राजपूतों के विरोध ने अपना असर दिखा दिया

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आने वाले चुनाव में भी यही परिणाम मिलेगा-करणी सेना
राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में भाजपा सरकार को जबरदस्त झटका लगा है. लोकसभा की दो तथा विधानसभा की एक सीट के लिए हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त मिली है. इससे जहां एक ओर कांग्रेस में खुशी की लहर है, तो दूसरी ओर राजपूत करणी सेना भी भाजपा के इस हार का जश्न मना रही है. हाल ही में देशभर में रिलीज हुई फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर करणी सेना ने विरोध जताया था और इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग भी की थी. भाजपा को उपचुनाव में मिली हार पर करणी सेना ने कहा, ‘यह एक पार्टी की जीत नहीं है, बल्कि यह हमारे संघर्ष समिति की विजय है. जनता ने हमारे संघर्ष को सहयोग दिया और भाजपा के खिलाफ वोटिंग की. यदि भाजपा ने अपना रवैया नहीं बदला तो आने वाले चुनाव में भी यही परिणाम मिलेगा.’

अजमेर लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की 8 सीटें हैं. इन सभी आठ सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं. दूदू- प्रेमचंद, किशनगढ़- भागीरथ चौधरी, पुष्कर- सुरेश सिंह रावत, अजमेर उत्तर- वासुदेव देवनानी, अजमेर दक्षिण- अनिता भदेल, नसीराबाद- सांवर लाल, मसूदा- सुशील कुमार पलाड़ा और केकड़ी सीट से बीजेपी के शत्रुघ्न गौतम विधायक हैं. सीएम वसुंधरा ने इन आठों विधायकों से कहा था कि वे उपचुनाव में दिन रात ड्यूटी करें, लेकिन इनकी रणनीति नाकाम साबित हुई.

 

  एक फरवरी को उपचुनाव के परिणामों में बीजेपी को तीनों ही सीटों पर करारी हार का सामना करना पड़ा. मंडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार विवेक धाकड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शक्ति सिंह हाडा को 12,976 वोटों से हराया. यह चुनाव भाजपा विधायक कीर्ति कुमारी की बीते साल अगस्त में स्वाइन फ्लू की वजह से निधन के कारण खाली हुई सीट पर कराया गया. अजमेर लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस के रघु शर्मा ने भाजपा के राम स्वरूप लांबा को हराकर जीत हासिल की. अलवर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के करण सिंह यादव के भाजपा के जसवंत सिंह यादव को एक बड़े अंतर से हराया. इन सीटों पर भी सांसदों के निधन के बाद फिर से चुनाव कराए गए थे. साल 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद देशभर में पंचायत और नगर पंचायत तक के ज्यादातर चुनावों में हार झेल रही कांग्रेस ने राजस्थान उपचुनाव में अप्रत्याशित जीत दर्ज की है. आगामी विधानसभा चुनावों से चंद महीने पहले राजस्थान में हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने सभी तीनों सीटें (दो लोकसभा और एक विधानसभा) जीत ली हैं. अजमेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के रघु शर्मा जीते हैं तो अलवर सीट पर कांग्रेस के करण सिंह यादव ने विजयी पताका फहराया है. मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस के विवेक धाकड़ ने जीत का स्वाद चखा है. इन तीनों सीटों पर मिली जीत कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण है.

 

राजस्थान में इस वर्ष के अंत तक प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को लोकसभा की दो तथा विधानसभा की एक सीट के लिए हुए उपचुनाव में तगड़ा झटका लगा है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अजमेर और अलवर की लोकसभा सीट और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर बड़ी जीत हासिल की है. निर्वाचन विभाग के प्रवक्ता के अनुसार अलवर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के डा. करण सिंह यादव ने भाजपा के जयवंत सिंह यादव को एक लाख 96 हजार 496 मतों के अंतर से, अजमेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के रघु शर्मा ने भाजपा के राम स्वरूप लाम्बा को 84 हजार 414 मतों के अंतर से और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विवेक धाकड़ ने भाजपा के शक्ति सिंह हांडा को 12 हजार 976 मतों से पराजित किया है.
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट ने नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग की है. अजमेर और अलवर की लोकसभा सीटें और मांडलगढ़ विधानसभा सीट के लिए आये चुनाव परिणाम के बाद प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्विटर के जरिए दी गई प्रतिक्रिया में कहा, ‘जनता की सेवा का जो प्रण चार साल पहले लिया था, उसे पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आज तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में जो फैसला जनता दिया है, वह सिर आंखों पर.’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘हम राजस्थान के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और रहेंगे. मैं भाजपा प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं और नेताओं का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने इन चुनावों में मेहनत की, लेकिन अब हमें और कड़ी मेहनत करने की जरूरत है.’ पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से एक में भी जीत हासिल नहीं हुई थी.
राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी को मिली करारी हार पर करणी सेना ने कहा है कि राजस्थान में पद्मावत को बैन नहीं किया गया था, इसलिए राजपूतों के विरोध ने अपना असर दिखा दिया है. उन्होंने कहा कि यह तो 29 जनवरी को चुनाव वाले दिन ही साफ हो गया था, लेकिन उसका रिजल्ट आज आया है. उन्होंने कहा कि राजपूतों की एकजुटता से ही बीजेपी को राजस्थान उपचुनाव में करारी हार मिली है.

करणी सेना के मुखिया लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा, मैं प्रधानमंत्री को अब भी सुझाव दूंगा कि इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाए. और यहीं एकमात्र समाधान भी है. लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब उपचुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को विजय नहीं मिली हो.

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