उत्तराखण्ड में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए 150 करोड़ रूपये के निवेश & # मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के लिए 01 हजार करोड़ रूपये की स्वीकृति मांगी & Top News 18 January 2024

#उत्तराखण्ड सदन में हुआ पुलिस बैरकों का उद्घाटन#स्कूली छात्र-छात्राओं को प्रदेश के विज्ञान केन्द्रों के दौरे कराए जाएं # गंगा के किनारे बसे क्षेत्रों में प्राकृतिक और जैविक खेती पर अधिक से अधिक फोकस##Logon www.himalayauk.org (Leading Newsportal & Daily Newspaper & youtube Channel) चन्‍द्रशेखर जोशी मो0 9412932030#

HIGH LIGHT # मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से की शिष्टाचार भेंट # मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के लिए 01 हजार करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान करने का किया अनुरोध #  राज्य को केन्द्रीय पूल के कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आवंटित किये जाने का भी किया अनुरोध #  मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड को वेडिंग डेस्टिनेशन बताये जाने के प्रति किया आभार व्यक्त #  प्रधानमंत्री की वेडिंग उत्तराखण्ड डेस्टिनेशन की अपील के बाद उत्तराखण्ड में  अधिक संख्या में हो रही है शादियों की बुकिंग #  उत्तराखण्ड में वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित किये जाने के लिए 150 करोड़ रूपये के निवेश हुये प्राप्त # मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार की गई सामग्री की भेंट #  प्रधानमंत्री ने राज्य की महिलाओं के परिश्रम की सराहना की तथा किया आभार व्यक्त #  राज्य में विभिन्न योजनाओं के तहत किये जा रहे कार्यों की प्रगति की दी जानकारी

