पूर्व जन्म के पुण्यों की वजह से राजयोग मिला- देश के प्रसिद्व ज्‍योतिषविद ने पूर्व और वर्तमान सीएम की जन्म कुंडली पर दृष्टि डाली

उत्तराखंड राज्य के मुख्‍यमंत्री श्री टीआरएस और पूर्व मुख्‍यमंत्री हरीश रावत की जन्म कुंडली पर प्रसिद्व ज्‍योतिषविद श्रीमान सुरेश शिवहरे ने दृष्टि डाली और कुछ उनके बारे में भविष्‍यवाणी की, और हिमालयायूके न्‍यूजपोर्टल को विशेष रूप से प्रेेषित की, यह कितनी सटीक उतरती हैै, इसका विश्‍लेषण तो आमजन ही कर सकेगा, पर हमने केवल प्रस्‍तुत की है, अपनी ओर से इसमें कुछ भी नही जोडा गया है- चन्‍द्रशेखर जोशी सम्‍पादक  

8 नवम्बर 2008 को उत्तरप्रदेश से अलग हो कर नया राज्य बनने के बाद से उत्तराखंड में कोई भी मुख्यमंत्री चुनाव जीत कर सत्ता में वापसी नहीं कर सका है l 71 सीटों वाली इस विधानसभा में चुनावों के दौरान मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के मध्य होता रहा है l देखना दिलचस्प होगा की पिछले साल अपनी पार्टी कांग्रेस में हुई बगावत से लड़कर मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने वाले हरीश रावत क्या चुनावों की वैतरणी को पर कर पुनः सत्ता का सुख हासिल कर पाएंगे ? उत्तराखंड राज्य और हरीश रावत की जन्म कुंडली पर दृष्टि डालें तो बेहद दिलचस्प स्थिति बनती हुई दिख रही है। 

जो कुण्‍डली हरीश जी की है उसके अनुसार येएक प्रबल राजयोग की कुण्‍डली है, बेहद कूटनीतिज्ञ और जादूगर, कब कौन सी चाल चल दे , कोई भांप भी न पाये- ज्‍योतिषविद श्री सुरेश चन्‍द्र जी लिखते हैं कि  27 अप्रैल 1947 को सुबह 12 बजकर 30 मिनट पर अल्मोड़ा जिले में जन्मे हरीश रावत की कुंडली कर्क लग्न और कर्क राशि की है l चुनावों के समय वह चंद्र-राहु-चंद्र की विमशोत्तरी दशा में चल रहे होंगें l चंद्रमा उनकी कुंडली में लग्न में शनि के साथ बैठा हुआ है,

त्रिवेंद्र सिंह रॉवत ; त्रिवेन्द्र सिंह रावत :- बाहुबली, पुरूषार्थी और भाग्यवान है, गूढ़ विद्याओं का ज्ञान। दिमाग में योजनायें, बहुत ही पेचेदगी पूर्ण बातें, ज्योतिष, वैद्यक और कानून से लगाव। वाक सिद्धी, शिक्षा शास्त्री, सरकारी कार्यों में कार्य कुशल साथ में परिवार भी शिक्षित। बातचीत में प्रचुरता। अलौकिक ज्ञान।

उत्तराखंड राज्य की कुंडली कर्क लग्न और मीन राशि की है l कर्क लग्न की इस कुंडली में इस समय बुध में राहु की विमशोत्तरी दशा चल रही है l बुध चतुर्थ भाव में नीच के सूर्य के साथ बैठे हुए हैं और राहु द्वादश भाव में सिथत हैं l राज्य की कुंडली में 12 वें भाव से सम्बंधित दशा का चलना  कठिन समय की ओर इशारा है l

उत्तराखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत की कुंडली भी कर्क लग्न की है l प्रायः यह देखा गया है के किसी राज्य/राष्ट्र की स्थापना कुंडली का लग्न या चंद्र किसी नेता की कुंडली से मेल रखता हो तो वह नेता उस राज्य की जनता का भरपूर समर्थन पाने में सफल होता हैl

