देश ने अपने 5 वीर जवानों को खोया & केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने क्‍या कहा & Top News 3 May 20

3 May 20# High Light# सेना के कर्नल, मेजर और तीन जवान शहीद #हंदवाड़ा एनकाउंटर में पाकिस्तान का टॉप लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर हैदर मारा गया #विशाल बोले- सेना बन गई सरकार की पीआर #बच्चों और उनके अभिभावकों को परेशान होने की जरूरत नहीं ; केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री#लॉक डाउन बना संकट, तिरुपति बालाजी मंदिर के 13 सौ कर्मचारी नौकरी से निकाले गए बाहर# राजस्थान में कोरोना वारयस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लागातार इजाफा #बिहार में कोरोना मरीजों का ग्राफ पहुंचा 495 पर # महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार के बीच ठन गई # Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper,

सेना के कर्नल, मेजर और तीन जवान शहीद

श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के कर्नल, मेजर और तीन जवान शहीद हो गए. एक ओर जहां देश कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही तो वहीं कश्मीर में सुरक्षा बल आतंकियों के मंसूबे को नाकाम करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में हंदवाड़ा में सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया. हालांकि इसमें 5 सुरक्षा कर्मी भी शहीद हो गए. सुरक्षाकर्मियों को इन आतंकियों का इनपुट 6 दिन पहले 28 अप्रैल को सबसे पहले मिला था. तभी से जवान उनके पीछे पड़े थे.

 उत्तरी कश्मीर में हंदवाड़ा क्षेत्र के एक गांव में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक कर्नल और एक मेजर समेत पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए तथा दो आतंकवादी भी मारे गए. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि शहीद सुरक्षाकर्मियों में सेना अधिकारी कर्नल आशुतोष शर्मा और मेजर अनुज तथा जम्मू कश्मीर पुलिस के उपनिरीक्षक शकील काजी भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में हंदवाड़ा के चांजमुल्ला इलाके में शनिवार को एक मकान में छिपे आतंकवादियों ने कुछ नागरिकों को बंधक बना लिया और कर्नल शर्मा नागरिकों को मुक्त कराने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे थे.

अधिकारियों ने कहा कि जब बंधकों को छुड़ाया जा रहा था तो बचाव टीम पर आतंकवादियों ने भारी गोलीबारी कर दी. सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की. बचाव टीम में एक लांस नायक और एक राइफलमैन भी शामिल थे. अधिकारियों ने बताया कि रविवार तड़के सुरक्षाबलों ने बड़ा अभियान शुरू किया क्योंकि उनका कर्नल या उनकी टीम के साथ कोई संपर्क नहीं हो पाया था. उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में दो आतंकवादी भी मारे गए हैं. इससे पहले सेना के सूत्रों ने बताया था कि सुरक्षा बलों के दो अधिकारियों सहित पांच जवान लापता हो गए हैं क्योंकि उनसे संपर्क टूट गया है. वहीं, एक अन्य अभियान में, दक्षिण कश्मीर स्थित जिले के दंगेरपुरा इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी जिसके बाद शनिवार तड़के सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी की और तलाश अभियान चलाया. उन्होंने बताया कि जब सुरक्षाबल इलाके में तलाशी अभियान चला रहे थे तभी वहां छिपे आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दी. अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. अधिकारियों ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है और पता लगाया जा रहा है वे किस संगठन से जुड़े थे. उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है.

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देश ने अपने 5 वीर जवानों को खोया. 28 अप्रैल को कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा के राजवारा के जंगलों में सुरक्षा बलों को आतंकियों के होने की जानकारी मिली. इसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. और 1 मई को दिन में 3 बजे पहली बार आतंकियों से आमना-सामना हुआ.  इस दौरान आतंकी यहां से फरार हो गए और 24 घंटे बाद हंदवाड़ा में 11 नागरिकों को बंधक बनाते हुए एक घर में छिप गए. उनके मूवमेंट की ताजा जानकारी इंटेलिजेंस को मिली. इसके बाद 2 मई को मिले इनपुट के आधार पर हंदवाड़ा में घर को घेरने को लेकर ऑपरेशन शुरू किया गया.  ये सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस का ज्वाइंट ऑपरेशन था. इस टीम में सेना के पांच और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान नागरिकों को बचाने के लिए इलाके में दाखिल हुए. एक अधिकारी ने कहा कि जैसे ही टीम अंदर की ओर बढ़ी, घर के एक छोर से फायरिंग शुरू हुई.

