UK; घोटाले की सीबीआई जांच के निर्देश

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एनएच 74 भूमि अधिग्रहण व मुआवजे में घोटाले की सीबीआई जांच के निर्देश दिए
6 अधिकारी तत्काल प्रभाव से निलम्बित
अभी तक 240 करोड़ रूपए के राजस्व हानि की पुष्टि
भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्मयुद्ध की तरह लड़ाई लड़ी जाएगी
उधमसिंह नगर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 74 के लिए भूमि अधिग्रहण व मुआवजे में की गई अनियमितताओं की जांच के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सी.बी.आई की जांच के निर्देश कर दिए हैं। शनिवार को सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने यह जानकारी देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस होगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्मयुद्ध की तरह लड़ाई लड़ी जाएगी। इसमें शामिल सभी दोषी व्यक्तियों को चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो, बच नहीं पाएगा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि उधमसिंह नगर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 74 के लिए भूमि अधिग्रहण व मुआवजे में संगठित तरीके से पूरे घोटाले को अंजाम दिया गया। कमिश्नर कुमायूं सैंथिल पांडियन द्वारा की गई जांच में अभी तक  18 से अधिक मामलों में 240 करोड़ रूपए का घोटाला सामने आया है। अभी और अधिक मामले सामने आएंगे। मामले की गम्भीरता को देखते हुए विशेषज्ञ संस्था सीबीआई से जांच कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। सीबीआई अंतिम दोषी व्यक्ति तक पहुंचेगी।
उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने जनता से सीधे जुड़ने का फैसला किया है. इसके तहत जल्द ही शिकायत/सुझाव सेंटर्स विकसित किए जाएंगे. इसके तहत सरकार हर शिकायत या सुझाव पर दो घंटे में संबंधित व्यक्ति को जवाब देगी.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने यह एलान शुक्रवार को स्वतन्त्रता सेनानियों और उनके उत्तराधिकारियों के सम्मान समारोह के दौरान किया. मुख्यमंत्री ने 33 स्वतन्त्रता सेनानी और उत्तराधिकारियों को सम्मानित करते हुए उनके सुझाव और शिकायतो पर सरकार द्वारा गम्भीरता बरतने की बात की.
रावत ने अधिकारियों को हाईटेक सिस्टम विकसित करने के निर्देश भी दिए. इसके तहत प्रदेशवासी कोई भी शिकायत/सुझाव सरकार तक पहुंचा सकेंगे. सीएम ने कहा कि दो घंटे में इन शिकायतो या सुझावों पर उक्त व्यक्ति को सरकार की तरफ से जवाब दिया जाएगा और तुरंत इस पर काम शुरू किया जाएगा. त्रिवेन्द्र सिह रावत ने जल्द इस पर कमेटी बनाकर एक सीनियर अधिकारी के नेतृत्व में सिस्टम शुरू करने की बात कही.