27 अप्रैल 1947 को सुबह 12 बजकर 30 मिनट पर अल्मोड़ा जिले में जन्मे हरीश रावत की कुंडली कर्क लग्न और कर्क राशि की है l चुनावों के समय वह चंद्र-राहु-चंद्र की विमशोत्तरी दशा में चल रहे होंगें l चंद्रमा उनकी कुंडली में लग्न में शनि के साथ बैठा हुआ है, जिस पर नवमेश गुरु की शुभ दृष्टि उनको एक साफ छवि का जननेता होना बताती है l

अंतरदशा नाथ राहु लाभ भाव में गुरु से दृष्टि प्राप्त कर एक मजबूत स्थिति में हैं l दशमांश कुंडली में भी चंद्रमा और राहु लग्न-सप्तम के अक्ष पर हो कर राज्य का लाभ मिलने का ज्योतिषीय योग बना रहे हैं l साथ ही शनि और गुरु का अनुकूल गोचर भी इनके लिए शुभ संकेत है l इसलिए ज्योतिष शास्त्र के दृष्टिकोण से हरीश रावत के फिर से मुख्यमंत्री बन सत्ता पाने के प्रबल योग बन रहे हैं l

हरीश रावत की जन्म कुंडली पर प्रसिद्व ज्‍योतिषविद श्रीमान सुरेश शिवहरे ने दृष्टि डाली और कुछ उनके बारे में भविष्‍यवाणी की, ; उच्च पद प्राप्त हो, नेत्रत्व करने का अवसर मिले। प्रभाव शाली व्यक्तित्व, उच्च कर्म, उच्च मान सम्मान प्राप्त हो। माता से विचार न मिले। गौरवर्ण सुंदर सुडोल शरीर, प्रसन्न चित, हाजिर जवाब, द्रढ आत्मा, उच्च मनोबल, स्वाभिमानी और तत्व ज्ञानी, क्रोध रहित राजीनामा प्रिय, स्वच्छन्द, कवि, ज्योतिष ज्ञान, यश प्राप्त , सज्जन व्‍यक्‍ति, पत्नी के प्रति नीरसता राजनीति में भाग्य विशेष और बार बार उन्नति। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रशंसा प्राप्त हो।  दूर दर्शी और पराक्रमी पूर्व जन्म क्रत उत्तम कर्मों का फल मिल रहा है   धर्म के प्रति विश्वास में कमी, दिखावटी धर्म का पालन।  तीन पुत्र और दो पुत्रियों का योग। ज्योतिष प्रेमी , कानून और औषधियों का ज्ञान, बडप्पन, तत्व खोजी, दूरदर्शिता  पर संतान से कुछ वैचारिक मतभेद , ईश्वरीय शक्ति की पूर्ण क्रपा है पर दिखावटी धर्म का पालन। बडे बडे समारोहों का आयोजन कर्ता

हरीश रावत की जन्म कुंडली पर प्रसिद्व ज्‍योतिषविद श्रीमान सुरेश शिवहरे लिखते है कि शरीर में कुछ परस्परविरोधी रासायनिक क्रियाओं के कारण शारीरिक कष्ट, और चिंतायें।  मुफ्त के धन साधन प्राप्त हों गहरी युक्तियों से पूर्ण कार्य शैली और सतर्कता , कभी कभी शब्द प्रस्तुतीकरण में हिचकिचाहट, दिमागी चिंतायें, स्वाभाव में कभी कभी तीक्ष्णता आ जाये। इनके लिए उपाय इनकी मर्जी के बाद ही दिये जायेंगे, भाग्येश गुरु अंधत्व को प्राप्त है इसलिए भाग्य और दैवीय क्रपा पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं हो पाती। इनके जीवन की उपलब्धियां इनके पुरर्षाथ और परिश्रम का परिणाम है बुध नीच का होने से कभी कभी हाजिर जवाबी में हिचकिचाहट और रुकावट आ जाती है  27 मार्च 2019 से 27 मार्च 2022 तक का समय इनके प्रतिकूल होता जायेगा परन्‍तु  इसके बाद का समय इन्हें आशातीत सफलता देने वाला रहेगा, खासकर 27 नवंबर 2023 से इन्हें पुन:सत्ता प्राप्ति के अवसर दे सकता है