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से  शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बागेश्वर में बने ताम्र शिल्प पर आधारित उत्पाद तथा उत्तराखण्ड की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार की गई सामग्री भेंट की। प्रधानमंत्री ने राज्य की महिलाओं के परिश्रम की सराहना की तथा उनका  आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड को वेडिंग डेस्टिनेशन बताये जाने के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री की अपील के बाद उत्तराखण्ड में शादियों के लिये देश विदेश से बडी संख्या में लोगों द्वारा बुकिंग की जा रही है, इससे राज्य के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उत्तराखण्ड में वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित किये जाने के लिए 150 करोड़ रूपये के निवेश भी प्राप्त हुये हैं। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से कर्णप्रयाग-ग्वालदम मार्ग में सीमा सड़क संगठन द्वारा  किये जा रहे कार्यों में तेजी लाने, पर्यटन और सैन्य आवगमन तथा आम जनमानस के लिए अत्यन्त उपयोगी 189 कि0 काठगोदाम-भीमताल, ध्यानाचुली-मोरनोला-खेतीखान- लोहाघाट-पंचेश्चर मोटर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित करने एवं  मानसखण्ड मन्दिर माला परियोजना के अन्तर्गत मानसखण्ड मन्दिरों को जोड़ने वाले 20 मार्गों हेतु 01 हजार करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों एवं पर्यटकों को मानसखण्ड मन्दिर माला के दर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गढ़वाल तथा कुमायूं को जोड़ने वाले मार्गों का उच्चीकरण किया जाना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के अन्तर्गत चिन्हित 48 पौराणिक मन्दिरों में से 16 मन्दिरों में अवस्थापना विकास के कार्य शुरू हो चुके हैं। जागेश्वर धाम हेतु 150 करोड़ रूपये का मास्टर प्लान बनाया गया है। मानसखण्ड मन्दिरों के प्रचार-प्रसार हेतु ‘भारत गौरव मानसखण्ड एक्सप्रेस’’ ट्रेन देश के विभिन्न स्थानों से उत्तराखण्ड के काठगोदाम, टनकपुर रेलवे स्टेशनों के लिये संचालित किये जाने का अनुरोध किया।  मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अन्तर्गत कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पूर्णागिरी धाम को विकसित करने के लिये शारदा कॉरिडोर के विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मानसखण्ड माला मिशन के अन्तर्गत कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम के विकास हेतु मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। पिथौरागढ़ स्थित सीमान्त गांव गुंजी (आदि कैलाश क्षेत्र) को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किये जाने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। गुंजी को’’शिव नगरी’’थीम के आधार पर विकसित किये जाने हेतु छः घटक  कला संस्कृति, कौशल, ज्ञान, ध्यान, विज्ञान तथा विश्राम, में विभाजित किया गया है। प्रथम चरण में स्वदेश दर्शन योजना-2.0 के अन्तर्गत गुंजी में साधना केन्द्र, ईको ट्रेल, संसाधन केन्द्र, हेरिटेज ग्राम विकसित करना और साहसिक गतिविधियां प्रस्तावित हैं। राज्य सरकार द्वारा गुंजी तथा आदि कैलाश एवं ओम पर्वत के लिये हेली सेवाएं उपलब्ध कराये जाने हेतु सर्वे कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी-विश्वनाथ की तर्ज पर हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर विकसित करने का कार्य नव गठित उत्तराखण्ड निवेश एवं आधारिक संरचना बोर्ड (यू.आई.आई.डी.बी) द्वारा किया जायेगा। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु पी0पी0पी0 मोड में सात हेलीपोर्ट तैयार करने का प्रस्ताव है जिसमें से दो हेलीपोर्ट हेतु भूमि चिन्हित कर ली गयी है। प्रारम्भिक चरण में हरिद्वार एवं देहरादून में हेलीपोर्ट तैयार किये जाने प्रस्तावित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग के लिए अम्ब्रेला ब्रांड के रूप में हाउस ऑफ हिमालयाज का प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पण किया गया। लोकार्पण के बाद राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों द्वारा हाउस ऑफ हिमालयाज से जुडने के लिए उत्साह दिखाया गया है। प्रथम चरण में मिलेटस, राजमा, पर्वतीय दालें, लाल चावल, हल्द्वी, पहाड़ी नमक, शहद, एरोमेटिक एण्ड हर्बल टी, नैनीताल मोमबत्ती, ऐपण, पिछौड़ा को शार्टलिस्ट किया गया है। राज्य के सभी जी0आई0 उत्पादों को हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रान्ड में विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के त्वरित विकास के रोडमैप में आगामी पाँच वर्षों में राज्य की जी०एस०डी०पी० को दोगुना किया जाना लक्ष्यान्वित किया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त किये जाने हेतु राज्य के आधारभूत ढाँचे में व्यापक वृद्धि प्रस्तावित की गयी है जिससे राज्य में औद्योगिकीकरण, सेवा क्षेत्र जिसमें पर्यटन से जुड़ा आधारभूत ढाँचा मुख्य है, कृषि एवं वानिकी तथा शिक्षा आदि क्षेत्रों में मुख्य रूप से निवेश आकर्षित किया जाना प्रस्तावित है, जिस कारण निकट भविष्य में विद्युत की मांग में तेज वृद्धि आशान्वित है। राज्य में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में पर्यावरणीय कारणों से हो रहे विलम्ब के फलस्वरूप, राज्य में विद्युत की मांग के सापेक्ष विद्युत/ उपलब्धता में अन्तर लगातार बढ़ता जा रहा है जिसका अन्तर उपरोक्त कारणों से भविष्य में और अधिक हो जायेंगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य को केन्द्रीय पूल के कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत स्थायी रूप से आवंटित किये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ क्षेत्र की धौलीगंगा तथा गौरी गंगा क्षेत्र में बहने वाली नदियां राज्य के अन्तर्गत बहने वाली गंगा एवं उसकी सहायक नदियों से इतर हैं। उक्त क्षेत्र की जल विद्युत परियोजनाओं बौकांग बेलिंग (330 मेगावाट) एवं सेलाउर्थिग (202 मेगावाट) की स्वीकृतियां प्रदान किये जाने का भी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी अवगत कराया कि उत्तराखण्ड राज्य में जून 2013 में आयी आपदा के पश्चात मा० सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 13.08.2013 को पारित ओदश एवं जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा दिये गये निर्णय के कारण गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में प्रस्तावित 44 जल विद्युत परियोजनाओं कुल क्षमता लगभग 4800 मे0वा0 का विकास एवं निर्माण स्थगित है। राज्य की विद्युत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उत्तराखण्ड को खुले बाजार से प्रतिवर्ष लगभग 1000 करोड़ की ऊर्जा क्रय करनी पडती है, जो कि पर्वतीय राज्य के वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ डालता है। अतः राज्य की बढती जरूरतों को पूरा करने के लिये तत्काल चरणबद्ध रूप से अन्य नदी घाटियों में प्रस्तावित परियोजनाओं के निर्माण हेतु सकारात्मक कार्यवाही करना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखण्ड राज्य में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर स्थित परियोजनाओं के त्वरित विकास एवं निर्माण के अनुमति प्रदान किये जाने हेतु जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार को यथोचित निर्देश देने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि राज्य में हो रहे शहरीकरण के दृष्टिगत ‘‘चार नई टाउनशिप’’ विकसित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें दो पर्वतीय क्षेत्रों में और दो मैदानी क्षेत्रों में बनाने की योजना है। राज्य की आयुष नीति-2023 के अन्तर्गत विभिन्न सेक्टरों के निवेश पर टॉप-अप के रूप में 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत की सब्सिडी अतिरिक्त रूप से प्रदान की जा रही है। राज्य पर्यटन नीति, 2023 के माध्यम से वेलनेस रिसोर्ट/आयुर्वेद/योग/नेचुरोपैथी रिसोर्ट को 50 प्रतिशत तक की पूंजीगत सहायता तथा श्रेणी बी और श्रेणी सी क्षेत्रों में स्थापित होने वाले वेलनेस केन्द्र/आयुर्वेद/योग/नेचुरोपैथी रिसोर्ट को 5 प्रतिशत की अतिरिक्त पूंजीगत सहायता प्रदान की जा रही है। ‘‘उत्तराखण्ड स्टेट मिलेट मिशन’’ वर्ष 2023-24 से वर्ष 2027-28 (05 वर्षों) के लिए लागू किया गया है। ‘‘राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना’’ के तहत प्रदेश में सहकारी संस्थाओं के माध्यम से संयुक्त सहकारी खेती, साईलेज, पोल्ट्री वैली, गोट वैली, दुग्ध उत्पादन, ट्राउट फार्मिंग, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी उत्पादन इत्यादि पर सफलतापूर्वक कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के निर्देशन में उत्तराखण्ड राज्य ईज ऑफ डुईंग बिजनेस, निवेश प्रोत्साहन तथा स्टार्ट अप क्षेत्र में निरंतर विकास कर रहा है और भारत सरकार द्वारा निर्गत की जाने वाली रैंकिंग में लगातार उत्तम श्रेणी प्राप्त कर रहा है। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय कार्यक्रम के अन्तर्गत एक पंचकोणीय औद्योगिक/व्यवसायिक गलियारे की स्थापना की जा रही है। जिसका उद्देश्य भारत वर्ष में औद्योगिक विनिर्माण एवं सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) की क्षमता को बढ़ाते हुए देश में त्वरित व समावेशी विकास और लाभकारी रोजगार प्राप्त करना है। जिसके कम मे भारत सरकार व राज्य सरकार उत्तराखण्ड के संयुक्त प्रयासों से 1002 एकड़ भूमि पर एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर खुरपिया आई.एम.सी. खुरपिया का निर्माण 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के अन्तर्गत किया जा रहा है। उक्त परियोजना लगभग रू0 1100 करोड़ की लागत से की जा रही है, जिसमें राज्य द्वारा उपलब्ध करायी गयी भूमि का मूल्य रू0 410 करोड़ है। उत्तराखण्ड राज्य में उक्त परियोजना के माध्यम से लगभग ₹15000 करोड़ का निवेश आने की प्रबल समभावनाएँ है और साथ ही लगभग 50000 युवाओं को प्रत्यक्ष रुप से रोजगार प्राप्त होने की भी सम्भावनाएँ है। उत्तराखण्ड राज्य में स्थापित किये जा रहे आई.एम.सी. खुरपिया जिला उधमसिंह नगर की परियोजना का अनुमोदन देने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी अवगत कराया कि इन्वेस्टर समिट में हुए करारों को ग्राउंड करने के लिए राज्य की ओर से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। एम०ओ०यू० की मॉनिटरिंग के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है। राज्य में तीन फूड पार्क के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। देहरादून में आईटी पार्क 2 स्थापित किया जा रहा है। एयरपोर्ट के नजदीक आई.टी. टावर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। उद्योगों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए सिडकुल द्वारा काशीपुर, सितारगंज, रुद्रपुर, हरिद्वार तथा देहरादून में नए औद्योगिक आस्थान विकसित किये जा रहे हैं। देहरादून में छरबा को एजुकेशन सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है जबकि ऊधमसिंह नगर जनपद में नॉलेज पार्क विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता से जुड़े सदस्यों की आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में उनके परिवारजनों को सामाजिक सुरक्षा जैसे सेवाओं का लाभ पहुँचाने के दृष्टिगत् “सहकारी किसान समृद्धि कार्ड योजना’ प्रारम्भ की जाएगी, जिसके अन्तर्गत वितरित होने वाले कार्ड का नाम “नमो सहकारी कवच कार्ड“ किया जाना प्रस्तावित है।