देश ने अपने 5 वीर जवानों को खोया. 28 अप्रैल को कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा के राजवारा के जंगलों में सुरक्षा बलों को आतंकियों के होने की जानकारी मिली. इसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. और 1 मई को दिन में 3 बजे पहली बार आतंकियों से आमना-सामना हुआ.  इस दौरान आतंकी यहां से फरार हो गए और 24 घंटे बाद हंदवाड़ा में 11 नागरिकों को बंधक बनाते हुए एक घर में छिप गए. उनके मूवमेंट की ताजा जानकारी इंटेलिजेंस को मिली. इसके बाद 2 मई को मिले इनपुट के आधार पर हंदवाड़ा में घर को घेरने को लेकर ऑपरेशन शुरू किया गया.  ये सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस का ज्वाइंट ऑपरेशन था. इस टीम में सेना के पांच और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान नागरिकों को बचाने के लिए इलाके में दाखिल हुए. एक अधिकारी ने कहा कि जैसे ही टीम अंदर की ओर बढ़ी, घर के एक छोर से फायरिंग शुरू हुई.

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में आतंकी मुठभेड़ में दो अधिकारियों समेत 5 जवानों की शहादत हो गई। इसके बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करके शहीदों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि इन जवानों ने देश के लिए बड़ा बलिदान दिया है जिसे भुलाया नहीं जा सकता। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि हमारे सैनिको की मौत से जो क्षति हुई है, उससे मैं बेहद दुखी हूं। उन्होंने देश के लिए अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए बड़ा बलिदान दिया है। हम उनके इस साहस और बलिदान का कभी भूल नहीं सकते हैं। इसके अलावा राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं आतंकी मुठभेड़ में मारे गए जवानों और सुरक्षाकर्मियों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। सिहं ने यहा भी कहा में मैं दिल से उन परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने आज अपने प्रियजनों को खो दिया है। भारत इन बहादुर शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।  

मुठभेड़ में शहीद सुरक्ष कर्मियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुये लिखा, ‘ हंदवाड़ा में शहीद हुए हमारे साहसी सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि. उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. उन्होंने अत्यंत समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा की और हमारे नागरिकों की रक्षा के लिए अथक परिश्रम किया. उनके परिवारों और दोस्तों के प्रति संवेदना.’

हंदवाड़ा एनकाउंटर में पाकिस्तान का टॉप लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर हैदर मारा गया

 जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में चांजमुल्ला इलाके में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान का रहने वाला टॉप लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हैदर मार गिराया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने बताया कि हंदवाड़ा एनकाउंटर में पाकिस्तान का टॉप लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर हैदर मारा गया है। बता दें कि शनिवार की सुबह हंदवाड़ा में आतंकियों के खिलाफ सेना ने ऑपरेशन चलाया था। इसी ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने सेना के जवानों पर फायरिंग कर दी।जिसमें कर्नल और मेजर समेत भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए। जबकि जवानों ने भी दो आतंकियों को मार गिराया। शहीद हुए सेना के अफसर, सुरक्षाकर्मियों की टीम का नेतृत्व कर रहे थे।

शहीद जवानों में 21 राष्ट्रीय रायफल्स के कर्नल आशुतोष, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश शामिल हैं। कर्नल आशुतोष को कश्मीर में बहादुरी के लिए 2 बार वीरता पदक से नवाजा जा चुका है। कश्मीर में जांबाजी दिखाने वाले श्रेष्ठ कमांडिंग अधिकारियों में उनकी गिनती होती थी। 5 साल बाद आतंकी मुठभेड़ में कमांडिंग ऑफिसर शहीद रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में 5 साल बाद आतंकी मुठभेड़ में कमांडिंग ऑफिसर खोया है। इसके पहले साल 2015 में कुपवाड़ा के हाजीनाका जंगल में आतंकी मुठभेड़ में 41 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष महाडिक शहीद हुए थे। कर्नल संतोष महाडिक की पत्नी स्वाति ने 2017 में सेना ज्वॉइन की थी।

विशाल बोले- सेना बन गई सरकार की पीआर

बॉलीवुड सिंगर विशाल ददलानी की भी इस पर प्रतिक्रिया आई

   स्वास्थ्यकर्मियों के हौसले को सलाम करने के लिए भारतीय सेना ने अस्पतालों पर पुष्पवर्षा का निर्णय किया था. रविवार सुबह देश के तमाम अस्पतालों में भारतीय वायुसेना ने पुष्णवर्षा की. अब बॉलीवुड सिंगर विशाल ददलानी की भी इस पर प्रतिक्रिया आई है. विशाल ने एक तरीके से सरकार के प्रति अपना गुस्सा प्रकट किया है.

