करना चाहिए# पंजाब सरकार ने शराब की भी होम डिलीवरी (Liquor Home Delivery) कराने का फैसला करते हुए इसकी शुरुआत करा दी है # पंजाब सरकार को देखते हुए अब छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अपने राज्य में ऑनलाइन शराब की बिक्री शुरू कर दी है # सुप्रीम कोर्ट ने शराब की बिक्री पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया है।  : 16 प्रवासी मजदूरों को मालगाड़ी ने रौंद दिया # गरीबों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों को राहत पैकेज देराहुल गांधी ने सरकार को कुछ सलाह दी # पंजाब के आदमपुर में इंडियन एयरफोर्स का एक फाइटर प्लेन क्रैश :उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कॉलेज छात्रों को बड़ा झटका दिया है.  :

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शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों को होम डिलीवरी पर विचार करना चाहिए। पंजाब सरकार ने शराब की भी होम डिलीवरी (Liquor Home Delivery) कराने का फैसला करते हुए इसकी शुरुआत करा दी है।  

पंजाब सरकार को देखते हुए अब छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अपने राज्य में ऑनलाइन शराब की बिक्री शुरू कर दी है। पंजाब सरकार ने शराब की भी होम डिलीवरी (Liquor Home Delivery) कराने का फैसला करते हुए इसकी शुरुआत करा दी है। जी हां अब यहां घर बैठे आप शराब के लिए ऑर्डर कर सकते हैं। आप के बताये अनुसार ब्रांड और बोतल आपके घर पहुंच जाएगी। वहीं शराब की क्वाटीटी भी फिक्स कर दी गई है।  , पंजाब सरकार ने शराब की होम डिलीवरी (Whiskey Home Delivery) शुरू कर दी है। हालांकि इस बीच दुकाने भी खुली रहेंगी। अगर किसी को ठेके से शराब लेनी है तो वह यह भी कर सकता है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए। इसके साथ ही सरकार ने शराब और बीयर के ठेकों का समय बदल दिया गया है। यहां पर सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक सिर्फ 4 घंटे तक शराब के ठेके खुलेंगे। जिससे शराब के ठेकों पर लोगों की भीड़ कम की जा सकें। लोग ज्यादा से ज्यादा (Online Liquor Delivery) ऑनलाइन शराब की डिलीवरी घर ही लें। पंजाब सरकार को देखते हुए अब छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अपने राज्य में ऑनलाइन शराब की बिक्री शुरू कर दी है। सरकार ने इसके लिए बाकायदा एक पॉर्टल शुरू किया है।

यदि आप पंजाब या छत्तीसगढ में रहते हैं और आपका जिला रेड या ऑरेंज जोन में है, तो आप शराब की होम डिलीवरी नहीं ले सकेंगे। इसकी वजह सरकार द्वारा शराब की होम डिलीवरी सिर्फ ग्रीन जोन में देना है। हां आप अपने आस पास खुली शराब की दुकानों से सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए ले सकते हैं। इसके साथ ही शराब की होम डिलीवरी के लिए आप को शराब पर करीब 120 रुपये का अतिरिक्त डिलीवरी चार्ज देना होगा।

सरकार ने शराब की होम डिलीवरी के लिए (Liquor Quantity) शराब की मात्रा भी तय कर दी है। जी हां आप एक दिन में सिर्फ दो लीटर शराब ही होम डिलीवरी ले सकते हैं। यानि शराब की दो बोतल। इससे अधिक शराब की होम डिलीवरी नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही होम डिलीवरी के लिए अलग से चार्ज भी देना होगा।

# सुप्रीम कोर्ट ने शराब की बिक्री पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया है।  

सुप्रीम कोर्ट ने शराब की बिक्री पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया है।  शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों को होम डिलीवरी पर विचार करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्यों को ऑनलाइन बिक्री या होम डिलीवरी पर विचार करना चाहिए। कोर्ट का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट दखल नहीं देगा, उसे नीतिगत फैसला करना होगा। वहीं दूसरी तरफ देशभर में शराब की दुकानों पर लगने वाली भीड़ को कम करने के लिए एक्साइज विभाग भी काम में जुट गया है। कहा जा रहा है कि दिल्ली के अंदर 160 सरकारी शराब के ठेके खोले गए हैं। उन सभी पर ई कूपन योजना को शुरू किया जाएगा। इस कूपन योजना के सहारे एक-एक पर्ची के द्वारा समय तारीख निर्धारित होंगी और वह शख्स उस दुकान से जाकर शराब आसानी से खरीद सकता है।

ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया जा सके और दुकान के बाहर भी ज्यादा भीड़ ना लगे। दुकान पर जाने के समय का एक ई-कूपन शराब खरीदने के लिए अप्लाई करने वाले के मोबाइल पर भेज दिया जाएगा। https://www.qtoken.in के जरिए ई- कूपन के लिए अप्लाई किया जा सकता है। दिल्ली की 160 सरकारी दुकानों की लिस्ट इस वेब लिंक पर मिल जाएंगी। जहां पर शराब की जांच शराब बेची जा रही है। आप दुकान से लेकर एक कूपन जनरेट कर सकते हैं। जिसके बाद कम से कम एक दुकान पर 1 घंटे में करीब 50 लोगों को एक कूपन जारी किए जाएंगे और उन्हें लाइन में लगे बिना शराब दी जाएगी।

16 प्रवासी मजदूरों को मालगाड़ी ने रौंद दिया ; गरीब मजदूरों पर आई आफत

 महाराष्ट्र के औरंगाबाद से एक दिल को दहला देने वाली खबर सामने आयी है। औरंगाबाद में एक मालगाड़ी ने आज सुबह 5:15 बजे के करीब 16 प्रवासी मजदूरों को रौंद दिया। इस हादसे में सभी 16 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि 5 मजदूर घायल हो गए। बताया जा रहा है कि यह हादसा औरंगाबाद के जालना रेलवे लाइन के पास ये हादसा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सभी प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र से पैदल ही अपने घर छत्तीसगढ़ जा रहे थे। थकान अधिक होने के कारण ये सभी ट्रेन की पटरी पर आराम करने के लिए रूक गए थे। इसी दौरान यह सभी मालगाड़ी के चपेट में आ गए और इनकी इस हादसे में मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन और रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे गए हैं।

औरंगाबाद के एसपी मोक्षदा पाटिल ने बताया कि आज सुबह तड़के करीब 5:15 बजे दुर्भाग्यवश कुछ लोगों के ऊपर एक मालगाड़ी गुजर गई। जिसमें 16 मजदूरों की मौत हो गई। हम मामले को देख रहे हैं। आगे की जांच जारी है। जो आदमी बचा है उसने बताया है कि ये लोग जालना से निकले थे और भूसावल जाना चाहते थे, जहां से वो ट्रेन पकड़ना चाहते थे। ये पैदल जा रहे थे, पटरी पर वो आराम करने के लिए लेटे ​थे, उनको नींद आ गई और ये हादसा हो गया।

 महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बदनापुर-करमाड रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार सुबह जब एक मालगाड़ी गुजर रही थी, तब उसने 16 से अधिक मजदूरों को कुचल दिया. इस हादसे में 16 मजदूरों की तो मौत हो गई है, जबकि कुछ अन्य मजदूर घायल भी हुए हैं. भारतीय रेलवे की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, जिन मजदूरों की मौत हुई है, वो सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और महाराष्ट्र के जालना में एसआरजी कंपनी में कार्यरत थे. 5 मई को इन सभी मजदूरों ने जालना से अपना सफर शुरू किया, पहले ये सभी सड़क के रास्ते आ रहे थे लेकिन औरंगाबाद के पास आते हुए इन्होंने रेलवे ट्रैक के साथ चलना शुरू किया.

करीब 36 किमी. तक पैदल चलने के बाद जब सभी मजदूर थक गए थे, तो ट्रैक के पास ही आराम के लिए लेट गए और वहां ही सो गए. इनमें से 16 लोग ट्रैक पर सोए, 2 बराबर में और बाकी तीन कुछ दूरी पर सोए. इन्हीं में से 16 की मौत हो गई है, बाकी जो घायल हैं उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है. 24 मार्च को जब लॉकडाउन का ऐलान हुआ तो लाखों की संख्या में मजदूर फंस गए थे, उसके बाद कई मजदूर पैदल ही सैकड़ों किमी. चलकर अपने घर के लिए रवाना हुए. बीते दिनों राज्य और केंद्र की ओर से बस-ट्रेन की व्यवस्था की गई है, लेकिन मजदूरों की संख्या इतनी ज्यादा है कि नंबर आने में ही लंबा वक्त लग रहा है. इस हादसे के बाद अब रेल मंत्रालय की ओर से जांच के आदेश दिए गए हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है, साथ ही घायलों के इलाज पर नज़र रखी जा रही है.

