भारतीय ज्योतिष में राज्याभिषेक के लिए मार्च में कोई मुहूर्त नहीं हैं

High Light # 15 मार्च से खरमास शुरू  जो 14 अप्रैल 2022 को समाप्त होगा #14 अप्रैल, गुरुवार को सूर्य की मेष संक्रांति प्रातः 8:40 बजे से आरम्भ होगी. इस दिन खरमास की समाप्ति मेष की संक्रांति के साथ ही 14 अप्रैल को होगी# भगवान सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर गधों को रथ में जोत दिया . # भारतीय ज्योतिष में 9 ग्रहों को बहुत महत्व दिया गया है और इसमें राज्याभिषेक के लिए भी खास मुहूर्त का जिक्र किया गया है हमारे पौराणिक ग्रंथों व ज्योतिष शास्त्रों में राज्याभिषेक के लिए भी मुहूर्त का वर्णन दिया गया है। ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि सभी प्रकार के कार्यों के लिए तात्कालिक ग्रह दशा के अनुसार मुहूर्त का निर्धारण किया जाता है। राज्याभिषेक और विजय के लिए भी मुहूर्त का वर्णन ग्रंथों में मिलता है।  भारतीय ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यह मान्यता है कि मुहूर्त में किए गए कार्य सिद्ध होते हैं और कार्य में सफलता की उम्मीद काफी बढ़ जाती है। राज्याभिषेक के लिए भी खास मुहूर्त की बात करे तो  करीब 1 महीने तक शुभ मुहूर्त का इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि होलाष्टक खत्म होने से पहले ही खरमास शुरू हो गया।

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15 मार्च से ‘खरमास’ (Kharmas 2022) भूलकर भी शुभ काम न करें.

हिंदू शास्त्रों के अनुसार मलमास या खरमास में सभी तरह के शुभ कार्य आदि वर्जित होते हैं। इस दौरान सूर्य गुरु की राशियों में रहता है, जिसके कारण गुरु का प्रभाव कम हो जाता है। जबकि शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए गुरु का प्रबल होना बहुत आवश्यक होता है। 

कोई भी शुभ काम करने के लिए शुभ दिन ही देखते हैं, लेकिन कई बार लोग बिना दिन देखे भी काम करते हैं. ऐसे में अगर आप 15 मार्च के बाद कोई शुभ कार्य करने वाले हैं या सोच रहे हैं, तो रुक जाएं. क्योंकि ऐसा करना सही नहीं माना जाता.  खरमास’ (Kharmas 2022) इस महीने में किसी भी तरह के शुभ कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए. खरमास यानी खराब महीना. इसे ‘मलमास’ के नाम से भी जाना जाता है. आखिर इस मास में क्यों शुभ कार्य नहीं करने चाहिए तो बता दें कि बृहस्पति गृह को शुभ कार्यों का गुरु माना जाता है. खरमास (Kharmas 2022) में जब सूर्यदेव धनु से मीन में प्रवेश कर जाते हैं तो बृहस्पति गृह कमजोर हो जाता है. ऐसे में ये महीना शुभ कार्यों के लिए वर्जित होता है.  खरमास (Kharmas 2022) करीब 1 महीना तक चलने वाला है. इस दौरान कोई शुभ कार्य न करें.

राज्याभिषेक कई कई दिनों चलने वाली विधि है जबकि मुहूर्त कि अवधि केवल पैंतालीस मिनट होती है , यदि यह मान भी लिया जाए कि लगातार शुभ मुहूर्त हों तब भी उनकी कुल अवधि सवा दो घंटे से अधिक किसी सूरत में नहीं हो सकती , सीधा हिसाब है १३५ मिनटों को ४५ से भाग दीजिए।

खरमास में धरती के जीवो पर सूर्य देव और बृहस्पति देव के सकारात्मक प्रभाव की कमी आएगी खरमास में ग्रह नक्षत्रो का आंशिक नकारात्मक प्रभाव धरती के जीवो के जीवन शक्ति पर भी पड़ेगा 

ग्रहों का राशि परिवर्तन जातकों के जीवन पर गहरा असर डालता है  मार्च महीने में कई ग्रहों की स्थिति और चाल भी बदलने जा रही है। मार्च 2022 में तीन ग्रह सूर्य, बुध और शुक्र अपनी राशि परिवर्तन कर रहे हैं

