भारत और इजरायल डिफेंस डील से चीन और पाकिस्तान में खलबली

#चीन और पाकिस्तान में खलबली # भारत और इजरायल डिफेंस डील # किलर ड्रोन  भारत से ही निशाना #पाक अधिकृत इलाकों में आतंकी कैम्पों को नेस्तनाबूद#वहां छिपे आतंकियों पर भारत से ही निशाना  #हवा से ही आतंकी ठिकानों की पहचान  #किसी पायलट की जरूरत नहीं   #यह पहले टारगेट खोजता है, फिर उस पर निशाना  #भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन सीमा पर निगरानी के लिए तैनात किया जा सकता है # 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय इजरायल दौरे पर हैं। इस दौरान भारत और इजरायल एक ऐसा डिफेंस डील करने जा रहा है, जिससे चीन और पाकिस्तान में खलबली मच गई है। दरअसल, भारत इजरायल से 10 हेरोन टीपी ड्रोन खरीदने जा रहा है। यह ड्रोन हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल से लैस है। इसे किलर ड्रोन भी कहा जाता है। इसकी मारक क्षमता को देखते हुए इसे भारत के लिए अहम माना जा रहा है। भारत इस ड्रोन की मदद से न केवल पाक अधिकृत इलाकों में आतंकी कैम्पों को नेस्तनाबूद कर सकता है बल्कि वहां छिपे आतंकियों पर भारत से ही निशाना लगाया जा सकता है।
हेरोन टीपी ड्रोन की तुलना अमेरिका के प्रिडेटर और रीपर ड्रोन से की जाती है। यह लगातार 30 घंटे तक उड़ने में सक्षम है। इसके अलावा इसमें लगे कैमरे खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में माहिर हैं। हवा से ही आतंकी ठिकानों की पहचान की जा सकती है और उस पर निशाना लगाकर उसे ध्वस्त किया जा सकता है। यह ड्रोन किसी भी मौसम में एक टन वजन उठाकर 45000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। इसे उड़ाने के लिए किसी पायलट की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि एक कंट्रोल रूम में बैठा ऑपरेटर ही इसे कंट्रोल कर सकता है। यह ड्रोन 370 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है।

 प्रधानमंत्री मोदी और इजरायल के पीएम नेतन्याहू के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद भारत और इजरायल के बीच सात अहम समझौते हुए. इन समझौतों में एविएशन, अंतरिक्ष, कृषि और रक्षा क्षेत्र के समझौते अहम हैं. भारत ने इजरायल के साथ यूपी में गंगा की सफाई के लिए भी समझौता किया है.  भारत और इजरायल के बीच हुए ये सात अहम समझौते – भारत-इजरायल के बीच इंडस्ट्रियल आर एंड डी और टेक्नोलॉजी इनोवेशन फंड पर दस्तखत – जल संरक्षण क्षेत्र में समझौता – भारत में स्टेट वाटर यूटिलिटी रिफॉर्म- कृषि क्षेत्र में – एटॉमिक क्लॉक्स – जीईओ-एलईओ ऑप्टिकल लिंक में कोऑपरेशन- अतंरक्ष क्षेत्र में अहम समझौता – 

करीब 400 मिलियन डॉलर के इस रक्षा समझौते को रक्षा मंत्रालय ने साल 2015 में मंजूरी दी थी। इसके बाद फरवरी 2015 में बेंगलुरू में एयरो इंडिया शो में इस ड्रोन को प्रदर्शित किया गया था। इस ड्रोन कीसबसे बड़ी कासियत यह है कि यह पहले टारगेट खोजता है, फिर उस पर निशाना लगाता है। इसके बाद वह हवा से ही निशाना लगाकर मिसाइल से जमीन पर के टारगेट को ध्वस्त कर देता है। फिलहाल भारत के पास जो ड्रोन हैं उनमें यह काबिलियत नहीं है। भारत के पास मौजूदा ड्रोन जब तक टारगेट की पहचान करते हैं और निशाना लगाने की कोशिश करते हैं तब तक टारगेट गायब हो जाता है। हेरोन ड्रोन को भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन सीमा पर निगरानी के लिए तैनात किया जा सकता है। इजरायली ड्रोन ने दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इजरायल का एयरोस्पेस इंडस्ट्री इस तरह के खास ड्रोन को डिजायन और डेवलप करने के लिए दुनियाभर में मशहूर है। घरेलू कम्प्यूटर के मामले में भी इजरायल दुनिया में अव्वल है। मोटोरोला ने पहला फोन भी यहीं बनाया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”मैं इस इजरायल की यात्रा पर आकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. प्रधानमंत्री नेतन्याहू और हमने विकास के मुद्दों पर बात की. हमने ना सिर्फ द्विपक्षीय मुद्दों पर बात की बल्कि उन मुद्दों पर भी चर्चा की जिससे दुनिया में शांति कायम हो.प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”इजरायल उन देशों में शामिल है जो जल और कृषि के क्षेत्र में नई खोज कर रहे हैं. हमारे वैज्ञानिक एक साथ मिलकर दोनों देश के फायदे के लिए काम कर सकते हैं. भारत और इजरायल लोकतांत्रिक मूल्यों आर्थिक प्रगति में विश्वास रखते हैं. मैं इस मौके पर प्रधानमंत्री नेतन्याहू उनकी पत्नी और परिवार को भारत आने का न्योता देता हूं.” 

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ”मेरे दोस्त प्रधानमंत्री मोदी की यह ऐतिहासिक यात्रा है. आज हम दोनों मिलकर इतिहास बना रहे हैं. आप और मैं इतिहास बदल सकत हैं, हम कई क्षेंत्रों को लेकर चर्चा की जिन क्षेत्रों में विकास की बहुत संभावनाएं हैं. मैं तीस साल पहले तेल अवीव में एक भारतीय रेस्टोरेंट में गया था. वहां मैंने बहुत अच्छा खाना खाया. कल मैंने उसी रेस्टोरेंट के मालिक से खाना बनाने के लिए कहा. मुंबई हमलों के पीड़ित बेबी मोशे से मुलाकात करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया.”

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