देश के कई हिस्सों से इन दिनों ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां पैदल ही घर जा रहे मजदूरों के साथ कोई हादसा हुआ है या फिर उन्होंने भूख-प्यास की वजह से दम तोड़ दिया है. एक ओर कोरोना का कहर और दूसरी ओर इस तरह गरीब मजदूरों पर आई आफत से हर कोई चिंतित है.

तस्वीर में आप हादसे के बाद बिखरी मददूरों की रोटियां देख सकते हैं.

कोरोना संकट के बीच आज सुबह एक दर्दनाक खबर आई है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन की चपेट में आने से 16 मजदूरों की मौत हो गई है. ये सभी मजदूर रेलवे ट्रैक के रास्ते जा रहे थे और मालगाड़ी की चपेट में आ गए. सुबह करीब सवा पांच बजे ये हादसा हुआ. ये सभी मजदूर महाराष्ट्र के जालना में एक फैक्ट्री में काम करते थे और मध्यप्रदेश अपने घर जा रहे थे. इस तस्वीर में आप हादसे के बाद बिखरी मददूरों की रोटियां देख सकते हैं.

 बताया जा रहा है कि मजदूर रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे. जालना से आ रही मालगाड़ी पटरियों पर सो रहे इन मजदूरों पर चढ़ गई. खबरों के मुताबिक जालना की फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर जालना से भूसावल जा रहे थे. मजदूरों को उम्मीद थी कि वहां से छतीसगढ़ जा पाएंगे.

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने प्रवासी मजदूरों की इस मौत को लेकर तीखे शब्‍दों में प्रतिक्रिया जताई है. उन्‍होंने इस मसले पर एक ट्वीट करके लिखा-जीवन और मृत्‍यु, दोनों ही में प्रवासी मजदूर केवल आंकड़ों में सिमटकर रह गए हैं. कुछ अपवादों को छोड़ दें तो इन्‍होंने तो कोई गलती नहीं की है लेकिन केंद्र और राज्‍य सरकार, दोनों ने ही इन्‍हें इनकी नियति और समाज की दया पर छोड़ दिया है.”

पूरे देश में अभी भी लाखों की संख्या में प्रवासी बिहारी फंसे हुए हुए हैं वहीं बिहार में महीनों पूर्व आए श्रमिक भी वापस जाने लगे हैं. गुरुवार को एक विशेष ट्रेन से 222 मज़दूर बिहार से तेलंगाना वापस गए. इन मजदूरों के बिहार से लौटने को लेकर राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) ने रिएक्‍शन देते हुए इस मामले में बिहार के सीएम नीतीश कुमार से सवाल पूछा है. आरजेडी नेता तेजस्‍वी प्रसाद ने नीतीश से पूछा कि क्‍या यह मामला आपके संज्ञान में है.

गरीबों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों को राहत पैकेज देराहुल गांधी ने सरकार को कुछ सलाह दी

नई दिल्ली: कोरोना संकट काल में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार को कुछ सलाह दी है. राहुल ने कहा है कि सरकार को चाहिए कि वो गरीबों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों को राहत पैकेज दे. कांग्रेस नेता ने 50 फीसदी गरीबों को सीधे 7500 रूपए दिए जाने की मांग की है. राहुल गांधी ने मजदूरों की घर वापसी पर भी बात की. उन्होंने कहा कि अपने घर जा रहे मजदूरों की मदद के लिए सरकार आगे आए ताकि उन्हें परेशानी न हो.

राहुल गांधी ने कहा कि ”जो लोग इस लॉकडाउन की वजह से जूझ रहे हैं उनकी मदद किए​ बिना हम लॉकडाउन को जारी नहीं रख सकते. मैं सरकार से अनुरोध करूंगा कि वो राज्य सरकारों को, जिलाधिकारी को अपने पार्टनर के तौर पर देखें और फैसले लेने को केंद्रीकृत न करें.” उन्होंने कहा कि ”जिस हालात में हम अब हैं उससे हमें आगे निकलना है. लॉकडाउन हुआ ठीक है अब खोलने के लिए स्ट्रेटजी की जरूरत है, उसमें कांग्रेस पार्टी सहयोग करने को तैयार है.”