मकर राशि में बुध, मंगल, शुक्र और शनि की युति अत्यधिक शुभ नहीं मानी जाती है. इस युति से देश-विदेश में हालात बिगड़ेगे.  महंगाई बढ़ने की भी आशंका है. मान्यता है कि शनि मकर राशि में न्याय करते हुए गलत कर्म करने वालों को सजा देते हैं.  वहीं कुंभ राशि में शुभ कर्मों में लाभदायक फल प्रदान करते हैं.  

महीने के अंत में 31 तारीख को शुक्र कुंभ राशि में जबकि बुध 24 मार्च को मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। 24 फरवरी से अस्त चल रहे गुरु भी मार्च में 26 तारीख को उदित हो जाएंगे। 31 मार्च को शुक्र, शनि की राशि  कुंभ में आ जाएंगे. मकर राशि में पहले से ही शनिदेव मौजूद हैं. ऐसे में इस राशि में बुध, मंगल, शुक्र और शनि की युति से  चतुर्ग्रही योग का निर्माण होने जा रहा है, जो सभी जातकों के जीवन पर गहरा असर डालेगा  

बुध ग्रह 6 मार्च दिन रविवार की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर करेंगे. इसके बाद 18 मार्च, 2022 को बुध ग्रह इसी राशि में अस्त हो गये फिर 24 मार्च, 2022 को मीन राशि में गोचर करेंगे. इसके बाद सूर्य 15 मार्च, 2022 को सुबह 12 बजकर 3 मिनट पर मीन राशि में गोचर करेंगे. मार्च के अंत में यानि 31 मार्च, 2022 को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर शुक्र का कुंभ राशि में गोचर होगा ; शनि के राशि परिवर्तन से मेष, वृष, मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशिवालों की प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी और लाभ में वृद्धि होगी. वहीं कर्क, सिंह, कन्या और मीन राशि के जातकों को सतर्क रहना होगा.  मार्च में कुछ राशि वालों को आशातीत सफलता मिल सकती है, जबकि कुछ राशि वालों का समय मुश्किलों भरा रहेगा।

हिंदू धर्म में इस मास का काफी महत्व है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य कुंभ राशि से निकलकर गुरू की मीन राशि में प्रवेश करता है, तब से खरमास की शुरुआत हो जाती है. खरमास (Kharmas 2022) के महीने में तीर्थ यात्रा, मंत्र जाप उच्चारण, रामायण पाठ या किसी भी तरह का पूजन नहीं करना चाहिए. साथ ही शादी-विवाह इस माह में वर्जित माने जाते हैं. हालांकि, अगर आपके जीवन में कष्ट है, तो आपको खरमास में दान-पुण्य करना चाहिए. साथ ही इस दौरान भगवान में मन लगाने से आपको लाभ मिलेगा. इस माह में आपको भगवान शिव की अराधना करनी चाहिए. इस दौरान आपको ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए. जिसके लिए सबसे पहले साफ पानी से स्नान कर लें. फिर तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन, शहद व लाल पुष्प डाल लें और सूर्यदेव को अर्घ्य दें. 

पंचांग के अनुसार सूर्य प्रत्येक राशि में पूरे एक माह के लिए रहता है, जिसके अनुसार पूरे वर्ष भर में 12 महीनों में 12 राशियों में प्रवेश करता है। सूर्य का यह भ्रमण पूरे वर्ष चलता रहता है। इसी कारण वर्षभर में शुभ और अशुभ मुहूर्त परिवर्तित होते रहते हैं। 12 राशियों में भ्रमण करते हुए जब सूर्य गुरु यानी बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करता है, तो खरमास प्रारंभ हो जाता है 

 ज्योतिषाचार्य के अनुसार जिस प्रकार श्राद्ध पक्ष में नए और शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। उसी प्रकार खरमास में भी कुछ विशेष कार्यों को वर्जित माना जाता है। 

भगवान सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर गधों को रथ में जोत दिया