विशाल ने ट्वीट किया, ‘डॉक्टर्स के हौसले को सलाम करने के लिए फाइटर जेट ने उड़ान भरी. जबकि दूसरी तरफ पीपीई नहीं होने की बात कहने पर डॉक्टर्स को सस्पेंड किया जा रहा है. हमारी शानदार सेना पीआर का साधन हो गई है. दिहाड़ी-मजदूर घर जाने के लिए किराया दे रहा है जबकि हमारी सरकार समाधान के बजाय अन्य चीजों पर खर्च कर रही है.’

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को यह घोषणा की थी कि सेना के तीनों अंग कोविड हॉस्पिटल्स पर पुष्पवर्षा कर, माउंटेन बैंड परफॉर्मेंस देकर कोरोना के कर्मवीरों के प्रति आभार प्रकट करेंगे. नौ सेना के लड़ाकू विमान दोपहर 3 बजे के बाद उड़ान भरेंगे. इससे पहले पुलिस बलों के सम्मान में सशस्त्र बल पुलिस मेमोरियल पर माल्यार्पण भी किया गया.

बच्चों और उनके अभिभावकों को परेशान होने की जरूरत नहीं ; केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को ऑनलाइन पढ़ाई से लेकर भावी परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बारे में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि बच्चों और उनके अभिभावकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस मुश्किल हालात में स्कूल बंद हैं लेकिन ऑनलाइन क्लासेज चल रहे हैं. बच्चे इसका भरपूर फायदा उठा सकते हैं.

मानव संसाधन मंत्री ने कहा, अभिभावकों के लिए शैक्षणकि कैलेंडर जारी किया गया है. अभिभावक किस तरह ऑनलाइन पढ़ा सकते हैं, उन्हें देखना चाहिए. ऑनलाइन कैलेंडर का फायदा यह है कि स्कूल बंद हैं तो उन्हें नहीं लगेगा कि उनका बच्चा नहीं पढ़ सकेगा. निशंका ने कहा, एनसीआरटी ने वैकल्पिक पाठ्यक्रम जारी किया है. उच्च शिक्षा का भी कैलेंडर जारी किया है. जिन क्षेत्रों में क्लास शुरू नहीं होता है, उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था शुरू कर दी गई है. जहां परीक्षाएं पूरी नहीं हो पाई हैं, उनके लिए भी व्यवस्था की गई है. जिन छात्रों के हाईस्कूल पेपर रह गए हैं, जैसे ही स्थिति ठीक होगी, परीक्षा की घोषणा कर दी जाएगी. कॉपी जांच भी शुरू कर दी जाएगी, जो बाकी रह गई है.

मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा, कक्षा एक से 8 तक के छात्रों को प्रमोट किया गया है. 12वी कक्षा की कुछ परीक्षाएं बाकी हैं, इसे देखते हुए कॉपियों की जांच की लगातार कोशिश जारी है. बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है. पाठ्यपुस्तकें भी पहुंचाना शुरू कर दिया. अब राज्यों के हाथ में है कि वे पुस्तकों की दुकानें कैसे खोलें, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए पुस्तकों की बिक्री शुरू हो. मौजूदा हालात पर मैंने सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों से बात की है. छात्रों से कहना चाहता हूं कि परेशान न हों, ऑनलाइन परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं, जैसे ही स्थिति बेहतर होगी, उन्हें वापस बुलाया जाएगा ताकि वे आगे की तैयारी कर सकें. अभी जरूरी है कि जल्दी से जल्दी कॉपियों की जांच कराई जाए और छात्रों के रिजल्ट घोषित किए जाएं.

लॉक डाउन बना संकट, तिरुपति बालाजी मंदिर के 13 सौ कर्मचारी नौकरी से निकाले गए बाहर

देश के सबसे धनवान मंदिरों में शुमार तिरुपति बालाजी मंदिर में कार्य करने वाले 13 सौ कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकाल दिया गया है। इसकी वजह उनके कॉन्ट्रैक्ट की मियाद पूरी होना बताया जा रहा है। जो 30 अप्रैल को खत्म हो गई थी और 1 मई से नया कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू करने से प्रशासन ने मना कर दिया है।

पुणे में ससून जनरल अस्पताल को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुंसधान परिषद (आईसीएमआर) ने मरीजों का इलाज प्लाज्मा थैरेपी से करने के लिए कहा है।