उत्तराखण्ड सदन में हुआ पुलिस बैरकों का उद्घाटन

देहरादून 18 जनवरी, 2024 गुरूवार को नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन के भूतल में माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के दिशानिर्देशानुसार उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने पुलिस बैरक का उद्घाटन किया।

उत्तराखण्ड सदन में पुलिसकर्मियों की सुविधा हेतु नवीनीकृत बैरक बनाए गए हैं। बैरक में तमाम आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं जिसमें पुलिसकर्मी ड्यूटी के बाद आराम कर पाएंगे। इन आधुनिक सुविधाजनक बैरक में ठहरने वाले पुलिसकर्मियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी जिससे वे तनाव मुक्त रहेंगे। बैरक में रहने वाले पुलिसकर्मियों के लिए तमाम आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। नवीनीकृत बैरक में कुल 4 कक्ष बनाए गए हैं।

उद्घाटन के दौरान उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने पुलिसकर्मियों को भविष्य में हरसम्भव सहायता उपलब्ध करवाने का भी आश्वासन दिया। इस दौरान उत्तराखण्ड सदन के मुख्य सुरक्षा अधिकारी श्री मनोज रावत सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

स्कूली छात्र-छात्राओं को प्रदेश के विज्ञान केन्द्रों के दौरे कराए जाएं

देहरादून 18 जनवरी, 2024

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) की सामान्य निकाय की तृतीय बैठक आयोजित हुयी। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में विज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए यूकॉस्ट को महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि विज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए हमें स्कूल-कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के लिए लगातार ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने होंगे जो उनके अन्दर विज्ञान और नवाचार की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकें।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में वार्षिक विज्ञान प्रतियोगिता आयोजित की जाए। जिसमें प्रदेश के किसी भी आयुवर्ग के बच्चों को प्रतिभाग करने का अवसर दिया जाए। बड़ी संख्या में पुरस्कृत और सम्मानित किया जाए। इससे बच्चों में विज्ञान और नवाचार के प्रति रूझान उत्पन्न होगा। उन्होंने कहा कि स्कूली छात्र-छात्राओं को प्रदेश के विज्ञान केन्द्रों के दौरे कराए जाएं। दूरस्थ क्षेत्रों के लिए मोबाईल वैन के माध्यम से ऐसी लैब उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने रूरल साईंस कांग्रेस जैसी गतिविधियों को जनपद स्तर पर आयोजित किया जाए, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों के लोग इसका लाभ ले सकें।

मुख्य सचिव ने आधुनिक तकनीक के उपयोग और कन्टेंट क्रिएटर आदि लोगों के सहयोग से ऐसे ज्ञान-विज्ञान से जुड़े वीडियो यू-ट्यूब के माध्यम से स्कूलों और छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराए जा सकते हैं, जिससे बच्चे मुश्किल चीजें आसानी से समझ सकें। उन्होंने कहा कि राज्य कुल बजट के मुकाबले एक मामूली से धनराशि से ये सब कार्य किए जा सकते हैं, और यह हमारे बच्चों की जिन्दगी को बदल सकता है।

महानिदेशक यूकॉस्ट डॉ. दुर्गेश पंत ने बताया कि अपर सचिव आई.टी. श्री आशीष श्रीवास्तव, निदेशक आईटीडीए श्री विनीत कुमार, इसरो हैदराबाद से डॉ. राम मोहन राव एवं कुलपति दून विश्वविद्यालय श्रीमती सुरेखा डंगवाल सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।