कांग्रेस नेता ने कहा, ”अगर सरकार लॉकडाउन खोलना चाहती है, तो उसे लोगों के मन में बैठे बीमारी के डर को भरोसे में बदलना होगा. सरकार को कोरोना संकट से निपटने में अपनी गतिविधियों में पारदर्शिता बरतने की जरूरत है.” राहुल ने कहा कि ”हम एक आपात स्थिति में हैं और गरीबों के हाथ में सीधे 7500 रूपये देने का विचार महत्वपूर्ण है.”

राहुल ने कहा कि ”जो ज़ोन बने हैं रेड, ग्रीन, ऑरेंज ये राष्ट्रीय स्तर पर बने हैं. ये ज़ोन राज्य स्तर पर बनने चाहिए. हमारे राज्य के CM हमें कह रहे हैं कि जो राष्ट्रीय स्तर पर रेड ज़ोन हैं वो असल में ग्रीन ज़ोन हैं. जो ज़ोन बन रहे हैं वो DM और CM के आधार पर बनने चाहिए, उनके जानकारी पास है.”

पंजाब के आदमपुर में इंडियन एयरफोर्स का एक फाइटर प्लेन क्रैश 

नई दिल्लीः पंजाब के आदमपुर में भारतीय वायुसेना का एक फाइटर प्लेन क्रैश हो गया है. हादसे में फाइटर प्लेन का पायलट सुरक्षित है. फाइटर प्लेन ने जालंधर एयर बेस से उड़ान भरी थी. ये प्लेन जहां क्रैश हुआ वहां खाली खेत था और खबरों के मुताबिक इस वजह से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. हालांकि लड़ाकू विमान में क्रैश के बाद आग लग गई और धुएं की लपटें देखी जा रही थी. भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के मुताबिक एक मिग-29 लड़ाकू विमान पंजाब के होशियारपुर जिले के पास क्रैश हो गया. पायलट ने कूदकर अपनी जान बचाई.

भारतीय वायुसेना ने जानकारी दी है कि इस मिग-29 एयरक्राफ्ट ने जालंधर के एयरबेस से उड़ान भरी थी ये एक ट्रेनिंग मिशन पर था. एयरक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गई और पायलट विमान को नियंत्रित नहीं कर पा रहा था लिहाजा उसने खुद को विमान से बाहर निकाल लिया. इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. फाइटर प्लेन ने जालंधर के जिस एयरबेस से उड़ान शुरू की थी वहां मिग-29 सहित अन्य लड़ाकू विमान भी होते हैं और इनकी उड़ानें वहां से भरी जाती हैं. जो फाइटर प्लेन क्रैश हुआ वो मिग-29 विमान था.

घटना की जानकारी मिलने के बाद आसपास के लोग भारी संख्या में दुर्घटनास्थल पर एकत्रित हो गए और अभी इस हादसे की बहुत ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है. स्पेशलिस्ट की टीम के पहुंचने के बाद सारी स्थिति की विस्तार से जानकारी मिल पाएगी. खेत में फाइटर प्लेन के गिरने के बाद आग लग गई और इसके धुएं की लपटें दूर तक देखी जा सकती थीं. इस घटना के बाद इलाके में हलचल मच गई.

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कॉलेज छात्रों को बड़ा झटका दिया है. 

नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) और लॉकडाउन (Lockdown) के चलते उद्योगों को भारी नुकसान हो रहा है. कंपनियां अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती कर रही हैं. लाखों लोगों को नौकरी भी गंवानी पड़ी है. केंद्र और राज्य सरकारें प्राइवेट स्कूलों से बच्चों की फीस न बढ़ाने की अपील कर चुकी हैं. लेकिन इस बीच देश के उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कॉलेज छात्रों को बड़ा झटका दिया है. 

दरअसल, प्राइवेट कालेजों में छात्रों को फीस देने में छूट दिलाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है. कोर्ट शुक्रवार को कहा कि अगर फीस नहीं मिलेगी को कालेज कैसे चलेगें. वो अपने स्टाफ को वेतन कहां से देगें. 

इसपर याचिकाकर्ता ने कहा कि छात्रों और कालेज प्रशासन के बीच कुछ बैलेंस ही करवा दीजिए. सुप्रीम कोर्ट ने इससे भी इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि संबंधित यूनिवर्सिटी से खुद बात करें. 

दरअसल लॉकडाउन के दौरान कई छात्रों के अभिभावकों की नौकरियां चली गई हैं. ऐसे में अभिभावक प्राइवेट कॉलेजों में पढ़ रहे अपने बच्चों की मोटी फीस भरने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फीस में छूट की मांग की गई थी जिससे कोर्ट ने इनकार कर दिया है. 

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