महाराष्ट्र के पुणे में ससून जनरल अस्पताल को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुंसधान परिषद (आईसीएमआर) ने मरीजों का इलाज प्लाज्मा थैरेपी से करने के लिए कहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से गंभीर हालत में भर्ती मरीजों का इलाज प्लाज्मा पद्धति से करने की अनुमति दे दी है। एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि इस पद्धति में कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुके व्यक्ति के प्लाज़्मा को बीमार व्यक्ति के शरीर में चढ़ाया जाता है। क्योंकि ठीक हो चुके व्यक्ति के रक्त में संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित हो चुकी होती हैं। वहीं संचारी लोग निवारण एवं नियंत्रण प्रौद्योगिकी समिति के अध्यक्ष डॉ. सुभाष सालुंखे ने कहा कि हमे प्लाज्मा पद्धति से इलाज करने के लिए जरूरी आईसीएमआर की मंजूरी मिल गई है। कुल 35 संभावित प्लाज्मा दानकर्ताओं की सूची बनाई गई है और उनसे संपर्क किया जाएगा। इन लोगों में निश्चित रूप से वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित हो चुकी हैं और अब देखना है कि कितने प्लाज्मा दान करते हैं। प्लाज्मा लेने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले इन लोगों की दोबारा जांच होगी। आगे कहा कि आईसीएमआर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह पद्धति कोविड-19 का इलाज नहीं है। हम इस पद्धति का इस्तेमाल गंभीर मरीजों के इलाज के आखिरी विकल्प के रूप में कर रहे हैं। ठीक हो चुके एक मरीज ने कहा कि अगर अस्पताल प्रशासन द्वारा जरूरी प्रक्रिया अपनाई जाती है, तो वह प्लाज्मा दान करने को तैयार है।जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने पहले प्लाज्मा थैरेपी के लिए मना कर दिया था।

राजस्थान में कोरोना वारयस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लागातार इजाफा

 राजस्थान में कोरोना वारयस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लागातार इजाफा हो रहा है। राज्य में कोरोना वायरस के 31 नये मामले सामने आये हैं इसके साथ यहां पर कोरोना संक्रमितों की संख्या बढकर 2,803 हो गयी है। जबकि आज कोरोना वायरस से संक्रमित दो मरीजों की मौत हो गई है। राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आज जयपुर में दो और संक्रमित मरीजों की मौत हो गई है। इसी के साथ राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित मरने वाले मरीजों की संख्या 70 हो गई है। मौत के कुल 70 मामलों में अकेले राजधानी जयपुर में 40 लोगों की मौत हुई है।

 अधिकारियों ने बताया है यहां पर जितनी भी मौतें हुई हैं वह मरीज कोरोना वायरस के अलावा अन्य गंभीर बिमारी से भी पीड़ित थे। राज्य में सुबह 9 बजे तक 31 नये मामले सामने आये हैं। जिनमें जयपुर से 8, जोधपुर से 9, उदयपुर से 5 चितौड़गढ़ से 3 अजमेर से 2, प्रतापगढ़ से 2, डूगंरपुर से 1 और कोटा से 1 नया मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में 2 इतालवी नागरिकों के साथ-साथ 61 वे लोग भी हैं जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर व जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया है। पूरे राज्य में 22 मार्च से लॉकडाउन है और अनेक थाना इलाकों में कर्फ्यू लगा हुआ है।

बिहार में कोरोना मरीजों का ग्राफ पहुंचा 495 पर

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 495 पर पहुंच गई है. ताजा मिली जानकारी के मुताबिक 10 और नए मामले मिले हैं जिसमें से 5 पश्चिमी चंपारण से तो 4 पूर्वी चंपारण से है. वहीं एक मामला शिवहर से मिला है.

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने यह जानकारी साझा की है. इससे पहले बिहार में 3 नए मामले मिले हैं. नए मिले मामलों में 2 बक्सर से और 1 कैमूर से मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि की है. बक्सर से एक 1.5 साल के बच्ची और एक 22 वर्ष का युवक कोरोना पॉजिटिव मिला है. जबकि कैमूर से 45 साल के व्यक्ति के अंदर कोरोना का टेस्ट पॉजिटिव मिला है.

इससे पहले, शनिवार को राज्य के विभिन्न जिलों के रहने वाले 15 लोगों के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. बता दें कि, राज्य में अब तक 26,392 नमूनों की जांच हो चुकी है. जबकि, 1346 नमूनों की रिपोर्ट अभी आना बाकी है.  इस दौरान अब तक 117 मरीज ठीक होकर वापस लौट गए हैं. साथ ही, चार लोगों की अब तक कोरोना से मौत हो चुकी है.

संजय कुमार ने कहा कि, राज्य में 361 कोरोना मरीज का इलाज चल रहा है. जबकि, कोरोना का संक्रमण बिहार के 38 में से 30 जिलों में पहुंच चुका है. इसमें सबसे अधिक 95 मामले मुंगेर जिले में सामने आए हैं. वहीं, पटना में 44, नालंदा में 36, रोहतास में 52 और सीवान में 30 मामले प्रकाश में आए हैं.

