UK; हरीश रावत उतरे मैदान में; बदलने लगी उत्‍तराखण्‍ड की राजनीतिक फिजां

यूं भी उत्तराखंड का 20 साल का इतिहास बताता है कि कोई भी पार्टी यहां दोबारा नहीं आती और अब चूंकि चुनाव में पौने दो साल से भी कम समय बचा है इसलिए विपक्षी पार्टी चुनावी मूड में आ गई है.  पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दावा किया है कि 2022 में कांग्रेस की सरकार होगी

30 June 20# Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper. Publish at Dehradun & Haridwar. Mail us: csjoshi_editor@yahoo.in & himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030 ; # Legal Advisor: Rakshit Joshi High Court Nainital Mob. 8126290414

देहरादून.    पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को मुख्यमंत्री आवास के बाहर सांकेतिक धरना देने से पूर्व हाथीबड़कला बैरिकेडिंग पर पुलिस ने रोक दिया। हरीश रावत वहीं पर धरना पर बैठ गए। विगत दिवस बीते रोज पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ रहे दामों पर केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ बैलगाड़ी की सवारी कर प्रदर्शन किया था। इस पर पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत 44 लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसी के विरोध में वह आज सुबह मुख्यमंत्री आवास के बाहर सांकेतिक धरना देने के लिए जा रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि या तो उन्हें यहां से सीएम आवास जाने दिया जाए अन्यथा वह यहीं पर अनशन शुरू कर देंगे। वह अपने समर्थकों के धरना पर बैठ गए।

ज्ञात हो कि कुछ दिनो पूर्व हरीश रावत ने सोशल मीडिया में एक टिप्पणी की थी कि, ‘लगे रहो, रावत पूरे पांच साल।’  हरीश रावत ने सीएम त्रिवेंद्र पर तंज कसा कि पूरे पांच साल रहोगे तब ही कांग्रेस की आसान वापसी हो सकेगी। इसके तुरंत बाद हरीश रावत मैदान में उतर गये हैं, जिसका प्रभाव पूरे प्रदेश में देखा जा रहा है और पूरी कांग्रेस चार्ज हो गयी है, अब इसी क्रम में 6 महीने के ब्रेक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने  धरना पॉलिटिक्स शुरु की. आज वह अकेले ही राजभवन के बाहर धरना देने निकले थे. हालांकि उन्हें पहले ही पुलिस ने रोक लिया था और राजभवन से 50 मीटर दूर उन्होंने सांकेतिक धरना दिया. ख़ास बात यह भी है कि हरीश रावत के साथ ही नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी सक्रिय नज़र आने लगे हैं. राजनीतिक हल्कों में माना जा रहा है कि यह 2022 की तैयारी है. यूं भी उत्तराखंड का 20 साल का इतिहास बताता है कि कोई भी पार्टी यहां दोबारा नहीं आती और अब चूंकि चुनाव में पौने दो साल से भी कम समय बचा है इसलिए विपक्षी पार्टी चुनावी मूड में आ गई है.

उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी को चार्ज करने में हरीश रावत मुख्‍य धुरी फिर से नजर आ रहे है. हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्री तो हैं ही कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं.  वही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दावा किया है कि 2022 में कांग्रेस की सरकार होगी। इसके लिए कांग्रेसियों ने कमर कस ली है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार से जनता आजिज आ चुकी है ।

उत्तराखंड में हर 5 साल में सत्ता परिवर्तन का इतिहास कांग्रेस के मन में उम्मीद जगा रहा है कि शायद सत्ता का दरवाज़ा इस बार उसके लिए ही खुलेगा. हालांकि हरीश रावत का कहना है कि डेढ़ साल बाद चुनाव होंगे और उसे लेकर अभी कुछ कह पाना मुश्किल है परन्‍तु हरीश रावत उत्‍तराखण्‍ड की राजनीतिक पिच पर उतर चुके हैं

वही दूसरी ओर भाजपा ने भी तकनीक का रास्ता अख्तियार कर वर्चुअल रैली शुरू की है। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री, मंत्री और संगठन के पदाधिकारी देशभर में रोजाना इस तरह कई रैली संबोधित कर रहे हैं। आमजनता भले ही सीधे शिरकत न करे, मगर पार्टी कार्यकर्ताओं को वार्मअप किया जा रहा है। 

उत्‍तराखण्‍ड चुनाव पर हरीश रावत कहते हैं कि उनके कमांडर राहुल गांधी हैं और सेक्टर कमांडर प्रीतम सिंह हैं. इन्हीं के निर्देशों पर आगे बढ़ा जाएगा. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का कहना है कि सब एकजुट हैं, फिर वह चाहे राहुल गांधी के साथ हों, प्रीतम सिंह के साथ हों या इंदिरा ह्रदयेश के साथ.

पेट्रोल-डीज़ल के दामों में वृद्धि के विरोध में सोमवार को बैलगाड़ी यात्रा निकाल पूर्व मुख्यमंत्री ने धरना-प्रदर्शन पॉलिटिक्स की शुरुआत की थी. आज राजभवन के बार सांकेतिक धरना दे रहे हरीश रावत ने कहा कि अब वह चुप बैठने वाले नहीं है. बुधवार को वह पेट्रोल पंप पर धरना देंगे और उसके बाद रोडवेज़ की बस के आगे लेटकर विरोध जताएंगे क्योंकि उत्तराखंड रोडवेज़ की हालत खराब है.

हरीश रावत ने दिसंबर 2019 में कहा था कि वह 3 महीने यानि मार्च 2020 तक किसी पॉलिटिकल प्रोग्राम में शामिल नहीं होंगे. उसके बाद 14 जून तक वह लॉकडाउन में दिल्ली में रहे और अब करीब 6 महीने बाद उन्होंने फिर धरना पॉलिटिक्स शुरू की है.

उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस की बारी है। लोग राज्य सरकार से तौबा करने लगे हैं। और चार छह माह बाद लोग सड़कों पर  आकर बोलने लगेंगे। उन्होंने कहा कि वह लगातार जनता के संपर्क में है, उनके दुख-दर्द को जान रहे हैं ।कहा कि नेताओं का फर्ज बनता है कि वह जनता से मुलाकात करते रहे। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस की स्थिति मजबूत है। 2022 में कांग्रेस की सरकार बनेगी।

हिमालयायूके न्‍यूजपोर्टल को राजनैतिक पंडितो ने बताया कि यह वह हरीश रावत है जिनके प्रति जनता में खास अपनापन आज भी बरकरार है, जो जनता के बीच में जाकर आत्‍मीयता से मिलते है, और कुदरत ने भी हरीश रावत को जब भी कमजोर किया उसकी ऐवज में उन्‍हें फिर से मजबूत भी किया, हरीश रावत की राजनीतिक यात्रा को उठाकर देख लिया जाय तो जब भी वह कमजोर पडे, फिर एकाएक मजबूत होकर आगे बढे, 2022 में हरीश रावत एक आंधी बनकर उत्‍तराखण्‍ड की राजनीतिक आसमा पर छा जाय तो यह आश्‍चर्य नही होगा- हिमालयायूके के लिए चन्‍द्रशेखर जोशी सम्‍पादक की एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट

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