त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के आठवें और वर्तमान मजबूत मुख्यमंत्री की जन्म कुंडली पर प्रसिद्व ज्‍योतिषविद श्रीमान सुरेश शिवहरे लिखते है कि

दिसंबर 1960 में कोटद्वार तहसील के खैरसैन गाँव में जन्मे त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के आठवें और वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। वे परिवार में नौवें और सबसे छोटे पुत्र हैं। रावत ने श्रीनगर के बिड़ला परिसर से पत्रकारिता में मास्टर डिग्री प्राप्त की और फिर 1979 से 2002 तक, रावत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रहे और उत्तराखंड क्षेत्र के आयोजन सचिव के पद पर रहे। 2002 में, वे राज्य के पहले विधान सभा चुनाव में डोईवाला से चुने गए। उन्होंने 2007 के चुनावों में अपनी सीट बरकरार रखी और राज्य के कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने झारखंड के प्रभारी और उत्तराखंड कैडर के अध्यक्ष के रूप में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में कार्य किया।

त्रिवेंद्र सिंह रॉवत ; त्रिवेन्द्र सिंह रावत :- बाहुबली, पुरूषार्थी और भाग्यवान है, गूढ़ विद्याओं का ज्ञान। दिमाग में योजनायें, बहुत ही पेचेदगी पूर्ण बातें, ज्योतिष, वैद्यक और कानून से लगाव। वाक सिद्धी, शिक्षा शास्त्री, सरकारी कार्यों में कार्य कुशल साथ में परिवार भी शिक्षित। बातचीत में प्रचुरता। अलौकिक ज्ञान।  भूमि, भवन, वाहन, प्रोपर्टी, वाहन और राज सत्ता सुख। धन लाभ मे दैवीय क्रपा प्राप्त, सूर्य और मंगल और पूर्व जन्म के पुण्यों की वजह से इन्हें राजयोग प्राप्त हुआ है, वाहन, अस्त्र-शस्त्र और प्रोपर्टी के व्यापार के योग भाइयों के सहयोग से स्‍थापित हुआ,  विरोधियों पर प्रभाव। विद्या और बुद्धि का योग, इनकी सफलताओं में पूर्व जन्म के पुण्यों का फल प्राप्त हो रहा है। दिमागी उलझनें बनी रहें। मन में अशांति।

सुरेश चंद्र शिवहरे जी  लिखते है कि श्री  त्रिवेन्‍द्र सिंह रावत मंदिरों में जितना दर्शन और श्रद्धा होगी उतना ही दैवीय शक्तियां सहयोग इनका करेंगी। मूंगा, माणिक और पुखराज धारण करना चाहिए पर धर्म के प्रति कुछ भ्रमात्मक निष्ठा भी पैदा हो जायेगी।  धर्म के प्रति भ्रमात्मक निष्ठा होना कष्‍टकारक होगा, वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानियां। छिपाव वाली कार्यशैली। अंदर अंदर कुछ भयभीत रहना। अपने स्वार्थ को देखते हुए योजनायें बनाना।। पत्नी का स्वास्थ्य ठीक नहीं। इंद्रियभोग की इच्छायें भी जाग्रत।

ज्‍योतिषी लिखते है कि जून 2022 से मई 2023 तक का समय कष्‍टकारक है, राज योग  में सहयोग नहीं होगा,  विरोध बढेगा, ये जितना धार्मिक कार्यों और धर्म स्थानों का भ्रमण, गुरूजनो, ब्राहमणो का सहयोग करेंगे उतनी ही इनको दैवीय क्रपा प्राप्त होगी, राजयोग कष्टदायी बनने का योग बनता जा रहा है।

लेखक- सुरेश चंद्र शिवहरे ( पराभौतिकी विशेषज्ञ) – पदार्थ विज्ञान ( तंत्र) ध्वनि विज्ञान के (मंत्र) रेखीय विज्ञान ( यंत्र) विद्या विद्या के गूढ़ रहस्यों के समाधान कर्ता एवं ज्योतिष सलाहकार । – झांसी – उ प्र – भारत

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