इसके अलावा बक्सर में 55, कैमूर में 28, गोपालगंज में 18, बेगूसराय में 11, भोजपुर में 18, पश्चिम और पूर्वी चंपारण में अब कोरोना के 10 मामले हो चुके हैं. 

इसके अलावा औरंगाबाद में 8, गया में 6, भागलपुर, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा और पूर्वी चंपारण में 5-5, मधुबनी 18, सीतामढ़ी में 6, सारण में 7, कटिहार में 5, लखीसराय, अरवल, नवादा व जहानाबाद में 4-4, बांका व वैशाली में 3-3, मधेपुरा, अररिया में दो-दो तथा पूर्णिया व शेखपुरा में एक-एक मामले सामने आए हैं.

महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार के बीच ठन गई

मुंबई: इटरनेशनल फायनेंशियल सर्विसेस सेंटर (IFSC) के हेडक्वार्टर को लेकर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार के बीच ठन गई है. IFSC का मुख्यालय मुंबई (Mumbai) की बजाय गुजरात (Gujarat) के गांधीनगर (Gandhinagar) में बनाने के केंद्र सरकार के फैसले पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को खत लिखकर नाराजगी जताई है. उन्होंने पीएम से तुरंत फैसले को पलटने की मांग की है.

दरअसल, IFSC सेंटर मुंबई मे बनाने को लेकर महाराष्ट्र के नेताओं ने सालों से केंद्र सरकार पर दबाव बनाया हुआ है. लेकिन केंद्र के इस सेंटर को मुंबई की बजाय गुजरात के गांधीनगर मे शिफ्ट करने के फैसले से अब सियासी तूफान खड़ा हो गया है. 

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस केंद्र की बीजेपी सरकार पर आक्रामक हो गई हैं. IFSC सेंटर को लेकर सूबे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि- मुझे माननीय से उम्मीद है कि PMOIndia राज्य की राजनीति को अलग रखते हुए तर्कसंगत, विवेकपूर्ण निर्णय लेने और इसे अत्यधिक राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा मानता है. उन्होंने आगे लिखा- मुझे उम्मीद है कि मेरा पत्र एक सही भावना से लिया जाएगा और IFSC मुख्यालय को भारत की वित्तीय राजधानी में स्थापित करने पर विचार किया जाएगा. 

 उधर, इस फैसले को लेकर महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात पहले की केंद्र पर हमला बोल चुके हैं. थोरात ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘केंद्र सरकार का  IFSC मुख्यालय को गुजरात में स्थापित करने का फैसला बेहद निराशाजनक है. केंद्र का ये कदम मुंबई के कद को कम करने के लिए उठाया गया है. केंद्र को अपने इस फैसले पर पुनिर्विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुंबई देश की वित्तीय राजधानी है. उन्होंने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र बीजेपी नेताओं की खामोशी पर भी सवाल उठाए थे. शिवसेना भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और बीजेपी से खफाहै.

महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री और शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने कहा कि उन्होंने संसद में केंद्र सरकार से IFSC केंद्र गुजरात नहीं ले जाने की अपील की थी. लेकिन सरकार ने शिवसेना की मांग को नजरअंदाज कर दिया. 

इस मुद्दे पर राजनीति तेज होती देख महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण गुजरात के गांधीनगर में स्थापित करने के केंद्र के फैसले का बचाव किया है. फडणवीस ने विपक्षी दलों पर राजनीति का आरोप लगाया है. 

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का काम हर चीज के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को दोषी ठहराना है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार की एक उच्चस्तरीय समिति ने फरवरी, 2007 में रिपोर्ट सौंपी थी जिसें IFSC के गठन की सिफारिश की गई थी. उन्होंने कहा कि न तो महाराष्ट्र सरकार ने कोई आधिकारिक प्रस्ताव सौंपा है और न ही केंद्र ने इस पर विचार किया है. गांधीनगर में IFSC के मुख्यालय की घोषणा इसलिए की गई क्योंकि यहां पहले से ही IFSC के कामकाज हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अब जो लोग ये बयान दे रहे हैं वो साल 2007 से 2014 तक सत्ता में थे. लेकिन उन्होंने मुंबई मे  IFSC के लिए कुछ कदम नहीं उठाया. जब पहली बार  IFSC का विचार आया था तो गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने इसे अपने राज्य में लाने के लिए काम शुरू किया था. वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस की सरकार ने इसके लिए कोई कदम नहीं उठाया था.

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