 गंगा के किनारे बसे क्षेत्रों में प्राकृतिक और जैविक खेती पर अधिक से अधिक फोकस

देहरादून 18 जनवरी, 2024 Himalaya UK News (Newsportal & youtube Channel & Print Media)

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को राज्य गंगा समिति की बैठक आयोजित हुयी। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गंगा समितियों में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बनाए जाने वाले स्थानीय सामुदायिक समूहों ऐसे लोगों को जोड़ा जाए जो इस कार्य में दिल से रूचि लेते हैं। उन्होंने कहा कि जिला गंगा समितियों की बैठकें निर्धारित समयसीमा में अवश्य करा ली जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि सोशल ऑडिट और थर्ड पार्टी से योजनाओं का मूल्यांकन के लिए मैकेनिज्म तैयार करें। उन्होंने प्रदेश में गंगा के किनारे बसे क्षेत्रों में प्राकृतिक और जैविक खेती पर अधिक से अधिक फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि एसटीपी से उपचारित जल को खेती के लिए पुनः प्रयोग किया जाए, विशेषकर मैदानी क्षेत्रों में योजनाओं को इस प्रकार से डिजाईन किया जाए कि उपचारित जल को पुनः प्रयोग हो सके। उन्होंने कहा कि योजना के तहत् आजीविका सृजन कार्यक्रम को ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित हाऊस ऑफ हिमालयाज से जोड़ा जाए, इससे योजना को बढ़ाने में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि कला, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में स्कूल, कॉलेज और स्थानीय लोगों को अनिवार्य रूप से जोड़ा जाए।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं को साझा करने के साथ ही सुझाव भी मांगे। कहा कि किसी भी योजना में फंडिंग की समस्या आ रही है तो मिसिंग लिंक में प्रस्ताव भेजे जाएं। एक हफ्तें में फंडिंग की जाएगी। योजनाओं की प्रत्येक स्तर की टाईमलाईन निर्धारित की जाए। उन्होंने वन विभाग को वन क्षेत्र में सड़कों के किनारे जमा होने वाले कचरे को साफ करने के लिए लगातार अभियान चलाकर साफ किए जाने के भी निर्देश दिए।

परियोजना निदेशक नमामि गंगे श्री रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि नमामि गंगे के तहत् प्रदेश में निर्मल गंगा, अविरल गंगा, जन गंगा, ज्ञान गंगा और अर्थ गंगा के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत् 62 एसटीपी तैयार किए जाने हैं, जिसमें से 42 पूर्ण हो गए हैं, और 20 पर कार्य गतिमान है। गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे स्थित ग्राम सभाओं के ग्राम प्रधानों को जिला गंगा समिति द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। योजना में आईईसी गतिविधियों के तहत् गंगा को पुनर्जीवन से सम्बन्धित कार्यकलापों का लगातार प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

इस अवसर पर वन विभाग से प्रोजेक्ट निदेशक नमामि गंगे श्री मनोज चंद्रन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

चंद्रशेखर जोशी -राष्टीय संयोजक- पत्रकार प्रेरित पर्या0 अभियान —

पंचगव्य गुरुकुल विश्व विद्यालय, काँची पुरम के उप कुलपति डॉ0 कमल टॉवरी IAS द्वारा नियुक्त
&

# संपादक: उत्तराखंड शासन से राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त &

 #अध्यक्ष उत्तराखण्ड: IFSMN भारत के लघु  तथा मध्यम समाचार पत्रो का महासंघ, Delhi

# संस्थापक अध्यक्ष: 
मां पीतांबरा- श्री बगुलामुखी शक्ति पीठ मंदिर, नन्दा देवी एंक्लैव राणा कॉलोनी,
कुंज विहार बंजारा वाला, देहरादून

#–l—-पूर्व जिम्मेदारी
वर्तमान से कम नही——-

प्रदेश कार्यालय: नन्दा देवी एंक्लैव, बंजारा वाला, देहरादून, Mob 9412932030

Yr. Contribution: Ac
Name: Himalaya Gaurav Uttrakhand Bank : State Bank of India, CA;
30023706551  ifs code; SBIN0003137 Mob. 9412932030

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