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कमिश्नर कुमायूं की जांच में सामने आया है कि उधमसिंह नगर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 74 के लिए भूमि अधिग्रहण व मुआवजे में कृषि भूमि को अकृषि दर्शाते हुए 20 गुना तक मुआवजा दे दिया गया है। जिस तरह से अधिकारियों व अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आई है, उससे स्पष्ट होता है कि इसमें पूरा रैकेट शामिल था और संगठित तरीके से इसे किया गया है। इसमें तहसील, एसडीएम कार्यालय,चकबंदी, भूमि अध्याप्ति, एनएच प्राधिकरण, सब रजिस्ट्रार सहित अन्य व्यक्ति शामिल रहे हैं। कमिश्नर की प्रारम्भिक जांच में दोषी पाए गए अधिकारी जांच को प्रभावित न कर सकें, इसलिए सीबीआई जांच पूरी होने तक 6 अधिकारियों तत्कालीन भूमि अध्याप्ति अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह, अनिल कुमार शुक्ला, तत्कालीन उपजिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह जंगपांगी, जगदीश लाल, भगत सिंह फोनिया, एन एस नगन्याल को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। जबकि एक अन्य तत्कालीन उपजिलाधिकारी हिमालय सिंह मर्तोलिया सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास सभी अनियमितताओं के डाक्यूमेंट प्रूफ हैं। कृषि भूमि को अकृषि किए जाने के लिए प्राविधानों का पालन नहीं किया गया। जब 3 ए में नोटिफिकेशन हुआ तो उसमें एक भी आपत्ति प्राप्त नहीं हुई। 3 डी नोटिफिकेशन में भूमि कृषि थी लेकिन मुआवजे में भूमि को अकृषि दर्शाया गया। बीच के वर्षों में संबंधित खसरा में कृषि होना दर्शाया गया है। तथा फसल पैदावार दर्शायी गई है। विभिन्न तथ्यों से स्पष्ट होता है कि अवैधानिक व अनियमित रूप से भूमि की प्रकृति को कृषि से अकृषि करके मुआवजे की धनराशि में अत्यधिक वृद्धि की गई।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में चार धाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यात्रा की पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। यात्रा की व्यवस्थाओं में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों व पुलिस के जवानों का व्यवहार मित्रवत हो। उत्तराखण्ड से एक अच्छा संदेश जाना चाहिए। केदारनाथ व यमुनोत्री में यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। चारों धाम व ऋषिकेश में लाईट एंड साउंड शो द्वारा चारों धाम के महत्व का प्रसारण किया जाए। यात्रा मार्ग के पांच जिलों में प्रत्येक जिलाधिकारी को 1-1 करोड़ रूपए शासन उपलब्ध करवाए।
म्ुाख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यात्रा मार्ग में सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यात्रा मार्ग के पांच जिलों में प्रत्येक जिलाधिकारी को 1-1 करोड़ रूपए उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। यात्रा मार्ग पर संवेदनशील चिन्हित किए गए स्थानो ंपर जेसीबी, पोकलैंड व मेनपावर पहले से तैनात रखे जाएं ताकि मार्ग बाधित होने पर तुरंत खोला जा सके। मार्ग बाधित होने पर अधिकारी यात्रियों के बीच जाएं और उनके खाने पीने की व्यवस्था हो। संचार व्यवस्था को दुरूस्त किया जाए।
यात्रा में लगे वाहनों की फिटनेस आवश्यक रूप से चैक की जाए। ओवर लोडिंग, ओवर ड्राईविंग, नशे में ड्राईविंग पर सख्ती के साथ रोक हो। यह बताए जाने पर कि यात्रा के लिए लगभग 1600 वाहनों की व्यवस्था है, मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता होने पर अतिरिक्त वाहनों की व्यवस्था का भी प्रबंध हो। फोटोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन के लिए स्थानों की संख्या बढ़ाई जाए। लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। भविष्य में यात्रियों के रजिस्ट्रेशन के लिए आधुनिकतम तकनीक का उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा मार्ग पर गुणवत्ता युक्त पेयजल व स्वच्छ शौचालयों की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। जगह जगह साईनबोर्ड लगें हों जिनमें आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता व इमरजेंसी में कान्टेक्ट नम्बरों को प्रदर्शित किया जाए। यात्रा मार्ग में ढ़ाबों व रेंस्टोरेंट में क्वालिटी भेजन की उपलब्धता के लिए फूड इंस्पेक्टर लगातार चैकिंग करें। ढ़ाबों पर वस्तुओं की रेट लिस्ट लगाई जाए।
मुख्यमंत्री ने जीएमवीएन के पर्यटक आवास गृहों को सुविधाजनक बनाने के निर्देश दिए। केदारनाथ मार्ग में यात्रियों की सुविधाओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था हो। स्वास्थ्य विभाग प्रमुख स्थानों पर जीवनरक्षक दवाईयों के साथ मेडिकल स्टाफ तैनात रखे। केदारनाथ व यमुनोत्री में यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। चारों धाम व ऋषिकेश में लाईट एंड साउंड शो द्वारा चारों धाम के महत्व का प्रसारण किया जाए।
बैठक में केबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री प्रकाश पंत, श्री मदन कौशिक, श्री यशपाल आर्य, मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी, डीजीपी श्री एम.ए. गणपति सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्रदेश के शहरी विकास, आवास, पुनर्गठन एवं निर्वाचन मंत्री मदन कौशिक के आदेश पर उत्तराखण्ड शासन के शहरी विकास विभाग द्वारा जारी शासनादेश से प्रदेश के विभिन्न नगर निगमों/नगर पालिका परिषदों तथा नगर पंचायतों में समय-समय पर नामित किये गये सदस्यों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। ज्ञातव्य है कि दिनांक 24 मार्च को शहरी विकास मंत्री ने प्रदेश के नगर निकायों में नामित सदस्यों को हटाने के निर्देश सचिव शहरी विकास को दिये थे।
गर्मियों के सीजन के लिए पेयजल की हो पुख्ता व्यवस्थाः मुख्यमंत्री
जलप्रबंधन को सुधारा जाए
पेयजल विभाग टोल फ्री नम्बर सार्वजनिक करे
31 मई तक ओडीएफ का लक्ष्य हासिल किया जाए
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में पेयजल विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मियों को देखते हुए नागरिकों को पेयजल आपूर्ति की समुचित व्यवस्था अभी से कर ली जाए। जिन स्थानों में गर्मियों में नियमित तरीके से पेयजल की कमी सम्भावित हो वहां वैकल्पिक साधनों का प्रबंध कर लिया जाए। प्रदेशवासियों को पेयजल उपलब्ध करवाने में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। बताया गया कि शहरी क्षेत्रों के 422 मोहल्ले व ग्रामीण क्षेत्रों की 1006 बस्तियों में पेयजल की कमी सम्भावित है। यहां टैंकरों व पर्वतीय क्षेत्रों में खच्चरों द्वारा पेयजल पहुंचाया जाता है। पावर सप्लाई बाधित होने की स्थिति में पेयजल योजनाओं के लिए जनरेटर की व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले से बन रही पेयजल योजनाएं को पूरा करने को प्राथमिकता दी जाए। जल प्रबंधन को ठीक किए जाने की आवश्यकता है। पेयजल विभाग टोल फ्री नम्बर सार्वजनिक करे जहां पेयजल समस्या होने पर लोग अपनी शिकायत दर्ज करवा सकें।
स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्देश दिए कि मई माह के अंत तक 100 प्रतिशत (ओडीएफ) खुले में शौच से मुक्ति का लक्ष्य पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने ओडीएफ घोषित किए गए गांवो की सूची उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए ताकि उनका रेंडम परीक्षण कराया जा सके। शहरों में तब्दील हो रहे ग्रामीण क्षेत्रों में भी सोलिड व लिक्विड वेस्ट मेनेजमेंट प्लान तैयार किया जाए।
बैठक में पेयजल मंत्री श्री प्रकाश पंत, मुख्य सचिव श्री एस रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

Execlusive Report: www.himalayauk.org (HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND)

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