खरमास की पौराणिक ग्रंथों में वर्णित कथा के अनुसार भगवान सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा करते रहते हैं. उन्हें कहीं पर भी रुकने की इजाजत नहीं है. मान्यता के अनुसार उनके रुकते ही जन-जीवन ठहर जाएगा. लेकिन जो घोड़े उनके रथ से जुड़े होते हैं वह लगातार चलने और विश्राम न मिलने के कारण भूख -प्यास से बहुत थक जाते हैं. उनकी इस दयनीय दशा को देखकर सूर्यदेव का मन भी द्रवित हो गया. वह उन्हें एक तालाब के किनारे ले गए लेकिन तभी यह याद आ गया कि अगर रथ रुका तो अनर्थ हो जाएगा. लेकिन घोड़ों का सौभाग्य कहिए कि तालाब किनारे दो खर मौजूद थे. भगवान सूर्यदेव ने घोड़ों को पानी पीने और विश्राम करने के लिए छोड़ दिया और गधों को अपने रथ में जोत दिया. गधा की गति घोड़ों से धीमी थी फिर भी जैसे-तैसे एक मास का चक्र पूरा होता है. तब तक घोड़ों को विश्राम भी मिल चुका होता है. इस तरह यह क्रम चलता रहता है और हर सौर वर्ष में एक सौर खर मास कहलाता है.

चंद्र राशि के आधार पर जानिए सभी 12 राशियों पर सूर्य का कैसा असर रह सकता है…

मेष – सूर्य के कारण खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है। सूर्य द्वादश रहेगा। इस वजह से आंखों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। तनाव बढ़ सकता है।

वृष – इन लोगों के लिए सूर्य एकादश रहेगा। इस कारण इस राशि की आय में बढ़ोतरी होने के योग बन सकते हैं। नौकरी में खास काम पूरा हो सकता है।

मिथुन – इस राशि के लिए सूर्य दशम रहेगा। घर-परिवार में कोई शुभ काम हो सकता है। परिवार की मदद से किसी काम में सफलता और लाभ मिल सकता है।

कर्क – सूर्य नवम हो जाएगा। इस कारण कर्क राशि के लिए ये समय शुभ रहेगा। भाग्या का साथ मिलेगा। मान-सम्मान और सफलता मिल सकती है।

सिंह – इन लोगों के लिए सूर्य अष्टम रहेगा। इस वजह से अनजाना डर सता सकता है। तनाव बढ़ सकता है। मेहनत ज्यादा करेंगे तो ही कुछ लाभ मिल सकता है।

कन्या – सूर्य के सप्तम होने से जीवन साथी के साथ वाद-विवाद हो सकता है। प्रेम बनाए रखें और सोच-समझकर का बात करें। धैर्य न छोड़ें। सावधान रहें।

तुला – सूर्य षष्ठम होने से स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा। शत्रुओं हावी होने की कोशिश करेंगे, लेकिन आपका नुकसान नहीं कर पाएंगे। धैर्य रखें।

वृश्चिक – सूर्य पंचम रहेगा, इस कारण संतान से सुख मिलेगा। नौकरी और कार्य स्थल पर लाभ मिलने के योग हैं। मान-सम्मान मिलेगा।

धनु – इनके लिए सूर्य चतुर्थ होने के कारण लाभदायक स्थितियां बन सकती हैं। धन मिलने के योग हैं। घर-परिवार और समाज में सुखद वातावरण रहेगा।

मकर – सूर्य तृतीय हो जाएगा। इस कारण किसी मनपसंद की जगह पर घूमने जा सकते हैं। भाइयों से और मित्रों से सहयोग मिलेगा। धन लाभ भी हो सकता है।

कुंभ – द्वितीय सूर्य लाभ दिलाने वाला रहेगा। लेकिन, जोश में कोई काम न करें। धैर्य बनाए रखें। आंखों से जुड़ी समस्या हो सकती है।

मीन – सूर्य अब इसी राशि में रहने वाला है। आपके वर्चस्व में बढ़ोतरी हो सकती है। लाभ मिल सकता है। बाधाएं दूर होने के योग हैं।

Presents by Chandra Shekhar Joshi- Editor; www.himalayauk.org (Leading Newsportal) Publish at Dehradun & Haridwar Mob. 9412932030

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